गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़े कई मामलों को भी मंजूरी:
राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को एक हजार अरब डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में एक्सप्रेस-वे के जाल का बड़ा योगदान होगा। गंगा एक्सप्रेस-वे किसी राज्य के माध्यम से तैयार हो रहा देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा। उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए अब तक 92.02 प्रतिशत भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है इसके लिए निविदा दस्तावेज निकाल रहे हैं। सिंह ने कहा कि यह एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इसके अंदर चार पैकेज हैं हर पैकेज की लागत 5000 से लेकर 5800 करोड़ रुपए तक होगी। उनके मुताबिक निविदा की संपूर्ण प्रक्रिया 60 दिनों के अंदर पूरी की जाएगी और आज कैबिनेट में इसका संपूर्ण अनुमोदन दिया है ताकि बार-बार चीजों पर विचार न करना पड़े और इसे विकसित करने का काम तेजी से हो सके।पीपीपी मॉडल पर होगा काम:
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण निजी सार्वजनिक भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल पर होगा। इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। इस पर हवाई पट्टी भी रहेगी और मुख्यमंत्री ने आज कहा है कि इसके ऊपर औद्योगिक क्लस्टर कहां-कहां बनेंगे यह निर्दिष्ट कर दिया जाएगा। एक्सप्रेस-वे पर जन सुविधाओं के लिए भी नौ जगह प्रावधान किया गया है। भविष्य में इसे और बढ़ाया जाएगा।उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना पर सिविल और निर्माण की अनुमानित कुल लागत 36230 करोड़ रुपए है। सिविल निर्माण पर 19754 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि इस पर 2371 करोड़ की जीएसटी भी है। यह कुल मिलाकर 22125 करोड़ हो जाता है और भूमि की खरीद के लिए 9255 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।