खुले स्कूल: स्कूल के अंदर सावधानी, बाहर निकलते ही मनमानी

  • -नौ से 12 के बाद कक्षा छह से आठ तक के स्कूल भी खुल गए
  • स्कूल के बाहर निकलते ही लगा जमावड़ा, मास्ट हटा, सोशल डिस्टेंसिंग भी भूले
  • पहले दिन उपस्थिति रही कम, बच्चों में दिखा उत्साह
कोरोना महामारी के दौर में पहले कक्षा 9 से 12 फिर मंगलवार से कक्षा छह से आठ तक के स्कूल खोल दिए गए हैं। शासन के दिशा निर्देशों में स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन किया गया लेकिन स्कूल से छुट्टी होने के बाद के हालात डराने वाले हैं। छुट्टी होते ही स्कूल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी खत्म समझ ले रहा है नतीजतन स्कूल के बाहर गेट पर छात्र-छात्राओं का जमावाड़ा लगता है। जहां न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन दिखता है और न ही किसी छात्र के चेहरे पर मास्क। मंगलवार को प्राइवेट स्कूलों में सरकारी स्कूलों की अपेक्षा उपस्थिति ज्यादा रही। औसतन स्कूलों में कक्षा छह से आठ में 50 फीसद उपस्थित पहले दिन दर्ज की गई। कुछ स्कूल एक और कुछ दो पाली में खुले।

विकास नगर: बिना मास्क दिखे बच्चे

कैरियर कान्वेंट में दोपहर 11.50 पर पहली पाली की छुट्टी हुई। स्कूल के मुख्य द्वार पर सुरक्षाकर्मी मौजूद थे लेकिन उनकी आंखों के सामने ही छह से आठ छात्र झुण्ड बनाए खड़े थे। किसी के चेहरे पर मास्क नहीं था। जिनके चेहरे पर मास्क था वह नाक पर न होकर नीचे लटका हुआ था। सुरक्षा कर्मियों ने भी किसी को समझाने की कोशिश नहीं की।

ठाकुरगंज: सोशल डिस्टेंसिंग नदारद

सेंट जोसफ स्कूल में छुट्टी होने के बाद अधिकतर छात्र बिना मास्क के नजर आए। स्कूल के अन्दर जितनी सर्तकता कोरोना प्रोटोकॉल के लिए दिखायी जा रही थी, छुट्टी होने के बाद स्कूल के बाहर उतनी ही लापरवाही भी देखने को मिली। क्लास में जो छात्र सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे वही छात्र स्कूल के बाहर एक दूसरे के कंधो पर हाथ रखे समूह बनाए खड़े मिले।

कानपुर रोड: वैन में सटकर बैठे छात्र-छात्राएं

एलडीए कानपुर रोड स्थित सीएमएम और अवध कॉलिजिएट स्कूल के बाहर भी कोरोना नियम का एक प्रतिशत भी पालन होते नहीं दिखा। सीएमएस में स्कूल बच्चों का स्वागत बैंड से किया गया। बच्चे मास्क लगाए थे लेकिन स्कूल के अन्दर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा था। इसके साथ ही स्कूल वैन में भी छात्र-छात्राओं को सटाकर बिठाया गया था।

गोमती नगर: स्कूल के बाहर भूले सारे नियम

लखनऊ पब्लिक कॉलेज परिसर में कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन होता दिखा। बच्चे कतार में एक मीटर की दूरी बनाते हुए कक्षाओं की ओर रवाना किए जा रहे थे। लेकिन गेट के बाहर शिक्षकों की नजरों से ओझल होते ही कोविड प्रोटोकॉल के बंधन ढीले हो गए। कोई अपने पापा को रोक अपनी दोस्त से मिलने भागी। तो कई थोड़ी दूर निकल कर बातों में डूबे दिखा। सोशल डिस्टेंसिंग भी भूले और मास्क भी हट गए।

इंदिरानगर: स्कूल के अंदर सब ठीक बाहर लापरवाही

इंदिरानगर में भूतनाथ मंदिर के पास सेंट डामनिक सेवियो कालेज में दो पाली में आए बच्चों ने कोविड नियमों का पालन किया। स्कूल के बाहर ही सभी को सेनेटाइज भी कराया गया। हालांकि क्लास में बच्चों की उपस्थिति 10 फीसदी भी नहीं रही। छुट्टी के बाद सभी छात्र एक साथ निकले तो न ही किसी के चेहरे पर मास्क था और न ही दो गज की दूरी। यही हाल ए ब्लाक स्थित स्प्रिंग डेल कालेज का रहा। कोविड नियमों का पालन सिर्फ स्कूल के भीतर ही रहा। सेक्टर-9 स्थित सेंट्रल एकेडमी में छात्र-छात्राओं ने स्कूल जाते समय और दिन में 11 बजे स्कूल छुटने पर पूरी तरह से कोविड नियमों का पालन किया। छात्र न तो एक जगह एकत्र हुए और न ही चेहरे से मास्क हटाए।