उत्तर प्रदेश में 200 करोड़ से बनेगा फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट, अमित शाह ने रखी नींव

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने यूपी दौरे के दौरान उत्तर प्रदेश वासियों को कई सौगात दीं। इनमें एक सौगात बेहद खास है। वह है उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने रविवार, 01 अगस्त, 2021 को लखनऊ में एक फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान की नींव रखी। गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले इस संस्थान को गुजरात स्थित राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) से संबद्धता प्रदान किए जाने का प्रस्ताव है।


लखनऊ में इंस्टीट्यूट के शिलान्यास समारोह में बोलते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह अपनी तरह का पहला संस्थान है, जिसकी अनुमानित लागत 200 करोड़ रुपये है। यह देश में पुलिस के छानबीन कार्य, कार्यप्रणाली सुधार, अनुसंधान और आधुनिकीकरण का मार्ग प्रशस्त करेगा। शाह ने कहा, केंद्र सरकार देश भर में कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए पहल कर रही है और फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान भी ऐसी एक पहल है। यह संस्थान फॉरेंसिक क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव बल तैयार कर प्रदेश में पुलिस व न्याय प्रणाली के आधुनिकीकरण में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

पहले बैच में 150 छात्रों का होगा दाखिला

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान में संचालन शुरू होने के बाद सबसे पहले बैच में 150 छात्रों का दाखिला करेगा। पूरी तरह तैयार होने पर लगभग 500 छात्रों को प्रवेश दिया जा सकेगा। उन्हें बिहैवियर साइंस, नागरिक और आपराधिक कानून, पुलिस विज्ञान, अपराध विज्ञान और फॉरेंसिक जैसे अन्य विषयों में अत्याधुनिक विशेषज्ञता प्रदान करेगा।

परिसर में डीएनए सेंटर भी होगा

शाह ने कहा कि गुजरात स्थित राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के सहयोग से उत्तर प्रदेश फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान के परिसर में पांच एकड़ भूमि पर डीएनए के लिए उत्कृष्टता केंद्र बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने डीएनए सेंटर के लिए 15 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं, जो देश का सबसे उन्नत अनुसंधान केंद्र होगा।

पुलिसकर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा

जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान का नेतृत्व एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा किया गया। बताया गया है कि संस्थान गंभीर और जटिल अपराधों के मामलों की वैज्ञानिक जांच के लिए प्रोफेशनल स्किल विकसित करने के साथ ही फॉरेंसिक लैब में काम करने वाले वैज्ञानिकों और पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए भी काम करेगा।

ये हैं संस्थान की 10 खासियतें

200 करोड़ रुपये अनुमानित कुल लागत

15 करोड़ रुपये से बनेगा डीएनए सेंटर

50 एकड़ जमीन पर हो रहा है निर्माण

08 अनुभाग होंगे संस्थान में

14 उन्नत अनुसंधान प्रयोगशालाएं बनेंगी

150 विद्यार्थियों को मिलेगा दाखिला पहले बैच में

500 विद्यार्थियों को प्रवेश मिल सकेगा बाद में

नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर से होगी संबंद्धता

संस्थान के निदेशक एडीजी रैंक के अधिकारी रहेंगे

लखनऊ के सरोजनी नगर में हो रहा निर्माण

ये होंगे पाठ्यक्रम, उन्नत प्रयोगशालाएं भी

संस्थान में बीएससी, एमएससी फॉरेंसिक साइंस, एमफिल, पीएचडी, पोस्ट डॉक्टरल रिसर्च, पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक साइंस, एडवांस स्पेशलाइज्ड एंड टेलरमेड पीजी डिप्लोमा व अन्य पीजी सर्टिफिकेट के कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। इंस्टीट्यूट में लाई डिटेक्शन, नार्को एनालिसिस व ब्रेन मैपिंग, जीव विज्ञान, सीरम विज्ञान व डीएनए, डेटा एनालिसिस, साइबर सुरक्षा व साइबर फॉरेंसिक, आग्नेयास्त्र, फॉरेंसिक ध्वनिकी व प्रलेख, विस्फोटक व विष विज्ञान आदि से संबंधित उन्नत प्रयोगशालाएं होंगी।