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मायावती ने कहा कि इस बार सत्ता में आने पर बेरोजगार नौजवानों को रोटी-रोजी के साधन उपलब्ध करना ही चुनावी मुद्दा होगा

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांशीराम की पुण्यतिथि पर शनिवार को यूपी विधानसभा चुनाव का शंखनाद करते हुए कहा कि इस बार सत्ता में आने पर बेरोजगार नौजवानों को रोटी-रोजी के साधन उपलब्ध करना ही चुनावी मुद्दा होगा।

शिक्षकों और कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए अलग से आयोग बनाया जाएगा। मायावती ने मंच से सभी वर्गों को साधने के लिए कुछ न कुछ करने की जहां घोषणाएं की, वहीं पर हिंदुत्व की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अयोध्या, काशी और मथुरा में कार्य जारी रखने का वादा भी किया।

सीएम कैबिनेट बैठक: योगी ने शनिवार को बाई सकरुलेशन विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को मंजूरी दी

लखनऊ: एक जिला एक मेडिकल कालेज की नीति पर काम कर रही योगी सरकार कई जिला अस्पताल और मेडिकल कालेजों का उच्चीकरण भी कर रही है। इसी के तहत आगरा के सरोजिनी नायडु मेडिकल कालेज को अपग्रेड करने के लिए अब लेडी लायल महिला अस्पताल का उसमें विलय किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है।

मेरठ में ईएसआइ अस्पताल के लिए जमीन : मेरठ में 100 बेड के कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय के निर्माण के लिए कासमपुर में जमीन देने का फैसला भी किया गया। अस्पताल बनाने के लिए 2.02 हेक्टेयर भूमि कर्मचारी राज्य बीमा निगम को दी जाएगी। इसी तरह राजधानी लखनऊ में राजकीय तकमील-उत्तिब कालेज में स्व. अब्दुल अजीज के नाम से 50 बेड के जिला यूनानी अस्पताल बनाया जाना है। इस अस्पताल के निर्माण के लिए पुराने भवन के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट नेी मंजूरी दे दी है।

पुलिस वाहनों की होगी ई-नीलामी
परिवहन विभाग की तर्ज पर अब पुलिस विभाग के खटारा वाहनों व पुराने उपकरणों की ई-नीलामी होगी। कैबिनेट ने पुलिस विभाग के निष्प्रयोज्य वाहन व उपकरणों की ई-नीलामी एमएसटीसी से किए गए अनुबंध के आधार पर कराए जाने की मंजूरी दी है।

उप्र माल व सेवा कर अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी सरकार ने उत्तर प्रदेश माल व सेवा कर अधिनियम, 2017 में चौथा संशोधन करने के लिए अध्यादेश, 2021 के प्रारूप को मंजूरी दे दी है।

केंद्र सरकार ने फाइनेंस एक्ट, 2021 के जरिए सेंट्रल जीएसटी एक्ट में कुछ संशोधन किए थे। उसी के क्रम में उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर अधिनियम में संशोधन के लिए इस अध्यादेश के प्रारूप को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

इसमें मुख्य रूप से जीएसटी के तहत देर से रिटर्न फाइल करने पर ब्याज की देनदारी शुद्ध कर देयता पर करने के प्रावधान को एक जुलाई 2017 से लागू करने की व्यवस्था की गई है।

यूपी के एक करोड़ स्टूडेंट्स को टैबलेट व स्मार्टफोन देगी यूपी सरकार, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी

युवाओं को शिक्षित, प्रशिक्षित व स्वावलंबी बनाने के लिए योगी सरकार उन्हें मुफ्त में स्मार्ट फोन और टैबलेट देकर सशक्त व समर्थ बनाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में टैबलेट व स्मार्ट फोन वितरण योजना को मंजूरी दी गई। कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता तथा सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि युवाओं के डिजिटल सशक्तीकरण के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है। सरकार से यह सौगात पाने वाले युवाओं की संख्या 60 लाख से एक करोड़ तक हो सकती है। इस पर 3000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कैबिनेट बैठक में कुल 25 प्रस्तावों पर मुहर लगी।


यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि टैबलेट व स्मार्टफोन स्नातक, परास्नातक, बीटेक, डिप्लोमा, पैरामेडिकल व नर्सिंग और कौशल विकास से जुड़े लाभार्थी युवा छात्रों को बांटे जाएंगे। इससे न केवल वे अपने शैक्षिक पाठ्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा कर सकेंगे, बल्कि उसके बाद विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी तथा स्वावलंबन की योजनाओं में भी इसका सदुपयोग कर नौकरी व रोजगार पा सकेंगे। कोरोना काल में आनलाइन शिक्षा, ट्यूटोरियल व कोचिंग अपरिहार्य हो गए हैं।

मनरेगा योजना में महिला कार्मिकों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिल रहा

लखनऊ : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना में महिला कार्मिकों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिल रहा है। यदि महिला कार्मिक ने पिछले वर्षों में भी मातृत्व सुख पाया है तो उसका भी वह भुगतान ले सकती है। इसके लिए उसे संबंधित जिले में आवेदन करना होगा। यह जरूर है कि महिला को सेवाकाल में सिर्फ दो बार ही वेतन के साथ मातृत्व अवकाश मिलेगा।


ग्राम्य विकास विभाग की ओर से संचालित मनरेगा योजना में महिलाएं बड़ी संख्या में संविदा पर कार्य कर रही हैं। प्रदेश सरकार ने इसी वर्ष संविदा पर कार्यरत महिलाओं को मातृत्व अवकाश देना शुरू किया है। शासन ने मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के अनुसार पूरे सेवाकाल में दो बार तक वेतन सहित अवकाश देने का निर्णय लिया। इस आदेश के बाद से महिलाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जा रहा है। शासन ने यह भी व्यवस्था की है कि योजना में कार्यरत महिला कार्मिक ने यदि पूर्व के वर्षों में भी मातृत्व सुख पाया है तो उसे नियमानुसार भुगतान किया जाए।

अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग मनोज कुमार सिंह का आदेश है कि प्रसूति अवकाश यदि आठ दिसंबर 2008 के पहले का है तो संबंधित कार्मिक को 135 दिन का भुगतान मिलेगा। यदि मातृत्व अवकाश दिसंबर 2008 के बाद का है तो उसे 180 दिन का भुगतान किया जाएगा।

अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार का कहना है कि महिला कार्मिकों को संबंधित जिले में इसके लिए आवेदन करना होगा, तब उन्हें भुगतान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिकारियों को आदेश जारी किए जा चुके हैं।

जल्द होगा रोजगार सेवकों का समायोजन : कई ग्राम पंचायतों के नगर पंचायत क्षेत्र में आने पर रोजगार सेवकों का समायोजन जिले की रिक्त ग्राम पंचायतों में किए जाने की व्यवस्था है। अब तक 415 से अधिक का समायोजन हो चुका है। शेष का जल्द समायोजन किया जाएगा। महिला मनरेगा कार्मिक का विवाह होने पर समायोजन की तैयारी है। कोरोना से मृत कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर अब तक 15 लोगों को समायोजित किया गया। परिवार के व्यक्ति के ग्राम प्रधान निर्वाचित होने पर रोजगार सेवक की सेवाएं समाप्त नहीं होंगी, अन्य ग्राम पंचायतों में समायोजन होगा।

’मातृत्व अवकाश सेवाकाल में दो बार सवेतन देने का है आदेश
’2008 के पहले 135 दिन और उसके बाद 180 दिन का भुगतान


बुधवार छह अक्तूबर को पितृ विसर्जन अमावस्था पर बेसिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूल बंद रहेंगे

बरेली। बुधवार छह अक्तूबर को पितृ विसर्जन अमावस्था पर बेसिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूल बंद रहेंगे। मंगलवार को पूरे दिन शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुपों पर बहस चलती रही कि पितृ विसर्जन अमावस्या पर स्कूलों में छुट्टी रहेगी या नहीं। दरअसल, यह असमंजस इसलिए पैदा हुआ क्योंकि बेसिक शिक्षा परिषद की 2021 को अवकाश तालिका में पितृ विसर्जन अमावस्या का अवकाश शामिल नहीं है।
 

परिषद के सचिव की सूची में भी यह अवकाश नहीं था, जबकि डीएम की सूची में छह अक्तूबर का अवकाश दर्ज है। बीएसए विनय कुमार ने बताया कि छह अक्तूबर को अवकाश रहेगा। इसे लेकर यूटा के जिला उपाध्यक्ष सत्येंद्र पाल सिंह, महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष रुचि सैनी और शिक्षक नेता हरीश बाबू शर्मा ने भी अधिकारियों से बात कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।

CM Yogi फैसला: गरीबों को आवंटित सभी तरह के भवनों की रजिस्ट्री अब 500 रुपये में होगी

लखनऊ: सरकार ने निजी विकासकर्ताओं के ईडब्ल्यूएस भवनों के गरीब आवंटियों को बड़ी राहत देने वाला फैसला किया है। अब ऐसे आवंटियों को भवन की रजिस्ट्री के लिए 40-50 हजार रुपये नहीं खर्च करने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ऐसे आवंटियों के भवनों की रजिस्ट्री भी मात्र 500 रुपये में करने का फैसला किया गया।


अब तक विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद आदि द्वारा बनाए जाने वाले ईडब्ल्यूएस भवनों के आवंटियों को ही 500 रुपये में ही रजिस्ट्री कराने की छूट मिल रही थी। पीएम आवास योजना (शहरी) मिशन के तहत विकासकर्ता द्वारा बनाए जाने वाले दुर्बल आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के भवनों की लाभार्थी के पक्ष में रजिस्ट्री पर भी 500 रुपये ही स्टाम्प शुल्क की व्यवस्था थी। निजी विकासकर्ताओं के लिए अपनी योजना में 10 फीसद भवन ईडब्ल्यूएस के लिए बनाने की शर्त है इसलिए विकासकर्ता ऐसे भवन बना तो रहे थे, लेकिन उनकी पात्र आवंटियों के पक्ष में रजिस्ट्री कराने पर 50 हजार रुपये तक स्टाम्प ड्यूटी का खर्च आ रहा था। ऐसे में निजी विकासकर्ताओं की संस्था क्रेडाई की मांग कर थी कि अन्य की तरह निजी विकासकर्ताओं के ईडब्ल्यूएस भवनों की रजिस्ट्री पर भी 500 रुपये ही स्टाम्प ड्यूटी लगे।

कानपुर के सर्किट हाउस में लगेगी अटल की प्रतिमा

भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा कानपुर नगर के सर्किट हाउस में लगाए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इसकी कुल लागत 37.35 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

हजार रुपये तक का दुर्बल आय वर्ग के आवंटियों को होगा फायदा

लखनऊ : 25 से 500 एकड़ भूमि पर इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित करने वाले विकासकर्ताओं को राज्य सरकार ने राहत दी है। अब ऐसे विकासकर्ताओं को डीपीआर के बजाय सिर्फ ले-आउट पर ही नगरीय विकास शुल्क (सीडीसी) देना पड़ेगा। इस संबंध में कैबिनेट बैठक में इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति-2014 (लाइसेन्स आधारित प्रणाली) में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इससे इंटीग्रेटेड टाउनशिप परियोजनाओं के काम में अब तेजी आएगी। छोटे शहरों में भी जरूरतमंदों के लिए आवास मुहैया कराने के लिए राज्य में 25 से 500 एकड़ क्षेत्रफल पर निजी निवेश के जरिए विकासकर्ताओं द्वारा टाउनशिप विकसित की इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति लागू है। नीति के मुताबिक परियोजना की स्वीकृत डीपीआर के तहत चरणबद्ध रूप से ले- आउट प्लान की स्वीकृति और संबंधित विकास प्राधिकरण-परिषद के साथ विकास अनुबन्ध की कार्यवाही की जाएगी।

