लखनऊ: सरकार ने निजी विकासकर्ताओं के ईडब्ल्यूएस भवनों के गरीब आवंटियों को बड़ी राहत देने वाला फैसला किया है। अब ऐसे आवंटियों को भवन की रजिस्ट्री के लिए 40-50 हजार रुपये नहीं खर्च करने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ऐसे आवंटियों के भवनों की रजिस्ट्री भी मात्र 500 रुपये में करने का फैसला किया गया।
अब तक विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद आदि द्वारा बनाए जाने वाले ईडब्ल्यूएस भवनों के आवंटियों को ही 500 रुपये में ही रजिस्ट्री कराने की छूट मिल रही थी। पीएम आवास योजना (शहरी) मिशन के तहत विकासकर्ता द्वारा बनाए जाने वाले दुर्बल आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के भवनों की लाभार्थी के पक्ष में रजिस्ट्री पर भी 500 रुपये ही स्टाम्प शुल्क की व्यवस्था थी। निजी विकासकर्ताओं के लिए अपनी योजना में 10 फीसद भवन ईडब्ल्यूएस के लिए बनाने की शर्त है इसलिए विकासकर्ता ऐसे भवन बना तो रहे थे, लेकिन उनकी पात्र आवंटियों के पक्ष में रजिस्ट्री कराने पर 50 हजार रुपये तक स्टाम्प ड्यूटी का खर्च आ रहा था। ऐसे में निजी विकासकर्ताओं की संस्था क्रेडाई की मांग कर थी कि अन्य की तरह निजी विकासकर्ताओं के ईडब्ल्यूएस भवनों की रजिस्ट्री पर भी 500 रुपये ही स्टाम्प ड्यूटी लगे।