69000 शिक्षक भर्ती में शिक्षामित्रों की रणनीति का तोड़ और भर्ती के स्वयंभू नेताओं के आरोपों का जवाब

69000शिक्षकभर्ती #कोर्ट #बहस #उम्मीद #आशा #लीगलटीम #सच्चाई #सहमति #असहमति पर सबसे ऊपर मेरे जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य *#एकलक्ष्यनियुक्ति🙏🏻🔱*

*सुकरातों ने विष पीकर ही सदा उठाये जग में घाटे,*
*कहता है इतिहास कला के अक्सर हाथ गए हैं काटे ।*
*किंतु युगों ने कीर्ति हमेशा उन्हीं समर्थों की गाई है,*
*जो सच पर ही टिके रहे हैं,सच के साथ बराबर बैठे ।।🧘🏻‍♂*
69000 शिक्षक भर्ती में शिक्षामित्रों की रणनीति का तोड़

साथियों पोस्ट की लंबाई से बिना ऊबे हुए पूरी जरूर पढ़ियेगा क्योंकि भर्ती के विज्ञापन को बिना पढ़े पूरा फॉर्म नहीं भरते हम आप तो यहां तो बात जानकारी की है। पोस्ट पढ़िए स्वयं विचार कीजिये 👍

*अपने केस की अगली सुनवाई बुधवार को होनी है उस दिन नो फ्रेश डे भी है ।बहस विपक्ष की ओर से उपेंद्र मिश्रा जारी रखेंगे लेकिन जज साहब की उठते समय की गई टिप्पणी को देखते हुए वह दिन उनकी बहस का शायद अंतिम दिन हो सकता है ।इसके बाद शिक्षामित्रों की अन्य टीमो के अधिवक्ता बहस करेंगे और सबसे अंत मे वापस 90 97 के पैनल को मौका मिलेगा और फिर ऑर्डर रिजर्व होगा ।।*

*साथियों कुछ कुंठित और जलनशील प्रवित्ति के स्वयंभू नेता जो अभी तक जब पब्लिक को सही जानकारी देनी थी बिल में घुसकर बैठे थे क्योंकि तब तक लाखों रुपये उनके खाते में थे ऐश की जिंदगी चल रही थी,उन्हें अब दोबारा पैसा लूटने की सुधि आई तो बिना केस जीते वाहवाही की होड़ में आरोपों की तीर कमान लेकर कूद पड़े मेरे ऊपर जिसके कारण मुझे यह स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है ।*

*मेरा उद्देश्य आपसी आरोप प्रत्यारोप में उलझकर या आपसी रंजिश में केस की स्थिति खराब करना नहीं है बल्कि मेरा प्रयास ये है कि अगर मैं अकेले दौड़भाग करके 4 काम कर रहा हूँ तो जो बड़े बड़े मठाधीश है वो कम से कम अपने गिरोह के साथ 8 काम तो करें । खैर वो करते भी रहे हैं और मैंने इस बात को कभी खारिज न किया अगर बन्दे ने 69000 के लिए घर से बाहर कदम भी निकाले हैं तो वह बन्दा पूज्य है पर यहां तो लोग इतने कुंठित हैं कि वर्ष भर की गई मेहनत को पब्लिसिटी करार दे रहे हैं और हमारा सच बेचने के नाम पर अपना सफेदपोश बनने निकले हैं ।*

*एक भूतपूर्व अध्यक्ष,भूतपूर्व इसलिए कि जिसने अपने बीटीसी बैच के हर उस व्यक्ति के पीठ में खंजर घोंपा जिसने उसको बढाने के लिए कभी pnp कभी दिल्ली कभी अपने जिले में मेहनत की फिर वह राजबसु,अभिषेक,अश्वनी,शिवम सिंह राणा,राजू,रवि,ऋषभ कोई भी रहा हो । ऐसा बन्दा मेरी वीडियो और पोस्ट में आप सबका प्यार आशीर्वाद और स्नेह देखकर कुंठा में पैसों के गबन का आरोप मढ़ रहा है मुझपर खैर मैं तो बताऊंगा आपको हर एक पैसे का हिसाब उसके पहले आप सब गौर करें । जब महाशय अध्यक्ष थे कभी संगठन का खाता न बनवाया हमेशा अपना खाता जारी किए और उस खाते में विभिन्न केसों के नाम पर लाखों रुपये मंगवाए हम सबने अपने जिलों से भेजे उसके बाद उसका हिसाब मांगने पर लोगों को फेल घोषित कर दिया गया ।आजतक उस मुद्दे का हिसाब भाई साहब ने नहीं दिया है जिसके कारण बीटीसी अध्यक्ष होते हुए भी बीटीसी के ही छात्र छात्राओं द्वारा #गद्दार घोषित किए गए हैं ।।*

