नई शिक्षा नीति को लेकर शिक्षामित्र न हो परेशान, संगठन एक ठोस रणनीति पर काम कर रहा - बोले शिवकुमार शुक्ला

प्रदेश के समस्त शिक्षामित्र भाइयों बहनों आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप गुमराह मत होइए और किसी भी बात को लेकर आशंकित मत रहिए आज सुबह से देख रहा हूं नई शिक्षा नीति पर तमाम साथियों का अपना-अपना मत व्हाट्सएप और फेसबुक पर चल रहा है।।

इसमें हमारे साथी काफी परेशान है मैं समस्त भाइयों बहनों से अपील करता हूं कि परेशान मत होइए हताशा और निराशा से कोई काम चलने वाला नहीं है संगठन एक ठोस रणनीति में लगा हुआ है नई शिक्षा नीति में कोई ऐसी बात नहीं है कि जिस में संविदा शिक्षकों को हटाया जाए।।

बल्कि राज्य सरकारों को विचार करते हुए समायोजन न्यूनतम मानदेय व अपने स्तर पर नई नीति बनाकर कार्य करवाने की व्यवस्था की गई है इसके संबंध में माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री से कई बार वार्ता भी हुई थी और उन्होंने आश्वासन भी दिया था।।

जो हिंदी में 2022 में संविदा शिक्षकों को हटाने का वीडियो या व्हाट्सएप फेसबुक पर पत्र वायरल किया जा रहा है निश्चित रूप से गलत है और वह पूर्व में दिया गया प्रत्यावेदन है जिस पर राज्यों से सुझाव मांगे गए थे ।।

राज्यों के साथ-साथ लाखों लाख की तादात में प्रदेश के संविदा शिक्षकों अभिभावकों बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के द्वारा सुझाव दिया गया था जिस पर भारत की सरकार ने पुनः विचार करते हुए संविदा शिक्षकों के जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपा है ऐसी स्थिति में कुछ अच्छा ही होगा माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अभी अपने एक न्याय निर्णय में दिल्ली के साथियों को 19000 से अधिक मानदेय देने की बात कही उधर होमगार्ड साथियों का न्यूनतम वेतनमान का आदेश भी सरकार द्वारा सर्वमान्य कर लिया गया है।।

ऐसी स्थिति में विकल्प निकलेगा हताश होने की आवश्यकता नहीं है मजबूत होकर संघर्ष के लिए आगे बढ़े संगठन को ताकत प्रदान करें और सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए मैं यह भी अवगत कराना चाहता हूं कि मैं सरकार के माननीय मंत्री बेसिक शिक्षा से कई बार बार तभी कर चुका हूं उनके द्वारा पूर्ण आश्वासन भी दिया गया था कि शीघ्र ही उचित न्याय निर्णय किया जाएगा ।।

इस संबंध में माननीय दिनेश शर्मा जी से भी वार्ता हो चुकी थी और उन्होंने पत्रावली मुख्यमंत्री जी को प्रेषित कर दिया था परंतु हमारे बीच के ही साथी शिक्षामित्रों को गुमराह करने लगे और एक नई योजना में शामिल कर दिए उसकी जिम्मेदारी ले लिए और हम लोगों के खिलाफ तमाम प्रकार का ऑडियो वीडियो व्हाट्सएप फेसबुक लिखित व मौखिक शिकायत सरकार के एक जिम्मेदार अधिकारी से करना प्रारंभ कर दीय।।

परंतु मुझे इस बात का कोई डर नहीं है मैं निरंतर शिक्षामित्रों के हित में संघर्ष किया हूं और संघर्ष करता रहूंगा शिक्षामित्र का हित प्रभावित ना हो वही फैसला मेरे लिए सर्वमान्य होगा जहां शिक्षामित्रों का हित प्रभावित होगा उसके लिए मैं संघर्ष करूंगा और संघर्ष के लिए निरंतर अपने साथियों को तैयार रहने का अनुरोध करूंगा।।।
मैं आप सब से निवेदन करता हूं कि आप पूरी निष्ठा से काम करिए और देर ही सही लेकिन परिणाम अच्छा होगा हालात अच्छी होगी और किसी प्रकार का सोच ऐसी ना रखें कहीं भी शिक्षामित्र निकाले नहीं जाएंगे देश के एनी प्रदेश के सरकारे संविदा शिक्षकों को समायोजित करने के लिए नियमावली तैयार कर रहे हैं ।।

छत्तीसगढ़ हो चुका है मध्य प्रदेश बेहतर हो गया झारखंड में नियमावली बन रही है दिल्ली में मानदेय वेहतर हो गया और इसी प्रकार से उत्तराखंड की स्थिति बेहतर है और उत्तर प्रदेश में भी व्यवस्था अच्छी होगी ।।

इसी आशा विश्वास के साथ कि आप किसी प्रकार के बहकावे में ना आते हुए अपना काम करते रहें और संगठन में अपनी निष्ठा रखे सहयोग प्रदान करें जिसकी भावना जैसी होगी उसका परिणाम वैसे ही मिलेगा। निरंतरता में संघर्षरत है आपका सहयोग मिलता रहे।।
धन्यवाद