राज्यपाल निर्देश: यूपी में विश्वविद्यालयों में जल्द बनेगी शिक्षकों की वरिष्ठता सूची

प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जल्द जारी होने की संभावना है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी विश्वविद्यालयों को वरिष्ठता से जुड़े विवादों का निस्तारण करते हुए वरिष्ठता सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता की तरफ से सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत शिक्षकों की प्रोन्नति प्रक्रिया समय से पूरी की जाए तथा शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पारस्परिक वरिष्ठता के सभी मामलों में प्रभावित पक्षकारों की सुनवाई करके प्रत्येक कैडर की अविवादित अंतिम वरिष्ठता सूची प्रकाशित करा दी जाए।

पत्र में कहा गया है कि परीक्षण करने पर ऐसे अनेक मामले मिले जिसमें शिक्षकों व गैर शिक्षकों की वरिष्ठता को लेकर विवाद रहता है। कुछ मामले ऐसे भी संज्ञान में आए कि अध्यापक अन्य राज्यों की सेवाओं, स्ववित्तपोषित संस्थाओं की सेवाओं तथा तदर्थ सेवाओं के अनुभव को विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष तथा प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए जोड़े जाने का आग्रह करते हैं। अपर मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संदर्भित प्रोफेसर के पद पर वरिष्ठता के एक मामले का विशेष तौर पर उल्लेख किया है, जिसमें संबंधित विश्वविद्यालय तथा कुलाधिपति कार्यालय को भी आयोग के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखना पड़ा था।

पत्र में वरिष्ठता लेकर होने वाले विवादों की वजहों का भी विस्तार से उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि कई बार कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत कई वर्षों तक शिक्षकों की प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है और इस बीच नियमित अध्यापकों की नियुक्ति हो जाती है। इसके बाद उस विभाग में पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम का लाभ मिलता है। इस कारण भी वरिष्ठता के विवाद पैदा होते हैं