शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसका उपयोग करने का लगा आरोप, एफआईआर दर्ज कराने की मांग

बुलंदशहर। सीजेएम न्यायालय में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और अनूपशहर के खंड शिक्षा अधिकारी समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए मुकदमा दायर किया गया है। मुकदमे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर एक हिस्ट्रीशीटर को बचाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसका उपयोग करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है।

अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के गांव रूपवास निवासी अधिवक्ता उमेश भारद्वाज ने सीजेएम न्यायालय में 156(3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि उच्च प्राथमिक विद्यालय एंचोरा विकास खंड अनूपशहर में तैनात शिक्षक का लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास है और वह अनूपशहर कोतवाली का बी श्रेणी का हिस्ट्रीशीटर है। वर्ष 2000 में जेल में रहने के दौरान आरोपी शिक्षक ने खुद का पेशा खेतीबाड़ी बताया। जेल में निरूद्ध रहने के दौरान विभाग से वेतन वसूला गया। एक ही वक्त में स्कूल और न्यायालय में उपस्थिति दर्शाई गई। आरोप है कि इस तरह शिक्षक ने विभाग से धोखाधड़ी करते हुए सरकारी धन की वसूली की है। यह जांच में भी साबित हो गया। इसके बावजूद कई माह तक विभाग की ओर से आरोपी शिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिवक्ता उमेश भारद्वाज ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह, अनूपशहर के खंड शिक्षा अधिकारी बुद्धसेन सिंह, उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐंचोरा विकास खंड अनूपशहर की प्रधानाचार्य प्रभा शर्मा और विद्यालय के ही प्रभारी प्रधानाध्यापक रविंद्र कुमार ने हिस्ट्रीशीटर शिक्षक को बचाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका प्रयोग किया। मामले में सीजेएम से मुकदमा दर्ज कराकर जांच के लिए आदेश करने की मांग की गई है।

मामले को बेवजह दिया जा रहा तूल
मामला संज्ञान में है। जेल में निरूद्घ रहने के दौरान आरोपी शिक्षक ने खुद को किसान दर्शाया था। जानकारी होने पर पूर्व में ही शिक्षक को निलंबित किया जा चुका है। साथ ही उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। अब इस मामले को बेबुनियादी रूप से तूल दिया जा रहा है।
- अखंड प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षक अधिकारी