विधानसभा के सदन में छाया रहा आरक्षण का मामला, अतिपिछड़ों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की सुगबुगाहट

लखनऊ: आरक्षण का मुद्दा विधानसभा के सदन में भी छाया रहा। अतिपिछड़ों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की सुगबुगाहट पा चुके विपक्ष ने कोशिश की कि श्रेय लेने की ओर बढ़ रही सरकार को घेरा जाए। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट दबाए रखने के आरोप लगाए, लेकिन ‘पिछड़ा-प्रेम’ के फैसले गिनाते हुए सरकार ने कहा कि समिति की रिपोर्ट का परीक्षण चल रहा है। इसी विधानसभा यानी इसी कार्यकाल में परिणाम भी मिल जाएगा।


विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सदस्य ओमप्रकाश राजभर ने अतिपिछड़ों को आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए भाजपा सरकार पर तीखी चुटकी ली। कहा कि अब जाइए पिछड़ों का वोट लेने, बताएंगे वह इस बार। बोले कि सामाजिक न्याय समिति 2018 में ही अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया। अतिपिछड़ी जातियों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने सवाल उछाला- सरकार उस रिपोर्ट को लागू करेगी या नहीं? इस पर पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सामाजिक न्याय बड़ा विषय है। सरकार इसके प्रति गंभीर है। विपक्ष को आईना दिखाते हुए बोले कि पहले अतिपिछड़ों के लिए काम हुआ होता तो यह स्थिति न होती। रिपोर्ट अब तक लंबित होने के पीछे कारण बताया कि योगी सरकार नहीं चाहती कि किसी कमी की गुंजाइश रह जाए और किसी को न्यायालय आदि जाने का मौका मिले। इसी वजह से रिपोर्ट का अच्छी तरह परीक्षण किया जा रहा है। संबंधित खबर 10 विपक्ष का सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट दबाने का आरोप सरकार का आश्वासन, परीक्षण पूरा होते ही होगी लागू