करीब तीन महीना पहले पारस्परिक स्थानांतरण में जिले में लगभग 112 शिक्षक दूसरे जिलों से स्थानांतरित होकर आए। इन शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय में ज्वाइन किया। इसके बाद से इनकी उपस्थिति बीएसए कार्यालय में ही लग रही है। इन शिक्षकों में कुद दूरदराज गांवों के रहने वाले हैं तो कुछ दूसरे जिलों के रहने वाले हैं। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल आवंटन हो जाए तो वह स्कूलों में जाकर काम शुरू करें। कई किलोमीटर का सफर करने के बाद उनको बीएसए कार्यालय आकर हस्ताक्षर करना पड़ रहा है। इन शिक्षकों की ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगाई गई थी। इसके बाद से सिर्फ कार्यालय आकर हाजिरी लगाते हैं और चले जाते हैं। हालांकि शिक्षकों को वेतन मिल रहा है। स्कूलों की मांग के लिए शिक्षक ज्ञापन भी दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उधर 69 हजार शिक्षक भर्ती के तीसरे चरण में जिले में 154 शिक्षक और आए हैं। इन्होंने भी तीन दिन पहले ज्वाइन कर लिया है अब यह शिक्षक भी स्कूल आवंटन का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल आवंटित हो जाएं तो वह देखें कि कौन सा स्कूल मिला है वहां तक आवागमन की व्यवस्था क्या करेंगे अगर वहां रहना होगा तो किराए के कमरा आदि लेना होगा, लेकिन स्कूल न मिलने से शिक्षक परेशान हैं।
शिक्षकों को स्कूलों का आवंटन ऑनलाइन किया जाएगा। निदेशालय इसके लिए तिथियां निर्धारित करेगा। जैसे ही डेट आएगी स्कूलों का आवंटन कर दिया जाएगा। अब सभी शिक्षकों को एक साथ स्कूल आवंटित किए जाएंगे।
डॉ.लक्ष्मीकांत पाण्डेय, बीएसए