*साथियों एक बात डंके की चोट पर कह रहा हूँ वकील यहां किसी की बपौती नहीं है न किसी ने अपने पिता जी के पैसे से अधिवक्ता को किया है । याची लोगों के ही पैसे से अधिवक्ता किये गए हैं । स्पेशल अपील 156/2019 (राघवेंद्र,शिवेन्द्र एंड others) पर सीनियर कॉउंसिल अनिल तिवारी हैं साथियों जब मेरा नाम इस याचिका में है तो मैं किसी और याचिका के लिए पैसे क्यों दूंगा आप खुद सोचिए ??*

*इस याचिका 156/2019 का कुल जमा खर्च इन्होंने खुद 4 लाख 30 हजार बताया है । अगर मैं इनके हिसाब से ही मान लूं 3लाख20 हजार मैंने दिया + 1लाख रुपये बड़े भाई राघवेन्द्र प्रताप सिंह सोमवंशी ने दिया इनको । कुल हो गया 4 लाख 20 हजार अब बताओ मेरे भाइयों इस याचिका का कुल खर्च दिया गया मेरे और मेरी टीम द्वारा या नहीं ??* फिर किस मुँह से अपना स्तर गिराकर ये मुझपर आरोप लगा रहे हैं गबन का ??

(जबकि इसके अतिरिक्त कैश अंतिम दिन मैंने 12500 दिया था एक दुकान से निकालकर क्योंकि खाते की लिमिट खत्म थी उस दिन ।।)

*कुछ बातें बिंदुवार स्पष्ट कर रहा हूँ कृपया ध्यान से पढ़िएगा :----/💐*

*आरोप नम्बर 1* वकील से न मिलता हूँ .....।

*जवाब* :- *इस स्वयम्भू आत्ममुग्ध अध्यक्ष के द्वारा 40 45 के आदेश को चुनौती दी गई थी लखनऊ बेंच में जिसके कारण रिजवान एंड टीम आपको याद हो तो दावा कर रही थी कि याचिका ही डिसमिस करवा देंगे हम सबकी ।जब यह बात राघवेन्द्र भैया को मालूम चली तो हम दोनों लोग इलाहाबाद से भागकर लखनऊ आये तो अध्यक्ष और छोटे कद के कॉपी पेस्ट करने वाले छोटे अध्यक्ष जी ने खूब आना कानी की याचिका दिखाने में राघवेन्द्र भैया ने जब जमकर हड़काया तो याचिका मजबूरी में दी इन्होंने उसको पढ़ने पर याचिका में तमाम कमियां उन्होंने पकड़ी,जिसके बाद रातोरात मैं इलाहाबाद गया वहां से 0 वाला आदेश (सिंगल बेंच इलाहाबाद) की सर्टिफाइड कॉपी एक्स्ट्रा पैसे देकर निकलवाकर लाया और अगले दिन हम और राघवेंद्र भैया दोनों लोग अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी सर के साथ अनिल तिवारी सर के यहां पहुँचे इन लोगों को जैसे भनक लगी ये लोग भी पीछे पीछे वहां पहुँच गए । उसके बाद ये लोग बाहर बैठे रहे राघवेंद्र भैया गुस्से में अनिल सर के चैंबर में गए वहां जब उन्होंने बात रखी 0 वाले आदेश की तो अनिल सर ने कहा कि इस आदेश से तो मुझे अवगत ही नहीं कराया गया था और मुझे बताया गया है मेरे याचिकाकर्ता शिवेन्द्र और राघवेंद्र बीएड अभ्यर्थी हैं । इस बात को सुनते ही राघवेंद्र भैया ने जब इन महानुभाव से प्रश्न किया तो ये बगले झांकने लगे इनके मुँह से आजतक जवाब न निकला कि केवल शिवेन्द्र को बीटीसी अभ्यर्थियों से गाली दिलाने के लिए ये कृत्य जो इन्होंने किया उसका कितना बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता अगर मुख्य याचिका ही कमजोर पड़ जाती । अगले दिन वही हुआ जिसका अंदेशा था उपेंद्र मिश्रा सर ने याचिका पर आपत्ति लगा दी पर तिवारी सर सप्लीमेंट्री में उसी 0 वाले आदेश के साथ अड़ गए और इस तरह से अपनी याचिकाएं न्यायालय में स्थापित हो पाईं ।। (उक्त सभी बातें अक्षरसः सत्य हैं,जिसको चेक करना हो आकर याचिका पढ़ भी सकता है और अगर ये कह दें मैं झूठ कह रहा हूँ तो राघवेंद्र भैया से एक पोस्ट ये महाशय अपने लिए करवा लें कि शिवेन्द्र ने ये जो बात कही है गलत कही है ।।)*

