आजादी के अमृत महोत्सव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को गांधी मैदान में बिहार की जनता को संबोधित करते हुए राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक संवर्ग गठित करने की घोषणा की थी। इसपर त्वरित गति से कार्य करते हुए शिक्षा विभाग ने इन नये संवर्गों के गठन का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक के लिए भेज दिया। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि पूरी योजना बन चुकी है। नीतिगत निर्णय के बाद अब राज्य मंत्रिमंडल ने भी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक के पद पर जल्द से जल्द तैनाती की कोशिश होगी। प्रयास होगा कि इसी वित्तीय वर्ष में नये संवर्ग के हेडमास्टर स्कूलों को मिल जाएं। बीपीएससी से शीघ्रता करने का अनुरोध किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के सरकारी मध्य विद्यालय या उच्च विद्यालय में पहले से सृजित पद पर कार्यरत प्रधानाध्यापक अपने पद पर बने रहेंगे।
सिर्फ शिक्षक होंगे दावेदार
प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के नये संवर्ग के पदों पर सिर्फ शिक्षक ही दावेदार होंगे। वे ही कमीशन द्वारा आहूत सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के लिए मान्य आवेदक होंगे। प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक पद के लिए अर्हता सरकारी स्कूल में 8 साल का शिक्षण तय किया गया है। वहीं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद के लिए अपने मूल कोटि में 8 साल पूरा करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षक जबकि निजी विद्यालयों (सीबीएसई,आईसीएसई बोर्ड के स्कूल) में 12 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक योग्य होंगे।