मिड-डे-मील बनाने के लिए परिषदीय स्कूलों में लकड़ी जलाकर बनाया जा रहा, बीएसएस ने दिए कार्रवाई के निर्देश

उच्च प्राथमिक विद्यालय 24 अगस्त से खुल चुके हैं। विद्यार्थियों के लिए भौतिक कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। मिड- डे-मील वितरण भी सुनिश्चित कराने को कहा गया है, बावजूद इसके 26 अगस्त को जनपद के 18 स्कूलों में मिड डे मील बच्चों को नहीं दिया गया। वहीं, गुरुवार को कई परिषदीय विद्यालयों में गैस सिलेंडर के स्थान पर लकड़ी से भोजन बनवाया गया।


उच्च प्राथमिक विद्यालय होलागढ़ एवं सुल्तानपुर अकबर विद्यालय में दाल-रोटी बनी थी। लेकिन गैस सिलेंडर की जगह चूल्हे पर मध्यान भोजन बनाया गया था। यहां रसोइयों ने कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई थी। प्रधानाध्यापक इंदू सिंह ने बताया कि विद्यालय में 138 बच्चों को भोजन वितरित किया गया। रोटी बनने के कारण गैस सिलेंडर का उपयोग नहीं किया गया और जो दो रसोइयों ने टीकाकरण नहीं कराया है वह आज वैक्सीन लगवा लेंगी। सुल्तानपुर अकबर विद्यालय में एक शिक्षक उपस्थित थीं। प्रधानाध्यापक रेशमा और सहायक अध्यापक पुष्पा वर्मा अनुपस्थित थीं। उपस्थित शिक्षक मंजू सिंह ने बताया कि 18 बच्चे आए थे, उन्हें दाल और रोटी दिया गया। तीन रसोइयों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है। हरीपुर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में 129 छात्र उपस्थित रहे।

रसोइयों के पास कोरोनामुक्त का प्रमाण नहीं था। औंता स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में चावल व सब्जी बनी उच्च प्राथमिक विद्यालय मुहीउद्दीनपुर में 31 अगस्त तक एमडीएम नहीं बना। गुरुवार को सब्जी-चावल बनाया गया था।

बीएसएस ने दिए कार्रवाई के निर्देश

26 अगस्त को जिले के 18 स्कूलों में मिड डे मील बच्चों को न देने के मामले में बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने संबंधित स्कूलों के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। बीएसए ने बताया कि बहादुरपुर के दो विद्यालय, बहरिया, चाका, इंडिया, होलागढ़, जसरा, शंकरगढ़, कौड़िहार व उरवा के एक, कौधियारा, कोराव, मेजा, प्रतापपुर के दो विद्यालयों में भी बच्चों को मिड डे मील नहीं बाँटा गया। यह भी कहा गया है कि आइवीआरएस प्रणाली में सूचना अनिवार्य रूप से दर्ज कराई जाए।