*याचिका 156/2019 पर शिवेन्द्र और राघवेन्द्र आकर के लगातार सीनियर वकीलो के साथ ब्रीफिंग करेंगे केस जल्दी निस्तारित हो जाएगा तो पैसे की लूट का हिसाब देना पड़ेगा इसके लिए दोस्त इस याचिका में जबर्दस्ती एक से अधिक जूनियर को घुसेड़ा गया । लखनऊ हाइकोर्ट खंडपीठ की वर्तमान में शायद एकलौती याचिका है जिसपर तिवारी सर को असिस्ट करने के लिए श्री अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी जी जैसे काबिल अधिवक्ता के होते हुए भी, श्री डीपी शुक्ला सर को अतिरिक्त जोड़ा गया जिसका खर्च बेकार में याचियो का पैसा फूंकना हुआ या नहीं हुआ आप स्वयं सोचें ?? लेकिन क्या सांठ गांठ थी इनकी यही जानें क्यों एक ही जूनियर अधिवक्ता को बार बार किया गया हर याचिका में ??? आप सोचिए जब रिजवान अधिवक्ताओं की फौज लाता है तो एक ही अधिवक्ता को तीन बार पैसे क्यों देने उसी पैसे से तीन अलग अलग अधिवक्ता क्यों नहीं किये गए ??? आप खुद सोचिए ऐसा क्या लगाव है महाशय को जो अधिवक्ताओं की संख्या बढ़ाने के बजाय याचियों का सारा पैसा अनर्गल उड़ाया गया ??*

*आरोप नम्बर 2*....:- *अभी हाल में ही टीम पर आरोप लगाया गया कि पैसे का गबन किया गया है मेरे द्वारा ।*
*जवाब* :-
*टीम द्वारा बनाये गए याचियों में हर एक याची को यह बात मालूम थी और है कि शिवेन्द्र के पास याचिका 156/19 और याचिका 257/19 दोनों का खर्च देने के बाद एक सीमित राशि शेष है जिसको शिवेन्द्र सही समय पर इस्तेमाल करेंगे क्योंकि विपक्ष लगातार दुविधाएं खड़ी करने की कोशिश करेगा यहां से विजय मिलने के बाद भी ।इस बन्दे ने आज तक अपने याचियों को याचिका तक न दी है 1 साल होने को आ गए हैं । मेरी याचिका 257/2019 के हर एक याची को उसका याची क्रमांक मालूम है 4 4 बार याचिका भेजकर लोगों के नाम समेत सभी संशोधन किए गए उस समय भी इस बन्दे ने मुझसे जुड़े लोगों को भड़काने की कोशिश बहुत की पर लोगों ने याचियों ने भरोसा प्यार आशीर्वाद बनाये रखा उसके लिए ताउम्र आभारी हूँ ।*

