पंद्रह साल से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों को अब सामूहिक परीक्षा के बिना साक्षर की श्रेणी में प्रोन्नत किया जा सकेगा

बस्ती: पंद्रह साल से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों को अब सामूहिक परीक्षा के बिना साक्षर की श्रेणी में प्रोन्नत किया जा सकेगा। कोरोना महामारी का असर पढ़ना लिखना अभियान पर देखा गया। लिहाजा अब प्रदेश में निरक्षरों को साक्षर। बनाने के लिए चल रहे अभियान में सामूहिक परीक्षा नहीं कराई जाएगी । उनकी प्रोन्नति के लिए न्यूनतम स्तर के मानक तय कर दिए गए हैं। इसी आधार पर इनका मूल्यांकन कर उन्हें साक्षर घोषित किया जा सकेगा।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा स्तर से डायट प्राचार्य व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार ने पढ़ना-लिखना अभियान योजना के तहत समय सीमा को बढ़ाकर तीस सितंबर 2021 कर दिया है। लिहाजा चिह्नित किए गए निरक्षर महिला / पुरुष को साक्षर की श्रेणी में निर्धारित न्यूनतम मानक के आधार पर मूल्यांकन कर रिपोर्ट 30 सितम्बर तक सरकार को भेज देनी है। केन्द्र सरकार ने 2018 में साक्षर भारत अभियान को बंद कर दिया था। बीते वर्ष पढ़ना लिखना अभियान शुरू किया। पहली वरीयता पर परिषदीय स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसोइयों को साक्षर किया जाना था।

न्यूनतम मानक तय किए
केन्द्र सरकार ने अभियान के मूल्यांकन के लिए न्यूनतम मानक तय कर दिए हैं। चिह्नित निरक्षर को अपना नाम स्थानीय बोली में लिखना, अस्पताल, स्कूल या पंचायत का बोर्ड पढ़ना आना चाहिए। नाम, माता पिता, परिवार के लोगों का नाम, जगह का नाम के साथ चार-पांच छोटे वाक्य लिखवाए जाएंगे।

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