इसके पीछे दो कारण हैं, पहला कि टीईटी परीक्षा दो साल बाद आयोजित की जा रही है। वहीं दूसरा कारण यह है कि प्रदेश सरकार ने टीईटी की वैधता पांच साल से बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। 2019 की बात करें तो 8 जनवरी2019 को आयोजित हुई यूपीटीईटी परीक्षा में 16,34,249 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था।
पिछले साल कोरोना के कारण परीक्षा नहीं हो सकी। इसके बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने अगस्त 2020 में शासन को 15 फरवरी के बाद परीक्षा कराने प्रस्ताव भेजा था। शासन ने 16 मार्च को अधिसूचना जारी कर 18 मई से आवेदन लेने की अनुमति दे दी। लेकिन दूसरी लहर के कारण आवेदन नहीं लिए जा सके।