हाई कोर्ट ने विवाहिता पुत्री की मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पर विचार कर निर्णय लेने का निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवाहिता पुत्री की मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पर विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विमला श्रीवास्तव केस के फैसले के आलोक में याची की अर्जी विवाहिता पुत्री होने के कारण निरस्त नहीं की जाए।

यह आदेश न्यायमूíत पंकज भाटिया ने श्रीमती अंकिता श्रीवास्तव की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता घनश्याम मौर्य का कहना था कि याचिकाकर्ता की मां शिवमूíत बालिका इंटर कालेज केराकत जौनपुर में कार्यरत थीं। सेवाकाल में मृत्यु हो गई तो याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की अर्जी दी। जिला विद्यालय निरीक्षक ने यह कहते हुए अर्जी निरस्त कर दी कि विवाहिता पुत्री परिवार में शामिल नहीं है। याची ने बैंक एकाउंट के आधार पर स्वयं को मां का आश्रित बताया। कोर्ट ने याची को प्रत्यावेदन देने और जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर को उसे चार माह में निर्णीत करने का निर्देश दिया है।