स्कूलों को इंटरनेट से जोड़ने की यह मुहिम इसलिए भी तेज हुई है, क्योंकि इसके जरिये विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों को दूसरे स्कूलों से आनलाइन जोड़ा जा सकेगा। स्कूली छात्रों को इससे फायदा होगा। इसके साथ ही स्मार्ट क्लास रूम के जरिये छात्र देश-दुनिया के बेहतरीन शिक्षकों के वीडियो देख सकेंगे ओर ऐसे पाठों को पढ़ सकेंगे, जिन्हें समझने के लिए उन्हें ट्यूशन या कोचिंग की मदद लेनी पड़ती है जो ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों में आसानी से नहीं मिल पाती है। मौजूदा समय में देश में कुल 15 लाख स्कूल हैं। इनमें से करीब 10 लाख सरकारी स्कूल हैं जो अभी तक इंटरनेट की सुविधा से वंचित थे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी सरकारी स्कूलों को निजी की तरह हाईटेक सुविधाओं से लैस करने पर जोर दिया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में संसद को दी गई एक जानकारी में बताया कि वह सरकारी स्कूलों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए तेजी से काम कर रहा है। भारतनेट कार्यक्रम के तहत यह मुहिम शुरू की गई है जिसमें वर्ष 2023 तक सभी गांवों को फाइबर कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
नई दिल्ली: आनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने सहित सरकारी स्कूलों को स्मार्ट क्लास ख्म में तब्दील करने की मुहिम के बीच केंद्र सरकार ने देश भर के सभी सरकारी स्कूलों को इंटरनेट से लैस करने का किया है। अब तक 1.19 लाख सरकारी को इंटरनेट से जोड़ दिया गाया हब । बाकी सभी स्कूलों को भी उस गांव तक फाइबर नेटवर्क पहुंचते ही जोड़ दिया जाएगा।
स्कूलों को इंटरनेट से जोड़ने की यह मुहिम इसलिए भी तेज हुई है, क्योंकि इसके जरिये विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों को दूसरे स्कूलों से आनलाइन जोड़ा जा सकेगा। स्कूली छात्रों को इससे फायदा होगा। इसके साथ ही स्मार्ट क्लास रूम के जरिये छात्र देश-दुनिया के बेहतरीन शिक्षकों के वीडियो देख सकेंगे ओर ऐसे पाठों को पढ़ सकेंगे, जिन्हें समझने के लिए उन्हें ट्यूशन या कोचिंग की मदद लेनी पड़ती है जो ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों में आसानी से नहीं मिल पाती है। मौजूदा समय में देश में कुल 15 लाख स्कूल हैं। इनमें से करीब 10 लाख सरकारी स्कूल हैं जो अभी तक इंटरनेट की सुविधा से वंचित थे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी सरकारी स्कूलों को निजी की तरह हाईटेक सुविधाओं से लैस करने पर जोर दिया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में संसद को दी गई एक जानकारी में बताया कि वह सरकारी स्कूलों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए तेजी से काम कर रहा है। भारतनेट कार्यक्रम के तहत यह मुहिम शुरू की गई है जिसमें वर्ष 2023 तक सभी गांवों को फाइबर कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
स्कूलों को इंटरनेट से जोड़ने की यह मुहिम इसलिए भी तेज हुई है, क्योंकि इसके जरिये विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों को दूसरे स्कूलों से आनलाइन जोड़ा जा सकेगा। स्कूली छात्रों को इससे फायदा होगा। इसके साथ ही स्मार्ट क्लास रूम के जरिये छात्र देश-दुनिया के बेहतरीन शिक्षकों के वीडियो देख सकेंगे ओर ऐसे पाठों को पढ़ सकेंगे, जिन्हें समझने के लिए उन्हें ट्यूशन या कोचिंग की मदद लेनी पड़ती है जो ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों में आसानी से नहीं मिल पाती है। मौजूदा समय में देश में कुल 15 लाख स्कूल हैं। इनमें से करीब 10 लाख सरकारी स्कूल हैं जो अभी तक इंटरनेट की सुविधा से वंचित थे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी सरकारी स्कूलों को निजी की तरह हाईटेक सुविधाओं से लैस करने पर जोर दिया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में संसद को दी गई एक जानकारी में बताया कि वह सरकारी स्कूलों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए तेजी से काम कर रहा है। भारतनेट कार्यक्रम के तहत यह मुहिम शुरू की गई है जिसमें वर्ष 2023 तक सभी गांवों को फाइबर कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।