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यूपी बोर्ड की अंकसुधार परीक्षा का मूल्यांकन शनिवार से शुरू होगा

प्रयागराज। यूपी बोर्ड की अंकसुधार परीक्षा का मूल्यांकन शनिवार से शुरू हो गया। मूल्यांकन प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली और गोरखपुर जिलों में बनाए गए 15 केंद्रों पर कराया जा रहा है।

प्रयागराज में राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिविल लाइंस और सीएवी इंटर कॉलेज में कराया जा रहा है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन 12 अक्तूबर तक होगा। जीजीआईसी की प्रधानाचार्या डॉ. इन्दु सिंह ने बताया कि 294 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। शिक्षकों को स्टेप मार्किंग के निर्देश दिए गए हैं। बोर्ड के सूत्रों की मानें तो परिणाम इसी महीने घोषित होने की उम्मीद है।

प्रधानाचार्य भर्ती के लिए साक्षात्कार से सेवानिवृत्त शिक्षकों को बाहर करने का निर्णय लिया गया

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य भर्ती के लिए साक्षात्कार से सेवानिवृत्त शिक्षकों को बाहर करने का निर्णय लिया है।

चयन प्रक्रिया में सालों लगने के कारण बड़ी संख्या में शिक्षक इंटरव्यू शुरू होने से पहले सेवानिवृत्त हो जाते थे, लेकिन चयन बोर्ड ऐसे शिक्षकों को भी साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र भेजता था। इससे चयन प्रक्रिया बाधित होती थी। किसी स्कूल के लिए जारी तीन अभ्यर्थियों के पैनल में सेवानिवृत्त शिक्षकों का नाम होने के कारण कार्यरत शिक्षकों को कठिनाई होती थी। यही कारण है कि प्रधानाचार्य भर्ती के लिए आवेदन करने वाले कार्यरत शिक्षक लंबे समय से रिटायर अभ्यर्थियों को प्रक्रिया से बाहर करने की मांग कर रहे थे। चयन बोर्ड ने आवेदन पत्र में दी गई जन्मतिथि के आधार पर 62 वर्ष पूरा कर चुके अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र नहीं भेजने का निर्णय लिया है। जो कि अगले महीने शुरू होने जा रहे 2013 के साक्षात्कार से लागू होगा। प्रधानाचार्य भर्ती 2013 को चयन बोर्ड ने दिसंबर तक पूरी करने की तैयारी की है।

बीएड प्रवेश काउंसिलिंग के तीसरे चरण के सीट आवंटन का परिणाम बृहस्पतिवार को घोषित कर दिया गया, कुल 38,841 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित हुई

उत्तर प्रदेश के सरकारी व निजी संस्थानों में प्रवेश के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से की जा रही बीएड प्रवेश काउंसिलिंग के तीसरे चरण के सीट आवंटन का परिणाम बृहस्पतिवार को घोषित कर दिया गया। तीसरे चरण में कुल 38,841 अभ्यर्थियों को सीट आवंटित हुई है।


संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा की राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया है कि जिन अभ्यर्थियों को सीट आवंटित हुई है उनको 10 अक्तूबर तक अपना सीट कंफर्मेशन शुल्क जमा करना है। जिन अभ्यर्थियों को आवंटित सीट का शुल्क 5000 से कम है, उन्हें लविवि की वेबसाइट पर लॉगिन कर आवंटन प्रपत्र आदि डाउनलोड करना होगा। अन्य आवंटित अभ्यर्थियों को लॉगिन कर शेष महाविद्यालय शुल्क राशि जमाकर अपना आवंटन प्रपत्र आदि डाउनलोड करना होगा। इसमें असफल होने पर अभ्यर्थियों का सीट आवंटन निरस्त हो जाएगा। अभ्यर्थियों को अपने आवंटन पत्र तथा मूल प्रमाण पत्रों के साथ आवंटित विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में जाकर तुरंत रिपोर्टिंग करनी होगी।