UPTET OFFICIAL NOTIFICATION: यूपी टीईटी का आधिकारिक विज्ञापन देखने व आवेदन की वेबसाइट जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

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पिछड़े वर्ग को पदोन्नति में आरक्षण के साथ ही निजी क्षेत्र में आरक्षण का मुद्दा मैन्युफेस्टो में शामिल करने की मांग

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने रविवार को कांग्रेस मैन्यूफेस्टो कमेटी के चेयरमैन सलमान खुर्शीद से मुलाकात कर कांग्रेस शासन में प्रोन्नति में आरक्षण बिल राज्यसभा से पारित होने के बाद लोकसभा में लंबित रखने पर नाराजगी जताई।



समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा व अन्य ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लोकसभा में बिल पारित नहीं कराने का खामियाजा दलित कार्मिक भुगत रहे हैं। उन्होंने पिछड़े वर्ग को पदोन्नति में आरक्षण के साथ ही निजी क्षेत्र में आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस मैन्युफेस्टो में शामिल करने की मांग की।

शिक्षकों की असली हितैषी समाजवादी पार्टी, जो हमेशा शिक्षकों के दुख दर्द को समझती : प्रदेश अध्यक्ष डॉ मानसिंह यादव ने कहा

उरई। शिक्षकों की असली हितैषी समाजवादी पार्टी ही है। जो हमेशा शिक्षकों के दुख दर्द को समझती है। यह बात इलाहाबाद झांसी खंड से  एवं सपा शिक्षक सभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मानसिंह यादव ने रविवार को पार्टी कार्यालय में संवाद से समाधान की ओर पर आयोजित शिक्षक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
 

उन्होंने शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, वित्तविहीन शिक्षकों को आश्वस्त किया कि वह 2022 में एकजुट होकर सपा की सरकार बनाने में सहयोग करें। सरकार बनने पर सभी की समस्यायों का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी लोग समाजवादी बनकर काम करें व्यक्तिवादी बनकर नहीं। उन्होंने कहा कि 2022 का चुनाव लोकतंत्र और संविधान बचाने का चुनाव है।

प्रदेश सरकार ने चार आइएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए

प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को चार आइएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए, जबकि एक अफसर का स्थानांतरण रद कर दिया गया है। इनके अलावा छह पीसीएस अफसरों का भी तबादला किया गया है।

आइएएस अधिकारियों में विशेष सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा अवधेश कुमार कुमार तिवारी को विशेष सचिव बेसिक शिक्षा, विशेष सचिव नगर विकास अवनीश कुमार शर्मा को विशेष सचिव वित्त, एडीएम सिटी अलीगढ़ राकेश कुमार मालपानी को विशेष सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास और विशेष सचिव सचिवालय प्रशासन सत्यप्रकाश पटेल को निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण के पद पर तैनात किया गया है। उदयभानु त्रिपाठी का विशेष सचिव नगर विकास के पद पर किया गया स्थानांतरण निरस्त कर दिया गया है।

CM: चुनाव से पहले कर्मचारियों की लंबित पदोन्नति पूरा करने का अभियान चलाने का फैसला

प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों की लंबित पदोन्नति पूरा करने का अभियान चलाने का फैसला किया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को पदोन्नति के माध्यम से भरी जाने वाली सभी रिक्तियों की गणना कर 31 अक्तूबर तक पदोन्नति की कार्यवाही पूरा करने का आदेश दिया है।

प्रदेश में पदोन्नति के एक लाख से अधिक पद रिक्त बताए जा रहे हैं। सरकार के बार-बार निर्देश के बावजूद कई विभागों में कई वर्षों से इस पर कार्यवाही नहीं हुई है। इसके चलते कई विभागों में विभागाध्यक्ष तक के पद खाली हैं। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने प्रशासकीय अधिष्ठानीय व नियंत्रणाधीन कार्मिकों के संबंध में प्राथमिकता के आधार पर चयन वर्ष 2021-22 तक पदोन्नति की कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए। इसके लिए पदोन्नति से भरी जाने वाली समस्त रिक्तियों का नियमानुसार गणना कर पदोन्नति की कार्यवाही 31 अक्तूबर तक पूरी कर ली जाए। तिवारी ने पदोन्नति संबंधी कार्यवाही पूरी करने के बाद आठ नवंबर तक इसकी सूचना उपलब्ध कराने को निर्देशित किया है। इसमें बताना होगा कि 2021-22 तक  इसमें पदोन्नति संबंधी कुल कितनी रिक्तियां थीं और कितनी पदोन्नति की गई?

योगी मंत्रिमंडल विस्तार, जितिन प्रसाद ने ली कैबिनेट मंत्री की शपथ, छह राज्यमंत्री भी बने

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार हो गया। उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद का विस्तार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम राजभवन के गांधी सभागार में हुआ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सात नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में जितिन प्रसाद को शपथ दिलाई।


योगी आदित्यनाथ सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल विस्ता रविवार को हो गया। जितिन प्रसाद (ब्राह्मण) को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वहीं, राज्यमंत्री के रूप में छत्रपाल गंगवार (कुर्मी), पलटूराम (जाटव), संगीता बलवंत बिंद (निषाद), संजीव कुमार गोंड (अनुसूचित जनजाति), दिनेश खटीक (सोनकर), धर्मवीर प्रजापति (प्रजापति समाज), छत्रपाल सिंह गंगवार (कुर्मी) को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से चल रही योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा पर आज विराम लग गया। जून तथा जुलाई में चर्चा ने जोर पकड़ा तो अगस्त के अंतिम हफ्ते में तो मंत्रियो के नाम के साथ ही शपथ लेने की तारीख भी तय होने लगी थी। मंत्रिमंडल विस्तार में एक ब्राह्मण जितिन प्रसाद के अलावा छह अन्य नेताओं को शपथ दिलाई गई है। इन छह में से एससी-ओबीसी जाति वर्ग से आते हैं।