*इसके बाद महाशय ये बताएं कि जब सभी अधिवक्ताओं की फीस हो गई थी इनके पास कुल जमा रकम लगभग 32 लाख रुपये + 3.5लाख लगभग मेरा+1लाख राघवेन्द्र भैया+ सिंगल बेंच का शेष जो पहले हम सबसे 2 से 2.5 लाख बताते थे उसे कल मैंने देखा कि 50 हजार दर्शाया गया है खैर अभी उसको 50 हजार ही मान लें तो कुल जमा रकम हुई 37 लाख रुपये ।*

*कालिया सर तिवारी सर और बाकी सब खर्च उस समय जब याचिका दाखिल हुई थी तो मुस्किल से 30 लाख हुआ था इनके पास 7 से 8 लाख रुपये मौजूद थे फिर इनको इतनी कुंठा मेरे खाते मे शेष बची राशि से क्यों थी कल को ये पैसे लेकर भाग जाते अपने याचियों को क्या जवाब देता मैं ???*

*मेरे द्वारा सार्वजनिक प्रस्ताव रखा गया था मई माह में जब इनकी लचर पैरवी और कालिया के न आने के कारण लोगों का धैर्य टूट रहा था तो कि आप अपना स्टेटमेंट दो मैं अपना देता हूँऔर सँयुक्त खाता बनवाओ और आपके पास जो राशि बची आप डाल दो मेरे पास जो बच रही मैं डाल दुँ क्योंकि उस समय भर्ती में टीम के दो ही चेहरे थे उस बात से ये भाई साहब साफ मुकर गए और मुझे उसी समय समूह से निकालकर ब्लॉक कर दिया आजतक मैं इनके समूह में ब्लॉक हूँ ये मेरे समूह में अनब्लॉक हैं । जब मैं गलत हूँ नहीं तो डर काहे का ।* *मुझे गाली देने वाले इनके कुछ समर्थक भी ये बात जानते हैं शिवेन्द्र ये बातें अक्षरसः सत्य बोल रहा है अगर उनका जमीर जिंदा होगा तो इस बात को मानेंगे और इनसे जवाब मांगेंगे जमीर मर चुका होगा तो समझाएंगे अभी हिसाब का वक्त नहीं है अभी ये है अभी वो है ।।*

*आरोप 3* :- कोर्ट पास बनवाया कोर्ट नहीं आया मैं😅✊

*जवाब :- भाई साहब यही बात आपके 4 लोगों की तरह जो आपके सकत हमेशा रहते हैं मेरे साथ भी 4 लोग जो हैं उनसे मैं भी लोगों को पुछवा सकता हूँ कि आप थे ही नहीं न्यायालय में । आप लाख कोशिश करो साबित न कर पाओगे । ऐसे छिछले आरोप अच्छा नहीं लगता है जब पास बनेगा तो हर व्यक्ति सुनवाई सुनेगा वाहवाही के लिए नहीं अपनी खुद की नौकरी के लिए ।।हां ये अलग बात है उन व्यक्तियों में कुछ को अंग्रेजी वाली बहस समझ आती है कुछ को नहीं ।*

*आरोप 4* :- पब्लिसिटी करते हैं अपनी .....?
*जवाब :- लोगों ने भरोसा करके पैसे दिए हैं,लोग भरोसा करके निश्चिन्त घरों में बैठे हुए हैं । अगर उनतक अपने किये हुए कामों के बारे में जानकारी मैं साझा कर रहा हूँ तो आपको इस से क्या तकलीफ है अन्य टीमें अपने किये काम गिनाती हैं तब तो आपकी बोलती न निकलती है ?? महाधिवक्ता से मिलना, अधिकारियों से मिलना, मेरा सचिवालय जाना भी इन महाशय को ऐसे खटक रहा है कि जैसे इनका एकाधिकार हो उन सभी लोगों पर बस केवल यही उनसे मिलेंगे और कोई नहीं मिल सकता है ।*

