अब हर जिले में सम्मानित होंगे 225 शिक्षक, यह होंगे चयन के नियम

लखनऊ : शिक्षक दिवस पर भले ही राज्यस्तरीय आयोजन इस बार भी न हो रहा हो, लेकिन, जिलों में उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान होगा। पहली बार बड़ी संख्या में उच्च, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग ने हर जिले में अपने स्कूलों के 75-75 शिक्षकों को सम्मानित करने की तैयारी की है। यानी तीनों विभागों के मिलाकर हर जिले में 225 शिक्षक सम्मानित किए जाएंगे। चयनित होने वालों की अर्हता तय कर दी गई है। इनमें 50 प्रतिशत शिक्षक वित्तविहीन कालेजों के रहेंगे।
शासन में सचिव शमीम अहमद खान, माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय व अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) ललिता प्रदीप ने कुलपतियों, जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे पूर्व राष्ट्रपति डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर पांच सितंबर को जिले के उत्कृष्ट प्राचार्य, प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक व शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित करें। हर जिले में तीनों विभाग अपने हिस्से के 75 शिक्षकों का चयन करके अंगवस्त्र व प्रशस्तिपत्र दिलाकर सम्मानित करना है। इनमें 50 प्रतिशत वित्तविहीन विद्यालयों के होंगे, जबकि बाकी शिक्षकों का चयन राज्य विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों, राजकीय, अशासकीय सहायताप्राप्त, संस्कृत माध्यमिक व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों से किया जाएगा। जिलाधिकारी, जनप्रतिनिधि व शिक्षाविदों को अतिथि के रूप में आमंत्रित करके चयनित शिक्षकों को अंगवस्त्र व प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें किसी तरह की अनियमितता पर डीआइओएस व बीएसए की जिम्मेदारी तय करने की चेतावनी भी दी गई है।

2020 के लिए चयनितों का सम्मान अनिवार्य: वर्ष 2020 के राज्य व मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित माध्यमिक शिक्षकों को अनिवार्य रूप से सम्मानित कराने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से सम्मान समारोह नहीं हुआ था। बेसिक शिक्षा निदेशक ने भी राज्य अध्यापक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित 73 शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर सम्मानित करने का निर्देश दिया है।