सात नए मंत्रियों की शपथ के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह टीम दृढता के साथ काम करेगी और जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति करेगी। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल हुए सभी नए सदस्यों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। पूर्ण विश्वास है कि आपकी ऊर्जा, प्रतिबद्धता, अनुभव एवं जन पक्षधरता ‘अंत्योदय’ के संकल्प को साकार करने में सहयोगी सिद्ध होगी। आप सभी के उज्ज्वल कार्यकाल हेतु अनंत मंगलकामनाएं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के दर्शन को प्रतिबिंबित करता है। आज का विस्तार हर तबके को प्रतिनिधित्व, सामाजिक संतुलन की भावना, समरसता का संदेश तथा अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अवसर प्रदान करने की मंशा से ओतप्रोत है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सबका साथ, सबका विश्वास, सबको सम्मान, सबको स्थान। यही है भाजपा की पहचान। भाजपा ने सबको दिया सम्मान। विपक्षी दल-नेता हो गए हैं परेशान। पहली बार अलग-अलग समाजों को मंत्री बनने का सम्मान सहित स्थान। मंत्रिमंडल विस्तार में शपथ ग्रहण करने वाले सभी मंत्रीगणों को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल की शुभकामनाएं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल हुए सभी नए सदस्यों को उनके उज्जवल कार्यकाल के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी है। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की 24 करोड़ जनता के लिए जो जनहित व जनकल्याण के काम किए जा रहे हैं उसमे मंत्रिमंडल में शामिल सभी नए सदस्य और गति देने का काम करेंगे। 

जितिन प्रसाद: योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में जिनको शामिल होना है, उनमें कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने को तैयार जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश में अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। केन्द्र की मनमोहन सरकार में राज्य मंत्री रहे जितिन प्रसाद का रुहेलखंड में काफी प्रभाव है। 

जितिन प्रसाद कांग्रेस में बड़े कद के नेता थे। वह दो बार सांसद रहे। 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने। इसके बाद 2008 में केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री बनाए गए। 2009 में परिसीमन के बाद धौरहरा से लड़े और दूसरी बार सांसद बने।

वह सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रहें. 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से चुनाव हारे। इसके साथ 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से चुनाव हारे। इनके पिता जितेन्द्र प्रसाद भी चार बार शाहजहांपुर के सांसद रहे। वह तो राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनितिक सलाहकार रहे हैं।

धर्मवीर प्रजापति: आगरा के एमएलसी धर्मवीर प्रजापति का नाम भी मंत्रियों की सूची में है। वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के साथ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। वह भाजपा के महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं। धर्मवीर प्रजापति मूलरूप से हाथरस जिले के बहरदोई के रहने वाले हैं।

उन्होंने आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में समाज के लिए सेवा के कार्य आरंभ किए। इसके बाद उन्होंने भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वर्ष 2002 मे पहली बार उन्हेंं प्रदेश का दायित्व मिला। तत्कालीन पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में वह प्रदेश के महामंत्री बने। इसके बाद दो बार प्रदेश संगठन में मंत्री का दायित्व को भी संभाला।

संजय गोंड: संजीव सिंह गोंड उर्फ संजय गोंड सोनभद्र के ओबरा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। संजय गोंड अनुसूचित जनजाति से आते हैं। वह अपनी सादगी के लिए चर्चित हैं।

गोंड जाति की सोनभद्र, मिर्जापुर व चंदौली समेत पूर्वांचल के कई जिलों में अच्छी संख्या है। गोंड़ जाति को साधने के लिए भाजपा उन्हेंं मंत्री बना रही है।

छत्रपाल गंगवार: बरेली के बहेड़ी से लगातार दूसरी बार विधायक बने छत्रपाल गंगवार को बरेली जिले का प्रतिनिधित्व देने के साथ पिछड़ा वर्ग के वोट को सहेजने के लिए मंत्री बनाया जा रहा है। सरकार बनने के बाद कैंट विधायक को वित्त मंत्री और आंवला विधायक धर्मपाल सिंह को सिंचाई मंत्री बनाकर जिले का कद मजबूत किया गया था। इसके बाद दोनों से इस्तीफा ले लिया गया था।

छत्रपाल गंगवार पिछड़ा वर्ग से हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में उन्होंने लंबे समय तक काम किया था। इसके बाद भाजपा में आए। चुनाव में उन्होंने सपा प्रत्याशी अता उर रहमान को हराया था। छत्रपाल गंगवार को मंत्री बनाकर क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग को साधने का प्रयास होगा। बहेड़ी, नवाबगंज, भोजीपुरा और आंवला क्षेत्रों में पिछड़ा वर्ग से मंत्री बनाए जाने का सीधा प्रभाव माना जा रहा है। बहेड़ी का एक हिस्सा पीलीभीत संसदीय क्षेत्र में भी आता है।

संगीता बिंद: संगीता बलवंत बिंद निषाद समुदाय से हैं। वह गाजीपुर सदर सीट से भाजपा की विधायक हैं। वह पिछड़ी जाति बिंद समाज से आती हैं। वह पहली बार विधायक चुनी गई हैं।

संगीता छात्र राजनीति और पंचायत की राजनीति से सक्रिय राजनीति में आईं. संगीता युवा नेता हैं और करीब 42 वर्ष की हैं। पूर्वांचल में बिंद (ओबीसी) का अच्छा खासा वोट बैंक है। संगीता इसी जाति से आती हैं। भारतीय जनता पार्टी से इनका जुड़ाव 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुआ। मनोज सिन्हा की करीबी मानी जाने वाली डॉ संगीता बलवंत को 2017 में सिन्हा के प्रयासों से ही टिकट मिला।