उन्होंने बताया कि चौथे चरण की काउंसिलिंग भी शुरू हो गई है। इसमें स्टेट रैंक 1 से अंत तक के विद्यार्थी पंजीकरण कर सकते है। रजिस्ट्रेशन 10 अक्तूबर तक होगा। इस चरण में पंजीकरण कराने वाले अभ्यर्थी 8 से 11 अक्तूबर तक च्वॉइस फिलिंग कर सकेंगे। इसका परिणाम 12 अक्तूबर को लविवि की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन अभ्यर्थियों को पूर्व में सीट आवंटित हुई है और वे किन्हीं कारणों से सीट कंफर्मेशन शुल्क अब तक जमा नहीं कर पाए हैं। उनके लिए सीट कंफर्मेशन शुल्क जमा करने की तिथि 10 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है।

43 हजार गांवों में पंचायत सहायकों का चयन पूरा

लखनऊ। प्रदेश की 43 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक / अकाउंटेंट कम डाटा इंट्री आपरेटर के चयन की कार्यवाही पूरी हो गई है। शेष में चयन का कम चल रहा है। हालांकि चयनित पंचायत सहायकों से अनुबंध की कार्यवाही में सुस्ती बनी हुई है। चयनित में से एक तिहाई का भी अनुबंध नहीं हो सका है।

प्रदेश सरकार ने सभी 58, 189 ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक/अकाउंटेंट कम डाटा इंट्री आपरेटर की नियुक्ति का एलान किया था। आवेदन से नियुक्ति तक की कार्यवाही 10 सितंबर तक पूरी होनी थी। मगर कार्यवाही तय शिड्यूल पर पूरी नहीं हो पाई है। शनिवार शाम तक 43,743 ग्राम पंचायतों में चयन हो पाया था। जिलों ने ब्योरा पंचायतीराज विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन अपडेट किया है। अभी करीब 15 हजार पंचायत सहायकों का चयन बाकी है। इसी तरह चयनित पंचायत सहायकों के अनुबंध संबंधी कार्यवाही भी काफी धीमी है। चयनित अभ्यर्थियों में से अब तक 13,694 का ही अनुबंध हो सका है।

सहायता प्राप्त माध्यमिक इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के शेष 11 विषयों के साक्षात्कार 21 से 30 अक्तूबर तक होंगे

सहायता प्राप्त माध्यमिक इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के शेष 11 विषयों के साक्षात्कार 21 से 30 अक्तूबर तक होंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने परिणाम घोषित करने के 24 घंटे के अंदर साक्षात्कार कार्यक्रम जारी कर दिया।

शुक्रवार की शाम नागरिक शास्त्रत्त्, भूगोल, समाजशास्त्रत्त्, अर्थशास्त्रत्त्, इतिहास, हिंदी, कृषि, शिक्षाशास्त्रत्त्, शारीरिक शिक्षा, वाणिज्य तथा संगीत गायन का परिणाम घोषित हुआ था। 21 अक्तूबर को पहले दिन ही 525 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है। प्रवक्ता हिंदी के 1635 सफल अभ्यर्थियों में से 315 का इंटरव्यू पहले दिन 21 अक्तूबर को होगा। भूगोल के 210 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार भी 21 को होगा। चयन बोर्ड में इंटरव्यू के लिए प्रतिदिन पांच बोर्ड गठित हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 31 अक्तूबर तक चयन प्रक्रिया पूरी हो जानी है। पूर्व में घोषित 12 विषयों की लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार 20 अक्तूबर तक होने हैं।

आजमगढ़: बकाया मानदेय को रसोइयों ने प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौपा

आजमगढ़। अखिल भारतीय मध्याह्न भोजन रसोइयां महासंघ के तत्वावधान में बकाया मानदेय को रसोइयों ने प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौपा। जिलाध्यक्ष सुनीता देवी ने कहा कि जिले में परिषदीय स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत करीब आठ हजार से ऊपर अनुसूचित जाति/जनजाति /पिछली जाति व सामान्य जाति के गरीब असहाय

