परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को अंग्रेजी पढ़ाने में दक्ष बनाया जाएगा

माडल परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को अंग्रेजी पढ़ाने में दक्ष बनाया जाएगा। शासन स्तर से इसकी कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की रूपरेखा भी तैयार की गई है, जिसके जरिये शिक्षक कक्षा शिक्षण के लिए सरल व तकनीकी रूप से तैयार हो सकें। प्रशिक्षण में जनपद के 646 शिक्षक शामिल होंगे।


शिक्षा ग्रहण कर सेवा में आते हैं परिषदीय स्‍कूल
परिषदीय स्कूलों के अधिकांश शिक्षक हिंदी माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सेवा में आते हैं। विभाग ने अपने शिक्षकों की अंग्रेजी बोलने की क्षमता बढ़ाने के लिए आनलाइन प्रशिक्षण कराने का निर्णय लिया है। जनपद में प्रथम चरण में 2018-19 में 102 विद्यालयों तथा वर्ष-2019-20 में 221 विद्यालयों का अंग्रेजी माध्यम में चयन किया गया था। इन्हीं चयनित विद्यालयों में से प्रत्येक से दो-दो शिक्षक प्रशिक्षण में प्रतिभाग करेंगे।

दो चरणों में होगा प्रशिक्षण
जनपद के 646 शिक्षकों का प्रशिक्षण दो चरणों में होगा। प्रथम चरण में 221 विद्यालयों के 442 शिक्षकों का प्रशिक्षण 24 अगस्त को तथा दूसरे चरण में 102 विद्यालयों के 204 शिक्षक एक सितंबर को प्रशिक्षण में शामिल होंगे।

ब्‍लाकवार विद्यालयों की प्रेषित कर दी गई है सूची
जिला समन्वयक प्रशिक्षण विवेक जायसवाल ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को अंग्रेजी भाषा में प्रभावी कक्षा शिक्षण के लिए मजबूत बनाना है। शिक्षकों को प्रशिक्षण में प्रतिभाग करना अनिवार्य होगा। सभी खंड शिक्षाधिकारियों को ब्लाकवार विद्यालयों की सूची प्रेषित कर दी गई, ताकि वह प्रशिक्षण में शिक्षकों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करा सकें।

जेडी से मिले विशेष शिक्षक, नवीनीकरण की मांग
समावेशी शिक्षा के तहत कक्षा 9 से 12वीं में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए तैनात विशेष शिक्षक (स्पेशल एजुकेटर) सेवा नवीनीकरण को लेकर संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेंद्र नाथ सिंह से मिले। उन्होंने बच्चों को ड्रेस, किताब सहित अन्य सुविधाएं समय से उपलब्ध कराने की मांग भी की। दिव्यांग रिहैबिलिटेशन एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गिरी ने जेडी को बताया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के लिए आइईडीएसएस योजना का संचालन शैक्षिक सत्र 2021-22 में शुरू नहीं हो सका है। संविदा पर तैनात विशेष शिक्षकों का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है।