पलटू राम: योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रहे भाजपा विधायक पलटू राम बलरामपुर की सदर सुरक्षित सीट से जीते हैं। वह राजनीति के अलावा खेती भी करते हैं और सादगी से अपना जीवन गुजारते हैं। गोंडा जिले के परेड सरकार गांव में जन्मेंं विधायक पलटू राम ने अवध विश्वविद्यालय से एमए तक की शिक्षा प्राप्त की। राजनीति में रुझान होने के कारण छात्र जीवन से ही सामाज कार्यों में भागीदारी करते रहे।

वह सन 2000 में सबसे पहले भदुआ तरहर क्षेत्र से सदस्य और जिला पंचायत के उपाध्यक्ष चुने गए। इसके 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर वह मनकापुर सुरक्षित सीट से लड़े। उन्होंने 2015 में गिर्द गोंडा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा व समर्पण को देखते हुए उन्हेंं 2017 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर सदर सीट से लडऩे का टिकट दिया गया। जहां उन्होंने जीत दर्ज की।

दिनेश खटीक: मेरठ के हस्तिनापुर से भाजपा विधायक दिनेश खटीक को मंत्री बनाया जा रहा है। 44 वर्षीय विधायक दिनेश खटीक मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। इन्होंने 2017 में पहली बार भाजपा की ओर से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था।

पहली ही बार में दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की। दिनेश खटीक शुरू से ही भाजपा में रहे हैं और संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। इनके पिता भी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। विधायक दिनेश खटीक का फलावदा में ईंट भट्टे का व्यवसाय है। वह मेरठ के गंगानगर में रहते हैं।

विभाग के कर्मचारियों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग

लखनऊ: यूपी वाणिज्यकर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन ने विभाग के कर्मचारियों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष जेपी मौर्य ने इस संबंध में आयुक्त वाणिज्यकर को पत्र लिखा है। एसोसिएशन ने जिलों में डीएम द्वारा शासन के आदेशों के विपरीत राजस्व संग्रह वाले विभागों के कर्मचारियों को बीएलओ के काम में लगा दिया जा रहा है, जिससे विभागों में कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो जा रही है। 


इन विभागों में पहले से ही काफी पद रिक्त हैं व बीएलओ की ड्यूटी लगने से कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो जा रही है। इससे राजस्व संग्रह पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। विभागों के कर्मचारियों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त रखा जाए।

अपनी संपत्ति नहीं बताई तो लटकेगा वेतन, जानिए किस विभाग के लिए है यह आर्डर

ऊर्जा निगमों के इंजीनियरों से लेकर बाबू तक को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा न देना अब महंगा पड़ेगा। उनकी प्रोन्नति तो रुकेगी ही, मासिक वेतन भी लटकेगा। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर 30 सितंबर तक सभी कार्मिकों को संपत्ति का ब्योरा देने की मोहलत दी है। 30 सितंबर से पहले पोर्टल पर संपत्ति की जानकारी अपलोड न करने वाले कार्मिकों को अक्टूबर में वेतन नहीं मिल सकेगा।

तमाम अनियमितताओं को लेकर आए दिन चर्चा में रहने वाले ऊर्जा निगमों के ज्यादातर अभियंताओं से लेकर बाबू तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। वैसे तो नियमानुसार पिछले वर्ष 2020 का चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा सभी कार्मिकों को इस वर्ष 31 जनवरी तक दे देना चाहिए था लेकिन पिछले माह तक ज्यादातर ने ब्योरा नहीं दिया। ऐसे में पावर कारपोरेशन के निदेशक (कार्मिक प्रबंधन) एके पुरवार ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों से 31 अगस्त तक 35 हजार से अधिक सभी बिजली कार्मिकों की संपत्ति का ब्योरा पावर कारपोरेशन के संबंधित पोर्टल (ईआरपी के ईएसएस पोर्टल) पर अपलोड कराने के लिए कहा है।

गौर करने की बात यह है कि 31 अगस्त गुजरने के बाद भी ज्यादातर ने संपत्ति का ब्योरा अपलोड नहीं किया। ज्यादातर कार्मिकों की हीला-हवाली को पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने गंभीरता से लेते हुए अब ऐसे सभी कार्मिकों का मासिक वेतन रोकने का फैसला किया है। निदेशक कार्मिक पुरवार ने सभी कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को एक और पत्र लिखकर स्पष्ट तौर पर कहा है कि 30 सितंबर तक जिन कार्मिकों द्वारा अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा, उन्हें ही अगले महीने से वेतन देने पर विचार किया जाएगा। यह भी स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने पर ही संबंधित कार्मिक को प्रोन्नति करने पर विचार किया जाएगा। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज का कहना है कि सभी बिजली कार्मिकों को समय से अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा दे ही देना चाहिए।

>>पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिजली कंपनियों के एमडी को पत्र लिख 30 तक की दी मोहलत
’>>वर्ष 2020 का चल-अचल संपत्ति का ब्योरा सभी कार्मिकों को इस वर्ष 31 जनवरी तक ही देना था

अस्थायी कनेक्शन में अनियमितताओं पर 23 अभियंताओं को आरोप पत्र
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अस्थायी बिजली कनेक्शन देने में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के विद्युत राजस्व के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। गड़बड़ियों के लिए प्रथम दृष्टया जिम्मेदार पाए गए तीन अधिशासी अभियंता, आठ सहायक अभियंता और 11 अवर अभियंताओं को पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने आरोप पत्र सौंप जवाब तलब किया है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी जा सकती है। दोषियों के खिलाफ सतर्कता जांच के साथ ही उनकी बर्खास्तगी तक हो सकती है। सभी अभियंताओं को पहले ही पश्चिमांचल डिस्काम से हटाकर पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम स्थानांतरित किया जा चुका है।

