मनरेगा योजना में महिला कार्मिकों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिल रहा

लखनऊ : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना में महिला कार्मिकों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिल रहा है। यदि महिला कार्मिक ने पिछले वर्षों में भी मातृत्व सुख पाया है तो उसका भी वह भुगतान ले सकती है। इसके लिए उसे संबंधित जिले में आवेदन करना होगा। यह जरूर है कि महिला को सेवाकाल में सिर्फ दो बार ही वेतन के साथ मातृत्व अवकाश मिलेगा।


ग्राम्य विकास विभाग की ओर से संचालित मनरेगा योजना में महिलाएं बड़ी संख्या में संविदा पर कार्य कर रही हैं। प्रदेश सरकार ने इसी वर्ष संविदा पर कार्यरत महिलाओं को मातृत्व अवकाश देना शुरू किया है। शासन ने मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के अनुसार पूरे सेवाकाल में दो बार तक वेतन सहित अवकाश देने का निर्णय लिया। इस आदेश के बाद से महिलाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जा रहा है। शासन ने यह भी व्यवस्था की है कि योजना में कार्यरत महिला कार्मिक ने यदि पूर्व के वर्षों में भी मातृत्व सुख पाया है तो उसे नियमानुसार भुगतान किया जाए।

अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग मनोज कुमार सिंह का आदेश है कि प्रसूति अवकाश यदि आठ दिसंबर 2008 के पहले का है तो संबंधित कार्मिक को 135 दिन का भुगतान मिलेगा। यदि मातृत्व अवकाश दिसंबर 2008 के बाद का है तो उसे 180 दिन का भुगतान किया जाएगा।

अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार का कहना है कि महिला कार्मिकों को संबंधित जिले में इसके लिए आवेदन करना होगा, तब उन्हें भुगतान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिकारियों को आदेश जारी किए जा चुके हैं।

जल्द होगा रोजगार सेवकों का समायोजन : कई ग्राम पंचायतों के नगर पंचायत क्षेत्र में आने पर रोजगार सेवकों का समायोजन जिले की रिक्त ग्राम पंचायतों में किए जाने की व्यवस्था है। अब तक 415 से अधिक का समायोजन हो चुका है। शेष का जल्द समायोजन किया जाएगा। महिला मनरेगा कार्मिक का विवाह होने पर समायोजन की तैयारी है। कोरोना से मृत कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर अब तक 15 लोगों को समायोजित किया गया। परिवार के व्यक्ति के ग्राम प्रधान निर्वाचित होने पर रोजगार सेवक की सेवाएं समाप्त नहीं होंगी, अन्य ग्राम पंचायतों में समायोजन होगा।

’मातृत्व अवकाश सेवाकाल में दो बार सवेतन देने का है आदेश
’2008 के पहले 135 दिन और उसके बाद 180 दिन का भुगतान