पुरूष महिला रसोइयां तैनात है। उन्होने कहा कि रसोइयो का मानदेय मात्र 15 सौ रूपये है। वही पिछले सत्र से अभी तक मानदेय नही मिला है। जिससे रसोइयो व उनके बच्चे भूखमरी के कगार पर आ गए है। उन्होने दिये गए ज्ञापन डीएम से मांग किया कि दशहरा व दीपावली को देखते हुए रसोईयो का बकाया मानदेय तत्काल एक मुश्त दिलाने की मांग की। इस मौके पर प्रदेश संरक्षक सुरेन्द्र नाथ गौतम ,संगीता यादव,रामदुलारे गोड आदि शामिल रहे।

बीएलएड प्रशिक्षु शिक्षक कल्याण समिति की ओर से सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पत्र भेजकर मांग की

प्रयागराज | उत्तर प्रदेश आदर्श बीएलएड प्रशिक्षु शिक्षक कल्याण समिति की ओर से सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पत्र भेजकर मांग की है कि, जिन बीएलएड अभ्यर्थियों की जन्मतिथि 2001 से है, उनको भी यूपी टीईटी में आवेदन करने का मौका मिले। अन्यथा उनका भविष्य अधर में लटक जायेगा । 2001 जन्मतिथि के हजारों छात्र बीएलएड के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत हैं। उन्होंने मांग की है कि उनको शासनादेश के अनुसार टीईटी परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलना चाहिए। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित कुमार वर्मा ने बताया कि ऐसे कई साथी पात्र होते हुआ भी आवेदन से वंचित हो जा रहे हैं। मांगों पर विचार न होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

हाईकोर्ट ने कहा कि राम, कृष्ण, रामायण , गीता के रचयिता महर्षि वाल्मीकि व महर्षि वेदव्यास की शिक्षा को स्कूलों मे अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि राम, कृष्ण, रामायण , गीता के रचयिता महर्षि वाल्मीकि व महर्षि वेदव्यास भारतीय संस्कृति की धरोहर है। इनको भारतीय संसद में कानून लाकर सम्मान देने की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि स्कूलों में इनकी शिक्षा अनिवार्य रूप से दिया जाना चाहिए। क्यों कि शिक्षा से ही व्यक्ति संस्कारित होता है वह जीवन मूल्यों व संस्कृति से विज्ञ होता है।

भगवान राम कृष्ण के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में आरोपी आकाश जाटव को जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अच्छी शिक्षा ही अच्छे मनुष्य का निर्माण करती है।

बहुतायत शिक्षा पाश्चात्य इतिहासकारों पर ही आधारित है। जिन्होंने चाटुकारिता और स्वार्थ में आकर भारतीय संस्कृति को बहुत नुकसान पहुंचाया है।

आस्था को ठेस नहीं पहुंचा सकें नास्तिक
धर्म न मानने वाला नास्तिक हो सकता है। इससे किसी को दूसरे की आस्था को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं मिल जाता। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा कि  मानव खोपड़ी हाथ में लेकर नृत्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह अपराध है। कोर्ट ने कहा ईद पर गो हत्या पर पाबंदी है। हत्या करना अपराध है। सूचना प्रौद्योगिकी कानून में भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम गैर जमानती अपराध है। अभिव्यक्ति की आजादी असीमित नहीं है। अफवाह फैलाना, अश्लीलता फैलाना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, बल्कि अपराध हैं।

बेसिक व माध्यमिक संघ के बैठक मे असहमत, अटका पदोन्नति कोटा

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा समूह-ख के उच्चतर पदों पर निर्धारित पदोन्नति कोटा संशोधन के संबंध में हुई बैठक में माध्यमिक व बेसिक संघों में सहमति नहीं बन सकी। माध्यमिक शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा विभाग के संघों के मत पदोन्नति कोटा निर्धारण के संबंध में भिन्न-भिन्न रहे। ऐसे में निर्णय लिया गया कि शिक्षा अधिकारी, शिक्षक संघों से वार्ता करके समन्वय स्थापित करें और उसकी आख्या उपलब्ध कराएं, ताकि नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।

