सीबीआइ लोकसेवा आयोग की 2012 से 2016 तक की भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही है। उसे एपीएस-2010, आरओ-एआरओ-2014 की भर्तियों में काफी गड़बड़ी मिली है। कंप्यूटर प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी, नंबर बढ़ाने, विज्ञापन नियमों का उल्लंघन करने की खामी सीबीआइ पकड़ चुकी है। जिन्होंने गड़बड़ी की है, उन्हें भी चिह्न्ति किया जा चुका है। इस भर्ती में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों व गलत तरीके से चयनित हुए अभ्यर्थियों के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई हो सकती है। इसके मद्देनजर छह अगस्त को एपीएस-2010 भर्ती में धांधली के आरोप में आयोग के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई। वहीं, सात अगस्त को प्रयागराज स्थित सीबीआइ के कैंप कार्यालय पर एपीएस-2010 के चयनित अभ्यर्थियों से पूछताछ की गई। कुछ चयनित अभ्यर्थी समन मिलने के बावजूद सीबीआइ के समक्ष पूछताछ में शामिल नहीं हुए। वे उत्तर प्रदेश सचिवालय में कार्यरत हैं। सीबीआइ उनसे लखनऊ में पूछताछ करेगी। इसके लिए सीबीआइ की टीम लखनऊ रवाना हो चुकी है। चयनितों, अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ के बाद रिपोर्ट तैयार होगी, फिर उसमें दोषियों को तय करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की अपर निजी सचिव (एपीएस)-2010 की भर्ती में सीबीआइ को काफी खामियां मिली हैं। इसे लेकर परीक्षा से जुड़े छह अधिकारी व कर्मचारी दिल्ली स्थित सीबीआइ मुख्यालय तलब किए गए हैं। इनसे पूछताछ करने के बाद सीबीआइ कुछ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर सकती है। इधर, तीन दिनों तक गहन पड़ताल करने के बाद सोमवार की सुबह सीबीआइ टीम प्रयागराज से रवाना हो गई।