शिक्षा मंत्रलय ने दिव्यांग बच्चों की बेहतर और रूचिकर शिक्षा के लिए भी बड़ा कदम उठाया, 17 करोड़ बच्चों के लिए वचरुअल ओपन स्कूल की शुरुआत

नई दिल्ली : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल में जुटी केंद्र सरकार ने मंगलवार को विद्यालय से वंचित करीब 17 करोड़ बच्चों के लिए वचरुअल ओपन स्कूल की शुरुआत की है। शिक्षा मंत्रलय ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय के साथ मिलकर दिव्यांग बच्चों की बेहतर और रूचिकर शिक्षा के लिए भी बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत बच्चों को अब उन्हीं की भाषा में सरल व इंटरैक्टिव तरीके से पढ़ाया जा सकेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मौके पर कहा कि शिक्षा सिर्फ अंक गणित या डिग्री प्राप्त करने की व्यवस्था नहीं है। देश में आज भी करीब 17 करोड़ ऐसे बच्चे हैं, जो सामाजिक, आर्थिक व दूसरे कारणों से पारंपरिक शिक्षा हासिल नहीं कर पा रहे हैं। स्कूली शिक्षा विभाग अब ऐसे वंचित बच्चों के लिए एक नया मंच लेकर आया है। इन बच्चों को अब नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) के वचरुअल स्कूल की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जब ये बच्चे एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं और प्री-पेड वाउचर भरने के साथ-साथ डिजिटल भुगतान कर सकते हैं, तो वे ओपन वचरुअल माध्यम से शिक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं। प्रधान ने दिव्यांग बच्चों की मदद के लिए तैयार की गई ई-कामिक पुस्तिका प्रिया सुगम्यता को भी जारी किया।