बेसिक शिक्षा के सहायक अध्यापक से खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) तक और माध्यमिक के एलटी एवं प्रवक्ता पद तक अलग- अलग कैडर हैं। इसके ऊपर के पदों पर बेसिक और माध्यमिक में घालमेल है। पदोन्नति कोटा संशोधन से समूह 'ग' के खंड शिक्षाधिकारी समूह 'ख' के उच्चतर पढ़ों पर पदोन्नति पाने की कोशिश में हैं। राजकीय शिक्षक संघ भड़ाना गुट के प्रांतीय महामंत्री डा. रविभूषण बताते हैं कि बीईओ जिस कैडर की मांग कर रहे हैं, वह उस कैडर में सीधे जाने की अर्हता नहीं रखते। नियमावली के अनुसार पहले उन्हें अधीनस्थ राजपत्रित समूह 'ख' अर्थात उप बेसिक शिक्षाधिकारी (डीआई) का पद प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने नियमावली में बिना संशोधन के, सिर्फ राजाज्ञा के माध्यम से पदों में घालमेल कर पूरे पदों को खंड शिक्षाधिकारी बना लिया, जो नियमावली के विपरीत है। इधर, समूह 'ख' के पद वर्तमान में 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से तथा 50 प्रतिशत राजपत्रित शिक्षण पुरुष / महिला शाखा और निरीक्षण शाखा में कार्यरत क्रमशः 61, 11 और 17 प्रतिशत के अनुपात में पदोन्नति कर लोक सेवा आयोग भरता है। नियमानुसार समूह 'ख' के उच्चतर के प्रधानाचार्य पदों के लिए तीन साल का शिक्षण अनुभव होना चाहिए, जो कि बीईओ के पास नहीं है। समूह 'ख' के उच्चतर पदों पर पदोन्नति दी जाए। अब आगे की राह समन्वय पर सहमति या असहमति पर तय होगी ।

परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को उबालकर दें पानी: डीएम

अम्बेडकरनगर। मुख्यमंत्री के नवीन सर्वोच्च प्राथमिकता के 37 प्रारूप की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन ने की। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को उबालकर ठंडा करके स्वच्छ पानी देने, वर्षा से गिरे हुए भवन स्वामियों को पीएम आवास देने, टैगिंग से अवशेष पशुओं की टैगिंग कराने, शिकायतों को प्राथमिकता के साथ निस्तारण करने के साथ अनुपस्थित अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश डीएम ने दिए हैं।

डीएम ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, निराश्रित गोवंश को संरक्षित करना, टीकाकरण कार्यक्रम, मुख्यमंत्री निराश्रित/ बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना, गौवंशीय व महिष वंशीय पशुओं की ईयर टैगिंग, चिकित्सकों की उपलब्धता, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, परिवार नियोजन, दवाओं की उपलब्धता, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश, सामुदायिक शौचालय निर्माण की स्थिति, ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण की स्थिति, अमृत योजना के तहत जलापूर्ति, स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) खुले में शौच से मुक्त, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, रिक्त दुकानों का व्यवस्थापन, मत्स्य पालन हेतु तालाबों का आवंटन, पेंशन योजनाएं, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, शादी अनुदान योजना, माननीय मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, राज्य पोषित छात्रवृत्ति योजना, कन्या सुमंगला योजना, सामाजिक वनीकरण, दुग्ध समितियों का गठन एवं पुनर्गठन, गन्ना मूल्य भुगतान, आपरेशन कायाकल्प के तहत अवस्थापना सुविधाओं का संतृप्ति करण, कौशल विकास मिशन, ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से सेवाओं की स्थिति, स्वरोजगार योजनाएं, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार सृजन योजना, सहकारी देयो एवं एनपीए से वसूली, आइजीआरएस आदि की समीक्षा बिंदुवार की। डीएम ने बीएसए निदेर्शित करते हुए कहा सभी विद्यालयों में बच्चों को स्वच्छ पानी उबालने के साथ ठंडा करके दिया जाए। डूडा को निर्देशित करते हुए कहा कि पीएम शहरी में यदि कोई शिकायत आती है तो उसके घर जाकर निस्तारण किया जाए। परियोजना निदेशक को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक ब्लाक में कतिपय माडल आवास बनाया जाए और वर्षा से प्रभावित यानि जिनका मकान गिर गया है उनको पीएम आवास योजना से आच्दादित किया जाए। अधिशासी अधिकारी को प्लास्टिक के विरूद्ध प्रतिदिन अभियान चलाया जाए। डीएम ने समस्त विभाग के अधिकारियों को आईजीआरएस से सम्बन्धित लम्बित प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए। अनुपस्थित अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने के भी निर्देश डीएम ने दिए। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी घनश्याम मीणा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.श्रीकांत शर्मा, जिला विकास अधिकारी बिरेन्द्र सिंह, परियोजना निदेशक राकेश प्रसाद, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी अनुपम सिंह, जिला सूचना अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी तथा सम्बन्धित विभाग के अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

