प्रदेश के तकनीकी शिक्षा संस्थानों के बीच राज्य स्तरीय रैंकिंग प्रणाली जल्द

लखनऊ : प्रदेश के तकनीकी शिक्षा संस्थानों के बीच अब कड़ी प्रतिस्पर्धा होना तय है। वजह, इन संस्थानों की राज्य स्तरीय रैंकिंग प्रणाली जल्द आएगी। सरकार नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (यूपीएसआईआरएफ) को लागू करने जा रही है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसका खाका तैयार कर लिया है, उसमें विशेषज्ञों से राय लेकर छिटपुट संशोधन हो रहे हैं।
यूपी में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की तैयारी है। इसके लिए सरकार राज्य स्तरीय रैंकिंग प्रणाली लागू करेगी। इसमें तकनीकी संस्थानों का मूल्यांकन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा, साथ ही छात्रों को प्रवेश लेने, शोध करने और प्लेसमेंट दिलाने में रैंकिंग अहम साबित होगी। संभव है कि इसी के अनुसार सरकार संस्थानों को अनुदान भी उपलब्ध कराए। एसआईआरएफ संस्थानों को अच्छी रैंक प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए मजबूर करेगा और संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ना तय है। संस्थानों में शैक्षिक गुणवत्ता के साथ संसाधन भी बेहतर हो सकेंगे।

यूपी में अभी तीन तकनीकी विश्वविद्यालय डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय यानी एचबीटीयू कानपुर और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर हैं। इसके अलावा सरकारी व निजी संस्थानों भी बड़ी संख्या में हैं। सरकारी संस्थानों में रैंकिंग प्रणाली अनिवार्य होगी, जबकि निजी संस्थानों में भी इसे लागू कराया जाएगा। इसकी रूपरेखा तय हो चुकी है सिर्फ विशेषज्ञों से छिटपुट बदलाव किए जाने हैं।