हाई कोर्ट ने कहा: मुस्लिम आबादी कम होने से नहीं हटा सकते उर्दू अध्यापक को

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि पंथनिरपेक्ष राज्य में ऐसी नीति नहीं बन सकती कि मुस्लिम आबादी कम होने मात्र से उर्दू अध्यापक की सेवा समाप्त कर दी जाए। कोर्ट ने कहा कि उर्दू एक भाषा है, वहां भी पढ़ाई जा सकती है जहां मुस्लिम आबादी बहुत कम हो।

न्यायमूíत अश्वनी कुमार मिश्र ने हनोवर की याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथमदृष्टया किसी खास भाषा को किसी क्षेत्र से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। याची हनोवर उर्दू अध्यापक था। राजकीय सहायता प्राप्त कालेज में पढ़ाता था। मुस्लिम आबादी 20 फीसद से कम होने के कारण उसे हटा दिया गया। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के अपर सचिव को इस संबंध में जारी सरकारी नीति पेश करने का आदेश दिया है।