69000 शिक्षक भर्ती में आज के सुनवाई का विस्तृत वर्णन

आज 26sep के सुनवाई का विस्तृत व्याख्या 

69000 शिक्षक भर्ती का बहुप्रतीक्षित मामले की सुनवाई आज उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ के कोर्ट न.1- में *माननीय न्यायमूर्ति श्री पंकज जायसवाल एव माननीय न्यायमूर्ति श्री इरशाद अली जी* की बेंच में पहले से तय कजलिस्ट के अनुसार 02:36 मिनट पर टेकअप हुआ।
69000 शिक्षक भर्ती
सीनियर अधिवक्ता श्री प्रशांत चंद्रा साहब* ने केस को कल की बहस से आगे बढ़ते हुए। सबसे पहले *®आनन्द कुमार* केस के आदेश का एक-एक बिंदु बिंदुवार समझाते हुए कोर्ट को स्पष्ट किया कि _"शिक्षामित्र का *अवैध समायोजन रद्द* करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इन्हें अग्रिम भर्ती में सिर्फ और सिर्फ कुछ भारांक एव उम्र में छूट देने की बात कही है माननीय न्यायालय ने ये बात स्पष्ट करते हुए कही है कि...ये छूट इन्हें दो खुली भर्ती में दी जाएगी। आनंद कुमार केस की आड़ में खेल रहे विपक्ष के दावों को *कोर्ट आदेश* सामने रख के ऐसी सर्जरी की माननीय चंद्रा साहब ने की अब शायद ये हवाल दे कि सुप्रीम कोर्ट ने दो मौका दिया है तो शायद अब गुमराह न कर पाए।

➤ पुनः इन्होंने *68500 एव 69,000-®-शिक्षक भर्ती* का प्रकाशित विज्ञापन, प्रश्न पत्र,अभ्यर्थियों की कुल संख्या,पदों की संख्या एक एक बिंदु पर कोर्ट को सहमत किया कि *_दोनों भर्ती किसी भी तरह से समान नही है..कोर्ट ने सहमति दी ➡(ध्यान रहे सिंगल बेंच में आधार ही यही था विपक्ष का की दोनों भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार समान है)_* की दोनों के विज्ञापन,पद,अभ्यर्थियों की संख्या,प्रश्न पत्र सब कुल अलग है।

➤ 68,500-®-शिक्षक भर्ती में* परीक्षा लिखित थी स्तर उच्च था,अभ्यर्थि कम थे इसलिए तय कट-ऑफ कम रखी गयी थी *जबकि69,000-®-शिक्षक भर्ती में* परीक्षा OMR पर आधारित थी इस वजह से परीक्षा का स्तर लिखित के सापेक्ष आसान थी।अभ्यर्थी की संख्या 68500 के सापेक्ष 4 गुना थी इसलिए कट-ऑफ बढ़ाना लाजमी था।

➤ माननीय इरशाद अली जी ने सबसे चर्चित प्रश्न उठाया... "आपने कट-ऑफ 40%-45% से 60%-65% क्यो किया ? दोनों भर्ती को अलग सिद्ध कर चुके चंद्रा साहब कोर्ट को वहाँ जवाब से अस्वस्थ किये की महोदय यही इस केस का *मुख्य पार्ट है...की हमने कोई कट-ऑफ परिवर्तित ही नही की मूल विज्ञापन देते हुए कहा देखिय कोई कट-ऑफ मेसन ही नही है ये 40%-45% पिछली भर्ती का कट-ऑफ है जिसे सिंगल बेंच ने अपने आदेश में थोपा है और बेसिक शिक्षा नियमावली सरकार को यह अधिकार देती है कि वह शिक्षक भर्ती के लिए न्यूनतम कट-ऑफ समय-®-समय पर निर्धारित कर सकती है।* अब तक सरकार ने कोई कट-ऑफ ही नही लगायी है। तो यहां कट-ऑफ लगाया जा रहा है न कि उसे बदला जा रहा है। दोनों जज उत्तर से पूरा सहमत हुए।

➤ माननीय इरशाद अली जी ने पुनः जवाब पे प्रश्न उठाया.... "आपने सेलेक्शन प्रॉसेस के बाद कट-®-ऑफ क्यो लगाया"? चंद्रा साहब ने पुनः कोर्ट को बताया *यह महज एक क्वालीफाईग परीक्षा है।* सेलेक्शन प्रॉसेस शुरू ही नही हुआ है। _जज साहब ने पुनः क्रॉस क्वेश्चन किया सेलेक्शन के बीच मे आपने प्रॉसेस क्यो बदला_ पुनः संतुष्ट करते हुए बताया महोदय यह शिक्षक-®-भर्ती परीक्षा महज एक चरण है इस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थी ही आगे शिक्षक भर्ती में प्रतिभाग करेंगे *उस समय चयन प्रक्रिया शुरू होगी* कोर्ट पूर्ण रूप से सहमत हुई माननीय इरशाद जी के सारे प्रश्न के जवाब आज वाजिब उत्तर से माननीय चंद्रा जी ने दिया। 1% भी कोर्ट असहमत नही हुई कही भी।

➤ कुलभूषण मिश्रा के आदेश* के एक एक बिन्दु पर कोर्ट को सहमत किया। उसके बाद *MCD आदेश* पर पहले और बाद में लगाये गए पासिंग मार्क को कैसे सुप्रीम कोर्ट ने सही माना को बिंदुवार बताया। *योगेश कुमार,एव DSSSB* में क़्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर जोर देते हुए मामले को कोर्ट के सामने रखा।

➤ कोर्ट में महाधिवक्ता जी के बाद चंद्रा सर का सबमिशन पूरा हो गया है।

➤ कल टॉप मोस्ट सीनियर अधिवक्ता श्री एस के कालिया साहब 90-97 का पक्ष रखेंगे।

➤ समय रहा तो कल ही सर्विस मामले के लखनऊ खंडपीठ के टॉप मोस्ट सीनियर श्री जयदीप नारायण माथुर साहब भी अपनी बहस प्रारम्भ करेंगे।

➤ भविष्य में क्या है इसपे टिप्पड़ी करना बचकानी हरकत होगी बस इतना है केस अभी तक सकारात्मक दिशा में है।आगे महाकाल की इच्छा।

➤  विशेष:- मामला अब विजयदशमी के बाद दीवाली के आस-पास जाएगा इसलिए धैर्य रखें। सयमित भाषा का प्रयोग करे।अनावश्यक आरोप-प्रत्यऱोप से बचे।