रसोईया बनेंगी हाईटेक, अब टैबलेट से सीखेंगी खाना बनाना, प्रधानाध्यापक करेंगे प्रशिक्षित

वाराणसी। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिड डे मील तैयार करने वाली रसोईया अब हाईटेक नजर आएंगी। प्रदेश स्तर पर कोरोना को देखते हुए पहले ही रसोईयों को फाइव स्टार होटल की तरह एप्रेन, दस्ताने और टोपी दी गई है। अब जिले की रसोईया टैबलेट के जरिये साफ-सफाई से खाना बनाने के तरीका भी सीखेंगे।


वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के जरिए इसकी शुरुआत प्रदेश में सबसे पहले वाराणसी के चोलापुर ब्लॉक से की गई है। जिसके तहत बुधवार को चोलापुर बीआरसी पर 30 प्रधानाध्यापकों को रसोईयों के लिए प्राप्त टैबलेट प्रदान किए गए। प्रथम चरण में चोलापुर ब्लॉक के 150 विद्यालयों के 4500 रसोईयों को टैबलेट मुहैया कराई जाएगी। जिसके बाद दूसरे चरण में सेवापुरी के 20 विद्यालयों में भी रसोईयों को टैबलेट दिए जाएंगे।

प्रधानाध्यापक करेंगे प्रशिक्षित

टैबलेट में रसोईयों के लिए नौ मॉड्यूल तैयार किए गए है। जिसमें उन्हें रसोई की साफ-सफाई, सब्जी काटने का तरीका, व्यक्तिगत साफ-सफाई, पौष्टिकता के साथ खाना बनाना, अपशेष निस्तारण, आपातकाल के दौरान प्रबंधन सहित नौ मॉड्यूल के आधार पर प्रशिक्षित किया जाएगा। इन मॉड्यूलों पर सबसे पहले प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रधानाध्यापक रसोइयों को सीखाएंगे।

ऑनलाइन होगी एमडीएम की सूचनाएं

टैबलेट में दिए गए एप के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों के मध्याह्न भोजन से संबंधित सूचनाएं ऑनलाइन भेजी जाएंगी। रसोइयों को स्वच्छता और शुद्धता का पाठ पढ़ाने के टैबलेट में शिक्षा विभाग ने 'पोषणा' नाम से लघु फिल्म तैयार की है। फिल्म के माध्यम से रसोइयों को प्रशिक्षित कर भोजन में स्वच्छता और शुद्धता का पाठ पढ़ाया जाएगा।

वर्ल्ड फूड प्रोगाम की ओर से चोलापुर ब्लॉक में रसोईयों को स्वच्छता और शुद्धता का पाठ पढ़ाने के लिए टैबलेट मुहैया कराया जाएगा। प्रधानाध्यापक मॉड्यूल का प्रशिक्षण लेकर रसोइयों को प्रशिक्षित करेंगे। - राकेश सिंह, बीएसए