बैंक कर्मियों के लिए खुशखबरी: अक्टूबर में 21 दिन बंद रहेंगे बैंक, RBI ने घोषित किया 14 दिन का अवकाश

सितंबर में 30 तारीख को बैंकों की अर्धवार्षिक क्लोजिंग के बाद अक्टबूर में भी बैंक कर्मियों की बल्ले-बल्ले होगी। 31 दिन के महीने अकटूबर में 21 दिन बैंक बंद रहेंगे यानी सिर्फ दस दिन काम होगा। इन 21 दिन में अलग-अलग राज्यों में अवकाश होगा। अक्टूबर महीने में काफी त्योहार होने की वजह से कई दिन बैंक बंद रहेंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने कैलेंडर में अक्टबूर में बैंकों में 14 दिन का अवकाश घोषित किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के घोषित अवकाश के अनुसार अक्टबूर के 31 दिन में 14 दिन बैंक बंद रहेंगे। बैंकों में 17 दिन ही काम होगा। वैसे तो कुछ राज्यों ने अपने स्थानीय पर्व को जोड़कर बैंकों में अलग ही अवकाश घोषित किया है। अगर इनको मिलाया जाए तो बैंकों में अक्टूबर में कुल मिलाकर 21 दिन का अवकाश है। अलग-अलग राज्यों में बैंक की छुट्टियां अलग-अलग हैं। इनमें 14 छुट्टियां आरबीआई ने घोषित की हैं।

त्यौहारों के साथ ही अक्टूबर महीने में चार रविवार और दूसरा और चौथा शनिवार भी शामिल है। आरबीआई छुट्टियों की सूची राज्यवार समारोहों, धाॢमक छुट्टियों और त्यौहार के आधार पर जारी करता है। अक्टूबर में एक से लेकर तीन और फिर छह से लेकर दस अक्टूबर तक बैंकों में छुट्टियां हैं। इसके बाद 12 से 24 तक बैंकों में अवकाश है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में 26 व 31 तारीख को को भी छुट्टी रहेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर अक्टूबर के महीने में एक अक्टूबर को बैंक खातों का अर्धवाॢषक समापन पर गंगटोक में अवकाश रहेगा। दो अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती तथा तीन अक्टूबर को रविवार की छुट्टी रहेगी। छह को अगरतला, बेंगलुरु व कोलकाता में महालय अमावस्ये का अवकाश होगा। इम्फाल में सात को 7 लैनिंग्थौ सनमही का अवकाश होगा। इसके बाद नौ को महीने का दूसरा शनिवार तथा दस को रविवार का अवकाश होगा। 12 को अगरतला व कोलकाता में दुर्गा पूजा महा सप्तमी, 13 को अगरतला, भुवनेश्वर, गंगटोक, गुवाहाटी, इंफाल, कोलकाता, पटना व रांची में दुर्गा पूजा महा अष्टमी, 14 को दुर्गा पूजा-दशहरा की छुट्टी होगी।

इंफाल व शिमला को छोड़ 15 अक्टूबर को दुर्गा पूजा व दशहरा पर अवकाश भी रहेगा। 16 अक्टूबर को गंगटोक में दुर्गा पूजा की छुट्टी रहेगी जबकि 17 को रविवार है। 18 अक्टूबर को गुवाहाटी में कटि बिहू की छुट्टी होगी जबकि 19 ईद-ए-मिलाद का अवकाश होगा। 20 को अगरतला, बेंगलुरु, चंडीगढ़, कोलकाता व शिमला में महॢष वाल्मीकि का जन्मदिन, लक्ष्मी पूजा व ईद-ए-मिलाद की छुट्टी है। 22 को जम्मू व श्रीनगर में ईद-ए-मिलाद-उल-नबी के बाद शुक्रवार का अवकाश है। 23 को चौथा तथा 24 अक्टूबर को रविवार है। 26 को जम्मू व श्रीनगर में परिग्रहण दिवस तथा 31 अक्टूबर को रविवार पर छुट्टी होगी। 

हर दूसरे गांव में एक पैक्स बनने का लक्षय : अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारी क्षेत्र की प्रमुख संस्थाओं की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में 91 फीसद गांवों में सहकारी संस्थाओं की उपस्थिति है। देश में कुल 8.33 लाख प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी और 8.50 लाख क्रेडिट सोसाइटी हैं।


देश के विभिन्न हिस्सों में 33 स्टेट कोआपरेटिव बैंक काम करते हैं, जबकि 363 जिला स्तरीय सहकारी बैंक हैं, जो उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करते हैं। अब हमारा लक्ष्य है कि हर दूसरे गांव में एक पैक्स हो जाए। सोसाइटियां ही खेती से जुड़ी हर वस्तुओं की आपूर्ति करें तो बेहतर होगा। फिलहाल कृषि ऋण का 29 फीसद, उर्वरकों के वितरण में 35 फीसद, उत्पादन में 30 फीसद, चीनी उत्पादन में 31 फीसद, दूध उत्पादन में 20 फीसद, गेहूं की खरीद में 13 फीसद और धान खरीद में 20 फीसद सहकारी संस्थाओं की हिस्सेदारी है। शाह राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र की समस्याओं का समाधान हमारी प्राथमिकता है।

शाह ने कहा, देश में हरित क्रांति को सफल बनाने में इफको की भूमिका अहम रही है। यह इस समारोह की आयोजक और आज का हमारा यजमान भी है। इतनी बड़ी कंपनी अपने शुद्ध लाभ की एक-एक पाई अपने सदस्यों को लाभांश के तौर पर किसानों के खाते में जमा कराती थी। यह सिर्फ सहकारी कंपनी ही कर सकती है। निजी कंपनी के लाभ का बड़ा हिस्सा तो उसके मालिक के खाते में जाता है। इफको की नैनो यूरिया का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि उर्वरक के क्षेत्र में यह एक तरह की क्रांति है। सहकारी संस्थाओं से ही फर्टिलाइजर के आयात पर निर्भरता खत्म की जा सकेगी। उन्होंने प्रबंध निदेशक यूएस अवस्थी की भी प्रशंसा की।

