भदोही: परिषदीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती के दौरान फर्जीबाड़ा कर दूसरे के अंकपत्र व अन्य अभिलेखों को लगाकर नौकरी हासिल कर लेने वाले बर्खास्त शिक्षकों से आज तक वेतन की रिकवरी नहीं हो सकी। बर्खास्तगी की कार्रवाई व मुकदमा दर्ज कराने के बाद महकमा जहां शांत हो चुका है तो वहीं पुलिस भी मामले में कोई कार्रवाई की जहमत नहीं उठाना चाह रही है। ऐसे में रिकवरी की राह आसान नहीं दिख रही है। जबब बर्खास्त चारों शिक्षकों की ओर से औसतन 50 लाख रुपये वेतन हासिल किया जा चुका था।
परिषदीय शिक्षकों के समस्त विवरण को मानव संपदा विवरण पर अपलोड किया जाना था। मानव संपदा पर विवरण अपलोड होते ही जिले के चार शिक्षक ऐसे मिले जिनकी ओर से लगाए गए अर्हता अभिलेख पर दूसरे जिलों में भी शिक्षक की तैनाती है। मामले की कराई गई जांच में प्राथमिक विद्यालय कंसापुर में तैनात प्रेमलता, प्राथमिक विद्यालय मऊरामशाला में श्यामदुलारी तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय बभनौटी में उमाशंकर व पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिहरोजपुर में तैनात आशुतोष के अभिलेख फर्जी पाए गए। मामला सामने आने पर चारों शिक्षकों को बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। कार्रवाई के बाद मुकदमा दर्ज हुए भी लगभग छह माह का समय व्यतीत हो चुका है, लेकिन आज तक इन शिक्षकों से वेतन के रूप में लिए गए धनराशि की रिकवरी नहीं हो सकी है। विभाग नोटिस भेजकर दायित्व की पूर्ति कर रहा है तो मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस भी शांत पड़ चुकी है। वैसे इस संबंध में बीएसए बीएन सिंह का कहना रहा कि कार्रवाई चल रही है। रिकवरी के लिए सभी के पास नोटिस भेजी जा चुकी है।
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फर्जी बर्खास्त शिक्षकों से नहीं हो सकी वेतन की रिकवरी