खण्ड शिक्षा अधिकारी के आदेश के अनुपालन में लापरवाही पड़ी भारी, रुका वेतन

 संभल। बीईओ के आदेश के अनुपालन में लापरवाही बरतना दो सहायक अध्यापकों को भारी पड़ गया। बीएसए ने दोनों अध्यापकों का अगले आदेश तक वेतन रोक दिया है। साथ ही, स्पष्टीकरण मांगा गया है। तीन दिन में यदि जवाब नहीं मिला, तो निलंबन की कार्रवाई होगी।



जिले में कुछ विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या कम है। कुछ ऐसे विद्यालय हैं, जहां बच्चे कम हैं और शिक्षक ज्यादा हैं। ऐसे शिक्षकों को हटाकर दूसरे स्कूलों मेें संबद्धिकरण किया जा रहा है ताकि पठन-पाठन की व्यवस्था बनी रही। इसी क्रम में जुुनावई के खंड शिक्षा अधिकारी ने सहायक अध्यापक दुर्रेज अहमद और तौसीफ अहमद को आवश्यकता वाले विद्यालयों में संबद्ध किया था। लेकिन इन्होंने बीईओ के आदेश के बावजूद संबद्धता वाले विद्यालयों में ज्वाइन नहीं किया। जिसके बाद बीईओ ने बीएसए को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा।

बीएसए सीपी सिंह ने इसे गंभीर माना और दोनों शिक्षकों का अगले आदेश तक वेतन रोक दिया है। तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

BSA के औचक निरीक्षण में आठ शिक्षक गैरहाजिर, एक दिन का वेतन रोका

वाराणसी :  हरहुआ ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों का मंगलवार को बीएसए राकेश सिंह ने बाइक से दौरा किया। बाइक की पिछली सीट पर बैठकर वह जिस भी विद्यालय पहुंचे वहां शिक्षक उन्हें पहचान नहीं पाए। इस दौरान बीएसए ने अनुपस्थित शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है। वहीं, विद्यालयों में गंदगी मिलने पर संबंधित प्रधानाध्यापकों को चेतावनी दी गई।



बीएसए सुबह 9.10 बजे हरहुआ ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। बीएसए को विद्यालय में प्रवेश करते देख उपस्थित शिक्षकों ने साथियों को फोन पर जल्दी पहुंचने का संदेश दिया। तीन महिला शिक्षक अनुपस्थित थी। इसके बाद बीएसए प्राथमिक विद्यालय वार पहुंचे। वहां भी तीन अध्यापक विजेंद्र नारायण सिंह, प्रेम सागर पटेल व अर्चना मिश्र गैरहाजिर मिले। औचक निरीक्षण में पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवनाथपुर में शिक्षिका सीमा सिंह व आभा रानी व प्राथमिक विद्यालय सरैया मोहनपुर में भी एक शिक्षक लक्ष्मी पति पटेल अनुपस्थित रहे। सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया गया है।