अमूल दूध की कहानी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है। कृभको और नैफेड के साथ उन्होंने लिज्जत पापड़ की उल्लेखनीय कहानी को विस्तार से सुनाया। इसके पहले कृभको चेयरमैन चंद्रपाल यादव ने सहकारी संस्थाओं के साथ होने वाले सरकारी भेदभाव का दबी जुबान से जिक्र किया था।

>>हरित क्रांति को सफल बनाने में इफको की अहम भूमिका: शाह
’>>सहकारी क्षेत्र की समस्याओं का समाधान हमारी प्राथमिकता

उत्तर प्रदेश में 16 जिलों के मेडिकल कॉलेजों में होंगी 9600 पदों पर भर्तियां

उत्तर प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल कॉलेज के तहत राज्य सरकार ने 16 असेवित जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाने की कवायद शुरू कर दी है। यह वो जिले हैं, जहां फिलहाल कोई सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत बनने वाले इन कॉलेजों के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की मानें तो इन मेडिकल कॉलेजों के लिए साढ़े नौ हजार से अधिक सीधी भर्तियां होंगी जबकि हर साल 1600 नए डॉक्टर भी तैयार होंगे।


नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए राज्य सरकार निजी क्षेत्र को चार विकल्प दे रही है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार के अनुसार नए मेडिकल कॉलेजों के बनने से पांच से छह हजार बैडों की संख्या प्रदेश के अस्पतालों में बढ़ जाएगी। इन कॉलेजों के लिए 9600 पदों पर सीधी भर्ती होगी। पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज के लिए केंद्र सरकार के नियमों के तहत दो मॉडल हैं।

पहले मॉडल के तहत तीन मोड क्रमश: ए, बी और सी रखे गए हैं। इसमें एक मोड को सर्वाधिक वरीयता दी जाएगी। इसके तहत मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन और अस्पताल दोनों निजी क्षेत्र के ही हों। सरकार इसमें नीति के अनुसार वित्तीय और गैर वित्तीय सहायता देगी। मोड ‘बी’ के तहत अस्पताल निजी क्षेत्र का हो और कॉलेज के लिए जमीन सरकार एक रुपये के पट्टे पर देगी।

तीसरा विकल्प जिला अस्पतालों को पट्टे पर दिए जाने का है। मगर मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन निजी क्षेत्र को उपलब्ध करानी होगी। वहीं मॉडल-2 में केंद्र सरकार वायबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम-2020 के तहत निजी क्षेत्र को 30 फीसदी कैपिटल ग्रांट उपलब्ध कराएगी। इतनी ही ग्रांट राज्य सरकार द्वारा भी स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है।

चुनाव से पहले 29 और वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों के तबादले, यहां देखें लिस्ट

प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 29 और वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। शनिवार आधीरात बाद गुपचुप किए गए तबादलों में गोंडा, बहराइच व रायबरेली सहित कई जिलों के कई अधिकारी इधर से उधर हुए हैं। शासन ने पारदर्शिता की नीति को पलीता लगाते हुए इन अफ सरों के भी तबादले की जानकारी पब्लिक डोमेन में साझा नहीं की। स्थानान्तरित अधिकारी भी काडर के दूसरे अफसरों के तबादले की जानकारी के लिए परेशान रहे।

लेकिन सूत्रों व जिलों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कई जिलों के सिटी मजिस्ट्रेट, मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ), अपर जिलाधिकारी (एडीएम), अपर आयुक्त व अपर नगर आयुक्त जैसे पदों पर अधिकारियों को इधर-उधर किया गया है। पिछले दिनों 38 वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों का तबादला किया गया था। इस तरह 10 दिनों के भीतर 66 अधिकारियों का तबादला किया जा चुका है। कई जिलों में अभी भी महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद खाली हैं। ऐसे पदों को भरने के लिए अभी और तबादले संभावित हैं।

कई जिलों के डीएम का तबादला जल्द
प्रदेश सरकार जल्दी ही कई जिलों के डीएम बदलने की तैयारी कर रही है। इनमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले कई जिलाधिकारियों को दूसरे जिले की जिम्मेदारी मिल सकती है। कुछ को शासन में लाने पर माथापच्ची चल रही है। इन्हें चुनाव से पहले बड़े जिले खाली होने पर फिर मौका दिया जा सकता है। लंबे समय से कलेक्टर बनने का सपना देख रहे कुछ अफ सरों की भी लाटरी लग सकती है। वे जिलों की कमान पा सकते हैं।

