25 पीसीएस अफसरों के आइएएस संवर्ग में प्रमोशन पर लगी मुहर

लखनऊ : सूबे के 25 पीसीएस अफसर जल्द ही आइएएस संवर्ग में प्रमोट होंगे। संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली में गुरुवार को हुई सेलेक्शन कमेटी की बैठक में प्रदेश के 25 पीसीएस अधिकारियों के आइएएस संवर्ग में प्रमोशन पर मुहर लगी। इनमें पीसीएस के 1998 बैच के चार, 1999 बैच के 14 और 2000 बैच के सात अधिकारी शामिल हैं। पांच अधिकारियों के लिफाफे बंद होने के कारण उनके प्रमोशन पर रोक लगी है।


पीसीएस से आइएएस संवर्ग में प्रमोशन के लिए केंद्र सरकार ने चयन वर्ष 2020 के लिए 30 रिक्तियां अधिसूचित की हैं। इन रिक्तियों के सापेक्ष पीसीएस से आइएएस संवर्ग में प्रमोशन के लिए संघ लोक सेवा आयोग में हुई सेलेक्शन कमेटी की बैठक में राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक डा.देवेश चतुर्वेदी और उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन शामिल हुए।

इन्हें मिलेगी पदोन्नति : 1998 बैच के अशोक कुमार, महेंद्र प्रसाद, गौरव वर्मा व रजनीश चंद्र। 1999 बैच के मनोज कुमार राय, निधि श्रीवास्तव, खेमपाल सिंह, संजय चौहान, सुनील कुमार चौधरी, संतोष कुमार शर्मा, अरुण कुमार द्वितीय, श्याम बहादुर सिंह, पवन कुमार गंगवार, बृजेश कुमार, हरिकेश चौरसिया, महेंद्र सिंह, रवींद्र पाल सिंह व अनिल कुमार। 2000 बैच की वंदना त्रिपाठी, समीर, अर्चना गहरवार, कुमार विनीत, विशाल सिंह, धनंजय शुक्ला और कपिल सिंह।

लखनऊ : प्रदेश पुलिस को जल्द 11 और आइपीएस अधिकारी मिलेंगे। विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) संवर्ग के 1992 बैच के 11 अधिकारियों को आइपीएस संवर्ग में पदोन्नति प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गई।

दिल्ली में गुरुवार को संघ लोक सेवा आयोग में हुई डीपीसी में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी व एडीजी कार्मिक राजकुमार भी मौजूद रहे। पीपीएस से आइपीएस बने 11 अधिकारियों का पदोन्नति आदेश जल्द जारी होगा। 1992 बैच के पीपीएस अधिकारी राजेश द्विवेदी, राजेश कुमार श्रीवास्तव, जय प्रकाश सिंह, दिनेश त्रिपाठी, त्रिभुवन सिंह, शशिकांत, राम सेवक गौतम, अजीत कुमार सिन्हा, अवधेश सिंह, पंकज कुमार पांडेय व डा.श्रीप्रकाश द्विवेदी को पदोन्नति प्रदान किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। बैठक में 1989 बैच के पीपीएस अधिकारी अमित मिश्र का लिफाफा बंद रहा। पूर्व में भी दो बार उनका लिफाफा बंद ही रह गया था। मैनपुरी में तैनाती के दौरान अमित मिश्र के विरुद्ध एक मामले में जांच चल रही है, जिसके चलते उनके नाम पर विचार नहीं किया गया।