विकलांगता की पुष्टि के बाद फिर से मेडिकल के लिए बुलाने की कार्यवाही पर रोक: हाई कोर्ट आदेश

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिव्यांग कोटे में नियुक्त सहायक अध्यापक की दो बार शारीरिक जांच में 40 फीसद अक्षमता की पुष्टि होने के बावजूद तीसरी बार जांच के लिए बुलाने के आदेश की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। वहीं, इस मामले के आधार पर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी औरैया को याची का वेतन न रोकने के साथ दो सप्ताह में बकाया वेतन भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 15 सितंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूíत पंकज भाटिया ने रजनी त्रिपाठी की याचिका पर दिया है।
याची अधिवक्ता अनुराग शुक्ल का कहना है कि याची ने सहायक अध्यापक भर्ती विकलांग कोटे में विकलांगता प्रमाणपत्र के साथ आवेदन दिया। शारीरिक दक्षता टेस्ट के लिए मेडिकल बोर्ड ने बुलाया, जांच में 40 फीसद विकलांगता पाई गई। और उसकी नियुक्ति कर दी गई। दोबारा 23 जून, 2018 को मेडिकल जांच की गई, तब भी 40 फीसद अक्षमता पाई गई। 20 जुलाई, 2018 को एक शासनादेश जारी किया गया, इसके आधार पर फिर से 6 जनवरी, 2021 के आदेश से बीएसए ने मेडिकल जांच के लिए बुलाया है। जिसे चुनौती दी गई है। कोर्ट ने आदेश की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब
’ बीएसए को निर्देश, न रोकें वेतन व दो हफ्ते में करें बकाया भुगतान