ये वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी इधर से उधर
- जंग बहादुर यादव सिटी मजिस्ट्रेट हरदोई से अपर नगर आयुक्त शाहजहांपुर
- वंदना त्रिवेदी सिटी मजिस्ट्रेट गोंडा से एडीएम वित्त एवं राजस्व हरदोई
- जगदंबा सिंह सिटी मजिस्ट्रेट बुलंदशहर से एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रयागराज
- युगराज सिंह सिटी मजिस्ट्रेट रायबरेली से एडीएम वित्त एवं राजस्व मुरादाबाद
- अरुण कुमार यादव सिटी मजिस्ट्रेट आगरा से अपर नगर आयुक्त गाजियाबाद
- उमाशंकर सिटी मजिस्ट्रेट नोएडा से एडीएम वित्त राज्य सिद्धार्थनगर
- अर्पित गुप्ता उप जिलाधिकारी गोरखपुर से सिटी मजिस्ट्रेट गोंडा
- मीनू राणा उपजिलाधिकारी जालौन से सिटी मजिस्ट्रेट बुलंदशहर
- अंजनी कुमार सिंह उपजिलाधिकारी अलीगढ़ से सिटी मजिस्ट्रेट आगरा
- ममता मालवीय उपजिलाधिकारी बरेली से अपर नगर आयुक्त मेरठ
- निधि श्रीवास्तव एडीएम प्रशासन आगरा से अपर निदेशक (प्रशासन) मंडी निदेशालय लखनऊ
- अजय कुमार सिंह अपर आयुक्त वाराणसी से एडीएम प्रशासन आगरा
- श्रद्धा शाण्डिल्यायन अपर नगर आयुक्त मेरठ से एडीएम वित्त एवं राजस्व हापुड़
- संजय कुमार सिंह एडीएम वित्त एवं राजस्व हरदोई से एडीएम वित्त एवं राजस्व खीरी
- जय नाथ यादव एडीएम वित्त एवं राजस्व हापुड़ से मुख्य राजस्व अधिकारी गोंडा
- अवधेश मिश्रा एडीएम वित्त एवं राजस्व बिजनौर से मुख्य राजस्व अधिकारी बहराइच
- प्रीति जायसवाल एडीएम वित्त एवं राजस्व मुरादाबाद से एडीएम वित्त एवं राजस्व बिजनौर
- योगेंद्र कुमार एडीएम वित्त एवं राजस्व आगरा से एडीएम वित्त एवं राजस्व गाजियाबाद
- यशवर्धन श्रीवास्तव एडीएम वित्त एवं राजस्व गाजियाबाद से एडीएम वित्त एवं राजस्व आगरा
- मार्तंड प्रताप सिंह एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रयागराज से अपर आयुक्त प्रयागराज
- राजेश कुमार एडीएम वित्त एवं राजस्व गाजीपुर से एडीएम वित्त एवं राजस्व बलिया
- राम आसरे एडीएम वित्त एवं राजस्व बलिया से एडीएम न्यायिक संत कबीर नगर
- अरुण कुमार सिंह एडीएम वित्त एवं राजस्व लखीमपुर से एडीएम वित्त एवं राजस्व गाजीपुर
- गंगाराम गुप्ता एडीएम नजूल प्रयागराज से संयुक्त निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय लखनऊ
- प्रदीप कुमार यादव मुख्य राजस्व अधिकारी बहराइच से अपर जिलाधिकारी नजूल प्रयागराज
- प्रवीणा सचिव विकास प्राधिकरण मेरठ से अपर आयुक्त मेरठ
- चंद्रपाल उपनिदेशक मंडी से सचिव विकास प्राधिकरण मेरठ
- सृष्टि धवन रजिस्टर वक्फ बोर्ड लखनऊ से सिटी मजिस्ट्रेट रायबरेली
- सीताराम गुप्ता एडीएम वित्त एवं राजस्व सिद्धार्थनगर से अपर आयुक्त वाराणसी 

25 हजार में फेल छात्रों के लिए तैयार करते थे नकली मार्कशीट

परीक्षाओं में फेल छात्रों के लिए फर्जी मार्कशीट तैयार करने वाले गिरोह का चिनहट पुलिस ने शनिवार को खुलासा कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इस गिरोह के सदस्य हाईस्कूल में फेल छात्रों को इंटर में दाखिला दिलाने के लिए 25 हजार रुपये में जाली मार्कशीट तैयार करते थे।


  •  25 हजार में फेल छात्रों के लिए तैयार करते थे नकली मार्कशीट
  • 180 जाली मार्कशीट बरामद, हजार से ज्यादा अंकपत्र बनाए

इसी तरह इंटर में फेल छात्रों के लिए भी फर्जी मार्कशीट बनवाकर देते थे। नर्सिंग कोर्स से लेकर आईटीआई तक के अंकपत्र बनाने का भी फर्जीवाड़ा चल रहा था। आरोपियों के पास से 180 फर्जी मार्कशीट बरामद हुईं।

एडीसीपी पूर्वी सैयद कासिम आब्दी के मुताबिक चिनहट तिराहे के पास से शनिवार को कार सवार तीन लोगों को पकड़ा गया। उनकी पहचान मथुरा वृंदावन निवासी मनीष प्रताप सिंह, अमित सिसौदिया और नोएडा निवासी गोविंद अग्रवाल के तौर पर हुई। मनीष ने बताया कि वह राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय चलाता है।

माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मिलेगा 4,000 रुपये मासिक वजीफे

केंद्र सरकार कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों के मासिक वजीफे को 2,000 से बढ़ाकर 4,000 रुपये करने की योजना बना रही है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि इस संबंध में अगले कुछ सप्ताह में मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजा जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि महिला और बाल विकास मंत्रलय ने प्रस्ताव दिया है कि महामारी से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को दिया जाने वाला मासिक सहायता 2,000 रुपये से बढ़ाकर 4,000 रुपये किया जाए। 

सरकार ने मई में घोषणा की थी कि जिन बच्चों ने माता-पिता या कानूनी अभिभावक/गोद लेने वाले माता-पिता को कोरोना के कारण खो दिया है, उन्हें ‘पीएम-केयर्स फार चिल्ड्रन’ योजना के तहत आर्थिक मदद दी जाएगी। मंत्रलय के आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत अब तक कुल 3,250 आवेदन मिले हैं जिनमें से संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा 667 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है। आंकड़ों से यह भी पता चला कि अब तक 467 जिलों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने भारी तबाही मचाई थी। इसके चलते न सिर्फ रोजाना सामने आने वाले नए मामलों की संख्या चार लाख को पार कर गई थी, बल्कि एक दिन में मौत का आंकड़ा भी पांच हजार के करीब पहुंच गया था। कोरोना के चले चलते अब तक चार लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। हजारों बच्चे अनाथ हुए हैं।