इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील चिन्मय प्रदीप शर्मा ने कोर्ट को बताया कि याचिका के जवाब में केंद्र सरकार की ओर से दाखिल हलफनामा उन्हें मंगलवार को प्राप्त हुआ है। इसमें केंद्र ने कहा है कि यह नीतिगत मामला है और कोर्ट को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। इस पर कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार क्यों इस दिशा में चल रही है। अब यह निराधार है। हमें यह बेतुका लगता है। क्या सेना कोर्ट के आदेश के बाद ही करेगी। अगर आप ऐसा चाहते हैं तो हम आदेश पारित करेंगे।
पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट से ही उनकी यह धारणा है कि सेना स्वेच्छा से कुछ करने में भरोसा नहीं करती, जब तक कि कोर्ट का आदेश न हो। भाटी ने कहा कि सेना ने बहुत सी महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया है।
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