Shiksha Mitra News: अनुपूरक बजट में मानदेय बढ़ाये जाने से खुश नहीं शिक्षामित्र, जानिए क्या कहते हैं शिक्षामित्र

मथुरा। योगी सरकार ने कल विधान सभा मे अनुपूरक बजट पेश किया जिसमें 2022 के चुनाव को देखते हुए योगी सरकार ने संविदा कर्मचारियों के एक बड़े वोट बैंक को अपनी ओर करने के लिए और उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए शिक्षामित्र, अनुदेशक, आशा, आंगनवाड़ी, रसोईया,रोजगार सेवक, पीआरडी जवान आदि के मानदेय में बढ़ोत्तरी करने के लिए बजट में प्रावधान किया है।


सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों के मानदेय में बढोत्तरी करने के लिए बजट पास होने पर शिक्षा मित्र संघ के जिला अध्यक्ष खेमसिंह चौधरी का कहना है कि सरकार अपने 2017 के संकल्प पत्र से पलट रही है जिसमें उसने शिक्षामित्रों की
समस्याओं के सरकार बनने के 3 महीने के भीतर स्थाई समाधान करते हुए शिक्षा मित्रों के स्थाईकरण का वादा किया था। आज जब सरकार का अंतिम दौर चल रहा है। और 2022 का चुनाव सामने खड़ा है तो योगी सरकार शिक्षा मित्रों के मानदेय में अल्प बढोत्तरी करके शिक्षा मित्रों का वोट लेने के लिए उन्हें गुमराह करना चाहती है लेकिन शिक्षा मित्र इस मानदेय बढोत्तरी के झांसे में बिल्कुल नही आएंगे और 2017 के भाजपा के संकल्प पत्र के किये वादे स्थाईकरण की मांग पर ही डटे रहेंगे। जैसा कि विदित है कि जनपद के शिक्षा मित्र स्थाईकरण / नियमतिकरण की मांग को लेकर 1 अप्रैल 2021 से स्कूल में रहते हुए काली पट्टी बांधकर अनवरत प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्थाईकरण की मांग पूरी होने तक प्रदर्शन करते रहेंगे और आवश्यकता पड़ी तो जनपद या लखनऊ में धरना प्रदर्शन भी करेंगे।

क्या कहते हैं शिक्षामित्र

आज के मंगाई के दौर में शिक्षा मित्र 10 हजार के मानदेय पर कार्य करने को मजबूर है सरकार द्वारा 1 से 2 हजार मासिक मानदेय में बढोत्तरी ऊंट के मुंह मे जीरे के समान है। महंगाई के दौर में घर के खाने पीने तक के खर्चे मानदेय में चलना मुश्किल पड़ रहा है अन्य खर्ची दवाई पढ़ाई दूर की बात है। - सुनीता शर्मा, प्राथमिक विद्यालय अंगनपुरा घर मे अकेला कमाने वाला हूँ दो बेटियां हैं और एक बेटा है, बेटियां शादी लायक हैं इस अल्प मान से परिवार का गुजारा तक नहीं होता बेटियों की पढ़ाई और शादियां कैसे होंगी यही चिंता खाये जा रही है। - उदय सिंह, प्राथमिक विद्यालय जुनसुटी