जेल में बंद कैदियों के बच्चों को पढ़ाने के लिए जिले से शिक्षक अलग-अलग जिलों में जाएंगे

जेल में बंद कैदियों के बच्चों को पढ़ाने के लिए जिले से छह शिक्षक अलग-अलग जिलों में भेजे जाएंगे। यह शिक्षक 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग कैदियों को भी शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य करेंगे। इनकी पढ़ाई किशोर सदन में होगी। शासन ने जिले से आवेदन मांगे थे, जिसमें छह शिक्षकों ने जेल में पढ़ाने के लिए आवेदन किया है।


दरअसल, जेल में बंद कैदियों के बच्चों व 18 वर्ष से कम उम्र के आपराधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए शासन के दिशा-निर्देश पर परिषदीय विभागों के शिक्षकों को भेजा जाता है। इस वर्ष प्रदेश भर के जिन जेलों में शिक्षक नहीं है, उसी हिसाब से बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने बीएसए के माध्यम से आवेदन मांगे हैं। जिसमें प्रदेश के कारागारों में रिक्त प्रधान शिक्षक व शिक्षाध्यापक पदों के लिए जिले से छह शिक्षकों ने आवेदन किया है। शासन की मंजूरी मिलने के बाद इन शिक्षकों को संबंधित जिलों में कैदियों के बच्चों व नाबालिग उम्र के आपराधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजा जाएगा। यह सभी शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाएंगे।

तीन से पांच साल कराएंगी पढ़ाई

कारगार में पढ़ाने के लिए जिन शिक्षकों ने आवेदन किया है उन्हें प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा। इन लोगों की प्रतिनियुक्ति तीन साल की होगी। जिसे बढ़ाकर पांच साल तक किया जा सकता है। इसके बाद सभी की मूल जिले में वापसी हो जाएगी।
..........................

हर जेल में दो लोगों का चयन

कारगार में पढ़ाने के लिए प्रति कारगार दो लोगों का चयन होना है। इसमें हेडमास्टर को प्रधान शिक्षक व सहायक अध्यापक को शिक्षाध्यपक पद पर पढ़ाने के लिए भेजा जाएगा। जिले से आवेदन किए गए सभी छह शिक्षकों में राम प्रवेश यादव प्रभारी हेडमास्टर हैं, शेष सभी सहायक अध्यापक हैं।

इन्होंने किया आवेदन

शिक्षक जिला कारगर

कमलाकांत यावद आजमगढ़

राम प्रवेश यादव वाराणसी

निकेता शंखधार बरेली

शिवानी गुप्ता मुरादाबाद

सालिनी सक्सेना लखनऊ

शलोनी वर्मा रामपुर
..............................

कारगार में बंद कैदियों के बच्चों व नाबालिग उम्र के आपराधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए शासन ने शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। जिले से छह शिक्षकों की सूची भेज दी गई है। राज्य से आदेश मिलते ही सभी को प्रतिनियुक्ति पर कारगार में पढ़ाने के लिए भेज दिया जाएगा।