प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को आधार से लिंक करने में बड़ी गड़बड़ी, बीएसए से जवाब तलब

यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को आधार से लिंक करने में अनियमितताएं हुई हैं। 13 जिलों में आपरेटर्स ने मनमाने तरीके से एक ही आधार से कई बच्चों को जोड़ दिया है तो कई जिलों में पंजीकरण से काफी कम बच्चे आधार से लिंक हो सकते हैं

उतर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को आधार से लिंक करने में व्यापक अनियमितताएं हुई हैं। प्रदेश के 13 जिलों में आपरेटर्स ने मनमाने तरीके से एक ही आधार से कई बच्चों को जोड़ दिया है तो कई जिलों में पंजीकरण से काफी कम बच्चे आधार से लिंक हो सके हैं। ऐसे आपरेटर्स व आधार नामांकन के नोडल अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए अब तक दो पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया है। अनसुनी करने वाले बीएसए से पूछा गया है कि इस मामले में उन्होंने क्या कार्रवाई की है।

परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पंजीकृत बच्चों को आधार से जोड़ने का कार्य चल रहा है। इसमें तेजी लाने की वजह लखनऊ मंडल रहा है, यहां पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंडल के सभी जिलों के बच्चों को आधार से लिंक किया गया। सामने आया कि करीब 45 हजार से अधिक बच्चों के दो या उससे अधिक नामांकन हैं। निर्देश दिया गया कि इन विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों की सहमति से एक स्कूल में नामांकित किया जाए, बाकी पंजीकरण डिलीट कर दिया जाए। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लखनऊ मंडल में किये जा रहे आधार सत्यापन के दौरान स्कूलों की ओर से प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज 1.4 लाख बच्चों के नामांकन अब तक रद किये जा चुके हैं।

लखनऊ मंडल से मिले सबक के बाद अन्य जिलों में भी यह कार्य शुरू कराया गया। अन्य जिलों में भी व्यापक अनियमितताएं मिली हैं। 13 जिलों में तो आपरेटर्स व नोडल अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश है। इस संबंध में 18 दिसंबर 2020 व 21 जनवरी 2021 को पत्र भेजकर निर्देश दिया गया। अब तक अनुपालन नहीं हुआ है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने इन जिलों के बीएसए से जवाब मांगा है कि उन्होंने अब तक क्या कार्रवाई की है।

इन जिलों में गड़बड़ियां : अमरोहा, सीतापुर, रायबरेली, बस्ती, संतकबीर नगर, बदायूं, प्रयागराज, चित्रकूट, झांसी, कानपुर देहात, मेरठ, मुजफ्फरनगर व कुशीनगर।