खंड शिक्षा अधिकारी पर आधार कार्ड बनाने के लिए 400-400 रुपये की रिश्वत का आरोप

खंड शिक्षा अधिकारी पर आधार कार्ड बनाने के लिए 400-400 रुपये की रिश्वत का आरोप , शिक्षकों ने जताया विरोध



🔸औरैया:बिधूना ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने आधार कार्ड बनवाने की एवज में मचाई लूट

🔸अपने नजदीकी रिश्तेदारों के माध्यम से BRC पर करवा रहे थे बसूली

🔸सैंकड़ों ग्रामीणों से ली 400 रुपये प्रति आधारकार्ड की रिश्वत

🔸अभिवावकों सहित शिक्षकों ने जताया विरोध

🔸बीईओ व उसके रिश्तेदारों ने "विरोध दर्ज कराने वाले अनुसूचित जाति के शिक्षक" के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की

🔸यूटा सहित अन्य संगठनों ने घटना पर रोष जताया, भ्रष्ट अधिकारी व उसके रिश्तेदारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही हेतु होगा आंदोलन

मोदी सरकार का बड़ा तोहफा : आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बड़ी खुशखबरी

मोदी सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बड़ा लाभ देने जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 13 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और 11 लाख से अधिक सहायिकाओं को 50 लाख रुपये के बीमा का लाभ मिलेगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना जागरूकता और निगरानी अभियान तथा घर-घर राशन वितरण जैसी गतिविधियों में शामिल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को योजना के तहत कवर किया जाएगा।


बता दें कि कोरोना काल में आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स ने कोरोना ड्यूटी पर रहते हुए जोखिम भत्ता और बीमा कवर की अपनी मांग रख रहीं थीं। इसके साथ ही वो नियुक्तियों को नियमित करने की मांग को लेकर देशव्यापी हड़ताल भी कर रहीं थीं। उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में आशा कार्यकर्ता कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से अपनी काम करने की स्थिति और कम वेतन का विरोध कर रहीं थीं।

अपने सामान्य काम और कोरोना ड्यूटी के अलावा, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शहरी क्षेत्रों से कटे हुए हाशिए के लोगों के दरवाजे तक कोरोना टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ा रही हैं।

गौरतलब है कि आशा कार्यकर्ता किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए संपर्क का पहला बिंदु हैं। वे भारत के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन से जुड़े हुए हैं और उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को सबसे वंचित और सबसे हाशिए पर लाकर भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को विकेंद्रीकृत करने में मदद की है। आशा कार्यकर्ताओं ने संस्थागत प्रसव में सहायता करके मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद की है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर बच्चों के लिए सरकार के पोषण कार्यक्रम को चलाने की भी जिम्मेदारी है।

संस्कृत विद्यालय में शिक्षक भर्ती पर लगेगी याचिका

प्रयागराज: सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में स्थायी पदों के सापेक्ष शासन द्वारा की जा रही अस्थायी संविदा शिक्षकों की नियुक्ति के विषय पर वायस आफ टीचर्स (वोट) ने बैठक की। सच्चा आध्यात्म संस्कृत महाविद्यालय नैनी के पूर्व प्राचार्य डॉ. चंद्रदेव मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में परंपरागत संस्कृत शिक्षक शामिल हुए। वोट के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य राजेश मिश्र ने की जा रही इस नियुक्ति को त्रुटिपूर्ण और अनुचित बताया। पूर्व प्राचार्य त्रिवेणी संस्कृत महाविद्यालय डॉ. शम्भू नाथ त्रिपाठी अंशुल ने इसे संस्कृत संस्थानों से शिक्षकीय पद समाप्त करने की प्रक्रिया में बढ़ाया गया कदम बताया। अध्यक्षता करते हुए डा. चंद्रदेव मिश्र ने कहा कि इसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका योजित की जानी चाहिए, जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया।

