कक्षा 1 से 8 तक के समस्त विद्यालयों में पठन-पाठन प्रारंभ किए जाने के संबंध में आदेश जारी

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई शुरू कराने का आदेश जारी कर दिया है। स्कूलों में 23 अगस्त से छह से आठ तक व एक सितंबर से एक से पांच तक की कक्षाएं चलेंगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने कोविड-19 को देखते हुए निर्देश दिया है कि जिन स्कूलों में छात्र संख्या अधिक है, वहां दो पालियों में सुबह आठ से 11 व 11:30 से 2:30 बजे तक कक्षाएं चलाई जाएं। अधिक का पैमाना क्या है, यह स्पष्ट नहीं है। इसे उपलब्ध भवन व संसाधन के आधार पर देखा जाएगा। कक्षा में छात्रों को छह फीट की दूरी पर बैठाया जाएगा। छात्र-छात्रओं की उपस्थिति से पहले अभिभावकों की सहमति लेना अनिवार्य है।


मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण घटने पर प्राथमिक स्कूलों को खोलने पर विचार करने का निर्देश बीती 16 अगस्त को दिया था। बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव आरवी सिंह ने बेसिक शिक्षा परिषद, मान्यता प्राप्त व अन्य बोर्डो के स्कूलों में भौतिक रूप से पढ़ाई कराने का आदेश दिया है। निर्देश है कि कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए कार्यवाही की जाए। ज्ञात हो कि गर्मी की छुट्टियों से प्राथमिक स्कूलों के बच्चे आनलाइन व टेलीविजन के माध्यम से जैसे-तैसे पढ़ाई कर रहे थे। महानिदेशक ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पठन-पाठन शुरू होने से पहले प्रबंध समिति की बैठक कराएं और अभिभावकों को प्रेरित करें कि वे बच्चों को स्कूल भेजें।

स्कूलों में साफ-सफाई व हाथ धोने की व्यवस्था करने को कहा गया। कोविड के तहत गठित निगरानी समितियों में जिनके पास डिजिटल थर्मल स्कैनर व आक्सीमीटर हैं, उनसे इसे मंगवाने और स्कूल के शिक्षक, शिक्षणोतर कर्मचारी, रसोइया, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व छात्र-छात्रओं के अभिभावकों का शतप्रतिशत टीकाकरण कराने के निर्देश दिए गए। हर स्कूल में शिक्षक, अभिभावक व प्रबंध समिति सदस्यों को शामिल कर कोविड टास्क फोर्स समिति गठित करने को भी कहा गया।

निर्देश में कहा गया कि शारीरिक दूरी का अनुपालन करना और सभी का मास्क पहनना अनिवार्य होगा। स्कूल खुलने व बंद होने के समय गेट खुले रखे जाएं, ताकि भीड़ न लगने पाए। स्कूल में समारोह व त्योहार आदि के आयोजन से बचने को कहा गया। प्रार्थना सभा भी अलग-अलग कक्षाओं में शारीरिक दूरी के पालन के साथ कराने की हिदायत दी गई। कहा गया कि नए नामांकन में बच्चों का आना अनिवार्य नहीं है, सिर्फ अभिभावकों को ही बुलाया जाए। यदि विद्यार्थी परिवार की सहमति से घर पर ही पढ़ना चाहता है तो अनुमति दी जाए, उसका अनुश्रवण भी हो। शिक्षकों व छात्रों के नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था करने को कहा गया।