*आरोप 5* :- गिड़गिड़ा रहा था मैं इनके आगे 😢
*जवाब :- साथियों इस शब्दावली से ही आप इस व्यक्ति की मानसिकता का अंदाजा लगा लीजिये कि मैं इस व्यक्ति से निवेदन कर रहा था कि भैया नौकरी मिल जाने दो उसके बाद लड़ो भिड़ो, आरोप प्रत्यारोप करो पर नौकरी मिलने तक एक रहो । मैंने यहां तक कह दिया कि शिवेन्द्र आपके नीचे रहकर ही काम करने को तैयार है अपनी नौकरी पाने के लिए आप ही ऊंचे बने रहो । मुझे नेता न बनना मुझे इस नौकरी के बाद सिर्फ पढ़ाई करना है ये सब बोला था मैंने । साथियों मैंने थोड़े समय के लिए अपने स्वाभिमान को इसलिए गिरवी रखा क्योंकि मुझे मेरे साथ साथ लाखों लोगों के विश्वास की चिंता थी कि केस के बीच मे ऐसी लड़ाई का नकारात्मक असर जाएगा पर आप महाशय के घमंड और अकड़ का अंदाजा लगाइए कि आप सबके और स्वयं की नौकरी के लिए की जा रही मेरी विनती को मेरा गिड़गिड़ाना समझ रहे हैं धिक्कार है ऐसी सोच पर ।*

*आरोप 6* :--// केवल सुनवाई वाले दिन लखनऊ आते हैं हम ।।
*जवाब* :- *साथियों लखनऊ में मेरा कमरा है जो केस की पैरवी और केस सम्बन्धी कार्यों के लिए इस्तेमाल होता है । मेरे कमरे पर धरने के समय में चाभी उन्हीं सीनियर के पास थी जिनका नाम बड़े गर्व के साथ ये अपनी टीम में गिना रहे हैं वह मेरे कमरे पर रुके हुए थे कमरे से ही कई बार मैं लाइव आया हूँ विडियो आप देख सकते हैं । साथियो ये 6 7 साल से इसी शहर में रहते हैं अगर ये यहां रहकर कार्य कर रहे हैं तो कोई एहसान न कर रहे हैं किसी पर, एहसान तब मानता जब रहते यहां और पैरवी इलाहाबाद जाकर कर रहे होते ।*

*आरोप 7* :--/ भ्रमण और निजी जीवन पर टिप्पणी ।।
*जवाब* :-
*साथियो में ठंडे प्रदेश जाऊं गर्म प्रदेश जाऊं इस से इनके अंगविशेष में क्यों दर्द हो रहा है ?? गर्मियों की छुटियों में जब केस लग न रह था तो मैं कहाँ रहूँगा कैसे रहूँगा ये तय करेंगे क्या ?? इसके बाद ये महाशय जब लोगों को गुमराह कर रहे थे कि गर्मियों में कोर्ट बन्द रहती है उस समय अपने जन्मदिन 10 जून के अवसर पर मैं न्यायालय की धूल फांक रहा था और 12 जून को मैंने सुनवाई करवाई थी ग्रीष्मकालीन बेंच में । उसके वक्त भी इन्होंने वकील न भेजे कोई सीनियर मेरी याचिका पर शायद कुछ बेहतर हो पाता उस दिन लेकिन ये पहले से न चाहते थे कि गर्मियों में सुनवाई हो और इनकी निद्रा में खलल पड़े ।*

*विशेष नोट💐💐💐*
*🚩साथियों जब सभी अधिवक्ताओं की फीस हो गई, सारी याचिकाएं दाखिल हो गई उसके बाद भी अच्छी खासी रकम इनके पास शेष बचा हुआ था ऐसे में इनके पूछने पर मैंने ये कहा कि मेरे पास पैसा सुरक्षित है तो क्या गलत कह दिया आप सब खुद बताओ ?? कल को ये पैसे हड़प लेते तो इनसे निकलवाकर मुझे दिलाता कौन ??*

*🚩दो दिन बाद भाई साहब का दोबारा से खाता जारी करने का प्लान था इसलिए बड़ी चालाकी से मात्र 35 हजार शेष राशि बताकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है क्योंकि इन्होंने खुद एक टीम का अंध विरोध किया था बार बार खाता जारी करने की बात को लेकर तो इस बार अगर ये करते तो निश्चित तौर पर मैं विरोध करता अपनी टीम के साथ बस इसलिए मुझे बदनाम करने का दुष्चक्र रच दिया गया क्योंकि बाकी क्या कौन कर रहा हमसे मतलब नहीं । पर हमसे जुड़े लोगों से बेमतलब का पैसा आप न ऐंठ पाएंगे ।*

