छात्रवृत्ति का फर्जीवाड़ा रोकने के लिय तीन स्तरों पर आधार प्रमाणीकरण के बाद ही आगे बढ़ेंगे आवेदन पत्र

लखनऊ : भाजपा सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार का त्रिस्तरीय सुरक्षा कवच कवच तैयार किया है। यानी तीन स्तरों पर आधार प्रमाणीकरण के बाद ही अब छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र अग्रसारित हो सकेंगे। सरकार अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में शिक्षण संस्थानों को और अधिक जवाबदेह बनाने जा रही है।


केंद्र सरकार ने नेशनल स्कालरशिप पोर्टल से संचालित केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना प्री-मैटिक, पोस्ट मैटिक व मेरिट कम मीन्स में कई अहम बदलाव किए हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए संचालित केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना में और अधिक पारदर्शिता लाने व जवाबदेही तय करने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। अब आवेदन पत्रों का सत्यापन करने वाले संस्थान के नोडल अफसरों का भी आधार प्रमाणीकरण जरूरी कर दिया गया है। इसके बगैर नोडल अफसर छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र सत्यापित कर अग्रसारित नहीं कर पाएंगे। इसके बाद जिले के नोडल अफसर का भी आधार प्रमाणीकरण जरूरी होगा। इसके बगैर वे भी आवेदन पत्र आगे नहीं भेज पाएंगे। उनके द्वारा सत्यापित कर भेजे गए हर एक आवेदन पत्र के लिए नोडल अफसर जिम्मेदार होंगे।

त्रिस्तरीय सुरक्षा कवच के तहत पहला स्तर छात्रों का है यानी आधार प्रमाणीकरण के बाद ही छात्र-छात्रएं अपना आवेदन पत्र नेशनल स्कालरशिप पोर्टल पर भर पाएंगे। दूसरा स्तर शिक्षण संस्थान के उस शिक्षक का है जो नोडल अफसर है। आधार से लिंक इन्हीं के मोबाइल नंबर पर ओटीपी व अन्य जरूरी सूचनाएं भेजी जाएंगी। शिक्षण संस्थान व जिले के नोडल अधिकारी पोर्टल पर आधार नंबर व ओटीपी के जरिए ही लागिन कर पाएंगे।

केंद्र सरकार से आए नए दिशा-निर्देशों के तहत प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कार्रवाई शुरू हो गई है। तीनों ही छात्रवृत्ति योजना में हर साल करीब 10 लाख से अधिक छात्र-छात्रएं लाभ उठाते हैं। इसके लिए सरकार ने 300 करोड़ रुपये का बजट दिया है।