गोरखपुर विधायक ने विधानसभा में प्रदेश के 26,652 अनुदेशकों को कम से कम 17000 रुपये मानदेय की मांग की

गोरखपुर के भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने विधानसभा में प्रदेश के 26,652 अनुदेशकों का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से मांग की कि सिर्फ 7000 रुपये प्रतिमाह के अमानवीय मानदेय पर काम लेने की जगह उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में इन्हें कम से कम 17000 रुपये मानदेय दिया जाए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह दुखद है कि वर्ष 2013 से परिषदीय उच्च


प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों को 8 साल बाद भी सिर्फ 7000 रुपये महीने मिल रहे हैं। इन्हें न्यूनतम वेतन अधिनियम से भी एक तिहाई मिल रहा है। 2016-17 में सरकार ने 17000 रुपये देने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था। 27 मार्च 2017 को भारत सरकार अपने हिस्से के 60 प्रतिशत हिस्से की बजटीय व्यवस्था भी कर दी। फिर प्रदेश सरकार स्वयं अपने प्रस्ताव से मुकर गई और जनवरी 2018 में मानदेय 17000 से घटाकर मात्र 9800 रुपये कर दिया। यही नहीं सरकार ने अपने ही शासनादेश की अवहेलना कर 9800 जगह सिर्फ 8470 का भुगतान किया और अब इन्हें सिर्फ वर्ष 2013 का 7000 रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उच्च न्यायालय से एसएलपी वापस लेकर अनुदेशकों को 17000 रुपये प्रतिमाह भुगतान करना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कर जबाव देने के निर्देश दिए हैं।