*🚩यह भी आरोप लगाया गया कि मैं याचियों के पैसे से आईएएस कोचिंग कर रहा हूँ जब एक बाप के होने की चुनौती दी न साबित कर पाए तो नया आरोप लाये हैं कि iphone खरीदने में उड़ाया है,मैं घूमता भी इसी पैसे से हूं और इतना सब होने के बाद भी मजे की बात तो ये है मैं बैंक स्टेटमेंट देने को राजी हूँ ये नहीं 🥴* *उफ़ आत्ममुग्ध अध्यक्ष जी की ये ईमानदारी । साथियों आप सबका दिया हुआ पैसा जो केस में लगा वह लगा बाकी पैसा केस खत्म होने तक बचा रहेगा तो चाहे 1 चाहे 5 रुपया बढ़े हर एक याची को वापस भेजा जाएगा । दूसरों की तरह पहले खुद की वाहवाही के लिए ये कहलवाना की जूते खरीदने के पैसे नहीं फिर दो दो स्कूटी खरीद लेना और सिंगल के समय पहले 3 लाख शेष बताना बाद में वही रकम 40 हजार बता देना ये काम नहीं किया जाएगा हमारे द्वारा ।।*

*आपने शिवेन्द्र को एक भरोसे के साथ रकम दी थी वह भरोसा सुरक्षित रहेगा और हिसाब और शेष समस्त चीजें जो अब तक टीम के सदस्यों को ज्ञात था वह याचियों को भी उपलब्ध करा दिया जाएगा ।।*

*उपर्युक्त पोस्ट में जिस आत्ममुग्ध लापरवाह और चापलूसों से घिरे व्यक्ति की चर्चा की गई है वह अपने आप को 69000 का ठेकेदार समझने वाला सर्वेश प्रताप सिंह है । जिसका ईमानदारी से कोई सम्बन्ध न है। अभी तक एकता प्राथमिकता थी इसलिए केस में की जा रही कोताही को आप सबसे न बताया जा रहा था उसको मुंशी से मिलकर कभी,असिस्टेंट से मिलकर, कभी फोन से जूनियर अधिवक्ताओं को ऑर्डर भेजकर कई बार चैंबर पर जाकर ऑर्डर देकर चीजों को मैनेज करने की कोशिश की गई । पर विगत रात्रि में जिस तरह का झूठ फ़ैलाया उसकी वजह से सारी चीजें सार्वजनिक करना अत्यंत आवश्यक हो गया ।*

*मजबूत पैरवी का दावा करने वाले कितनी मजबूत पैरवी कर रहे थे कि 28 जनवरी को जब केस की दशा दिशा निर्धारित होने वाला दिन था तो कोर्ट में सीनियर के नाम पर केवल चन्द्रा सर मौजूद थे बाकी सीनियर गायब मैं स्वयं हतप्रभ और शर्मिंदा था तिवारी सर के न होने की वजह से । फिर लोगों को सही चीज बताने के बजाय गुमराह किया जा रहा था इन सबके द्वारा कि शनिवार को सीनियर आते नहीं हैं ,यहां तक कह दिया गया कि चन्द्रा खलिहर हैं तो कोर्ट चले आते हैं कम से कम भाई साहब अधिवक्ताओं के विषय में ये ट्रोलिंग दोनों बड़ी बड़ी टीमें बन्द कर दें क्योंकि तिवारी और कालिया को वे ट्रोल करते थे तो इन्होंने चन्द्रा को किया करवाया पर इस सबमे मैं कभी नहीं पड़ा न मैंने आजतक किसी अधिवक्ता का निजी तोर पर बोला कुछ ।।*

*आप सबका यह फर्ज बनता है कल आप सब अध्यापक अध्यापिका बनने जा रहे हैं किसी के बारे में केवल इसलिए नकारात्मक धारणा बनाना कितना सही है कि उसपर किसी अध्यक्ष ने आरोप लगा दिया निजी जलन और ईर्ष्या के कारण (प्रमाण मौजूद हैं ।) दोनों पक्षो को सुनकर जो सही लगे उसका समर्थन कीजिये इनका कहना है कि विरोध कीजिये पर मेरा कहना है कि विरोध किसी का मत कीजिये क्योंकि सबका अंत मे लक्ष्य 90 97 ही है ।।🙏🏻*