शिक्षकों व कर्मियों ने पांच माह से बकाया वेतन भुगतान की मांग को मंगलवार को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ज्ञापन सौंपा

महराजगंज। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के शिक्षकों व कर्मियों ने पांच माह से बकाया वेतन भुगतान की मांग को मंगलवार को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से उनके आवास पर मुलाकात की तथा ज्ञापन सौंपा।



केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री से मिले शिक्षकों ने कहा कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा संचालित होने वाले जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत प्रवक्ताओं व अन्य कर्मचारियों को पिछले पांच माह से अब तक वेतन नहीं दिया गया है। वेतन न मिलने से जहां शिक्षक व कर्मचारी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं वहीं, उनके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा व भरण पोषण की व्यवस्था में भी कठिनाइयां उत्पन्न हो रही हैं। शिक्षकों व कर्मियों के साथ-साथ उनके परिवार के हितों को ध्यान में रखते हुए अविलंब वेतन का भुगतान कराया जाए। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने उनकी समस्याओं को दूर कराने को लेकर आवश्यक कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया है।

केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन देने के दौरान अर्जुन शाही, रामजी, महाकालेश्वर पांडेय, आशीष मौर्य, दिव्या गुप्ता, पूजा चौधरी, मनीष प्रजापति, सूरज प्रकाश, संजय कुमार, डॉ. अरशद जमील, अभिमन्यु नायक, गोले त्रिपाठी, संजय आदि मौजूद रहे।

बुधवार छह अक्तूबर को पितृ विसर्जन अमावस्था पर बेसिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूल बंद रहेंगे

बरेली। बुधवार छह अक्तूबर को पितृ विसर्जन अमावस्था पर बेसिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूल बंद रहेंगे। मंगलवार को पूरे दिन शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुपों पर बहस चलती रही कि पितृ विसर्जन अमावस्या पर स्कूलों में छुट्टी रहेगी या नहीं। दरअसल, यह असमंजस इसलिए पैदा हुआ क्योंकि बेसिक शिक्षा परिषद की 2021 को अवकाश तालिका में पितृ विसर्जन अमावस्या का अवकाश शामिल नहीं है।
 

परिषद के सचिव की सूची में भी यह अवकाश नहीं था, जबकि डीएम की सूची में छह अक्तूबर का अवकाश दर्ज है। बीएसए विनय कुमार ने बताया कि छह अक्तूबर को अवकाश रहेगा। इसे लेकर यूटा के जिला उपाध्यक्ष सत्येंद्र पाल सिंह, महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष रुचि सैनी और शिक्षक नेता हरीश बाबू शर्मा ने भी अधिकारियों से बात कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।

गुरुजी की योग्यता परखने को डेढ़ मिनट, संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर सवाल

प्रयागराज : प्रदेश भर में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में अस्थाई संविदा पर शिक्षकों की भर्ती तो की जा रही है, लेकिन योग्यता परखने के लिए तय किए समय से सवाल खड़े हो गए हैं। साक्षात्कार छह अक्टूबर से नौ अक्टूबर तक सुबह दस से शाम पांच बजे तक लिया जाएगा।