*मेरी पोस्ट में लिखी गई बातें और एक एक बिन्दु अक्षरसः सत्य हैं और जिसका स्पष्टीकरण आप सब मुझसे*............ *🤳8004007496*

*पर फोनकॉल या व्हाट्सएप्प करके या किसी भी अन्य टीम के सदस्य से कर सकते हैं ।।*

*साथियों अंत में इतना कहना चाहूँगा कोई कुछ भी कहे जितने लोगों ने खाते में पैसे भेजे थे उन सबको याची बनाया गया है और हर एक को याचिका संख्या और याची क्रमांक प्रमाण के साथ उपलब्ध कराया गया है । बाकी जहां पैरवी के दौरान लगेगा कार्य किया जाएगा और आप सबके साथ साझा किया जाएगा ।।🙏🏻*

*हमारा प्रयास रहेगा भर्ती के अंतिम चरण में महाधिवक्ता जी की ओर से कुछ बिंदु रखे जाएं फिर वह लिखित हो या मौखिक ।इसके लिए ट्विटर और अन्य सभी आवश्यक चीजों का इस्तेमाल किया जाएगा ।।🙏🏻*

*मेरे द्वारा केवल केस में की जा रही मठाधीशों द्वारा लापरवाहियों को उजागर किया गया है । उनके निजी जीवन पर मैंने कोई टिप्पणी नहीं की है,न मेरी दिलचस्पी है मेरी भी चुनौती है केस के सम्बंध में मेरे द्वारा कोई कमी छोड़ी गई हो तो बताएं लोग केस के अलावा ।।*

जवाब जो अब तक न मिले हैं :-
*👉चयनित सीनियर बड़े भाइयों ने जो पैसे दिए राघवेन्द्र भैया के कहने पर वह कहां है ?? याचियों के पैसे तो गिनाए गए वह पैसे नहीं ??*

*👉बीटीसी के दौरान जिन केसों के लिए खाता जारी किया गया था उन कुछ केसों के खारिज होने कुछ के ठंडे बस्ते में जाने के बाद में हिसाब मांगने पर आजतक हिसाब न दिया गया ??*

*👉जब बोला गया लाइव वीडियो में इनके द्वारा की सारा रिटेन तैयार है सब वकीलो का तो अब रिटेन के नाम पर पुनः लूटने की तैयारी क्यों ??*

*👉जब शिक्षामित्रों ने रेजॉइंडर तगड़ा तैयार कराया था तो ये लचर जवाब दाखिल कर रहे थे जिसके विरोध मेरे द्वारा किया गया और उसके बाद फिर तमाम सारे बिंदु जोड़कर नया जवाब कोर्ट में दाखिल किया गया जिसकव साक्ष्य देखना हो देख सकता है व्हाट्सएप्प करके भी साक्ष्य ले सकता है ।*

*👉आगे भी ये महाशय हो या कोई और टीम हो हैं सबकी नौकरी और केस के प्रति ईमानदार रहे मेरा किसी से कोई विरोध न है न दिखेगा पर केस में लापरवाही करोगे तो बाकियों का पता नहीं ये टीम सच के साथ खड़ी रहेगी । केस में मेरी कमी दिखाओ व्यक्तिगत आक्षेप लगाने से बाज आओ । बाकी जो साथी अपना मानते हो एक बार जरूर फोन करके अपने भाई से प्रश्न पूछ लेना मन मे एक पैसे का संशय अगर उठा हो तो नहीं तो कोई समस्या ही नहीं है ।।🙏🏻❤🌹*

*हम वाणी के राजदूत है, सच पर मरने वाले हैं*
*डाकू को डाकू कहने की हिम्मत करने वाले हैं ।।🔱✊*

व कुछ अन्य कर्मठ साथी ऋषभ गुप्ता ,अमन देशवाल,रवि पांडेय भैया आदि का भी आभार है जो कुछ भी उन्होंने केस के लिए किया है । उसके बाद भी इनके साथियों द्वारा उन सबसे अभद्रता की गई जो उचित नहीं ।