साहित्य एवं व्याकरण विषय के लिए साक्षात्कार लिया जाएगा, जबकि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से विशेषज्ञ न मिल पाने के कारण प्रयागराज में आधुनिक विषय का साक्षात्कार स्थगित कर दिया गया है। प्रदेश भर में जिलों में अस्थाई संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जो पांच सदस्यीय चयन समिति बनाई गई है, उसमें संबंधित अशासकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक अध्यक्ष हैं। इनके अलावा संबंधित जिले के जिलाधिकारी द्वारा नामित जनपदीय अधिकारी सदस्य, मंडलीय उप निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं सदस्य, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी द्वारा नामित दो सदस्य एवं संबंधित जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव हैं। साक्षात्कार में शिक्षकों की योग्यता परखने के लिए उदाहरण के रूप में प्रयागराज की स्थिति को समझना होगा। साहित्य एवं व्याकरण विषय के लिए कुल 1127 आवेदन मिले हैं, जिसमें से 90 निरस्त हो गए हैं। चार दिवसों में सुबह दस से शाम पांच बजे तक साक्षात्कार की अवधि में मध्याह्न अवकाश एवं भिन्न-भिन्न विद्यालयों के लिए एक के बाद दूसरे विद्यालय के साक्षात्कार बोर्ड का गठन भी किया जाता रहेगा। इयदि छह घंटे रोज साक्षात्कार होगा तो चार दिन में 24 घंटे यानी 1440 मिनट लगेंगे। इस 1440 मिनट में करीब 1027 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जाना है।अब सवाल यह है कि लगभग इस डेढ़ मिनट में किसी शिक्षक की योग्यता कैसे परखी जाएगी? और वह कितनी न्यायसंगत होगी? इतने कम समय में शिक्षक के मूल्यांकन की प्रक्रिया को वायस आफ टीचर्स (वोट) के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य राजेश मिश्र ‘धीर’ ने त्रुटिपूर्ण, अव्यवहारिक, दोषपूर्ण एवं औपचारिक बताया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एक रियायत है अधिकार नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एक रियायत है अधिकार नहीं। कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 14 व 16 के तहत अनिवार्य सभी सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए, लेकिन यह एक मापदंडों का अपवाद है।


जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एआर बोपन्ना की पीठ ने का कि इस अदालत द्वारा अपने कई फैसलों में दी गई व्यवस्था के मुताबिक अनुकंपा नियुक्ति लोक सेवाओं में नियुक्ति के सामान्य नियम का अपवाद है। पीठ ने कहा कि अनुकंपा के आधार पर रोजगार देने का मकसद परिवार को संकट से उबरने में सक्षम बनाना है। इसका उदेश्य ऐसे परिवार को मृतक के पद से कम पद देना नहीं है। पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को रद करते हुए उप्र सरकार की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली। हाई कोर्ट ने चतुर्थ श्रेणी के एक कर्मचारी की विधवा को तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को भी बहाल किया, जिसे खंडपीठ ने रद कर दिया था। एकल पीठ ने तृतीय श्रेणी के पद के लिए महिला की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था, क्योंकि उसका पति चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था

पदोन्नति में आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, प्रतिनिधित्व निर्धारण के लिए क्या किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से उन कदमों की जानकारी मांगी, जो केंद्रीय नौकरियों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का आकलन करने के लिए उठाए गए हैं। पीठ ने सरकार से कहा कि एससी-एसटी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए साल 2006 के नागराज मामले में संविधान पीठ के फैसले का पालन करने के लिए की गई कवायद की जानकारी उपलब्ध कराए।



जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी समुदाय के लिए पदोन्नति में आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने कहा कि वह एक इस विवादास्पद मुद्दे पर फैसला करेगी कि आरक्षण नागराज मामले में दिए फैसले के अनुसार, एक समुचित अनुपात या प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता के आधार पर होना चाहिए।

पीठ ने कहा कि हम यह जानना चाह रहे हैं कि नागराज मामले में फैसले के बाद प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता का पता लगाने के लिए क्या किया गया है? अगर हम आरक्षण की पर्याप्तता का निर्धारण जनसंख्या के आधार पर करते हैं तो इसमें बड़ी खामियां हो सकती हैं। केंद्र को पर्याप्तता का अर्थ समझने के लिए दिमागी कसरत करनी चाहिए थी। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह ने कहा कि इसी कारण आनुपातिक परीक्षण लागू नहीं किया गया था।

इस पर पीठ ने कहा कि पदों पर रोस्टर तैयार होना चाहिए। यह एक मानदंड हो सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से आंकड़े कहीं भी मौजूद नहीं हैं। हम देखना चाहते हैं कि आरक्षण जारी रखने के लिए आपके पास क्या औचित्य है। इसके बाद अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि वह आरक्षण जारी रखने के लिए आंकड़े और कारण पेश करेंगे।