सोशल मीडिया पर वायरल बाढ से डूबा प्रथमिक विद्यालय की वायरल तस्वीरें की जानिए सच्चाई

नदियों के उफनाने से बुन्देलखण्ड ही नहीं मध्य यूपी के हालात भयावह होते जा रहे हैं। उरई में गुरुवार को बिगड़ते हालात जब एनडीआरएफ से नहीं संभले तो सेना बुला ली गई। यहां यमुना का पानी देर शाम औरैया-जालौन हाईवे पर नैनापुर-शंकरपुर के मध्य सड़क पर आ गया है। सैकड़ों गांव जलमग्न हैं। गांवों में फंसे लोगों को निकालने के लिए रात में ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। उधर, इटावा में चंबल की चपेट में आकर डूबे हरौली बहादुरपुर गांव में दो दिनों से फंसे सौ से अधिक लोगों को एनडीआरएफ ने रेस्क्यू कर निकाला।


इटावा के चकरनगर के कई गांव चंबल की चपेट में आकर डूब चुके हैं। इन गांवों के 200 से अधिक परिवार पलायन कर चुके हैं। वहीं, 3000 हजार की आबादी वाला हरौली बहादुरपुर गांव अपना अस्तित्व खो चुका है। जो लोग गांव छोड़कर नहीं गए वह जान बचाने के लिए घरों की छतों पर आसरा बनाए थे। प्रशासन ने यहां के सौ से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंच दिया है। बुधवार शाम पानी बढ़ने से सौ से अधिक लोग टापू में घिर गए। सूचना पर गुरुवार को एनडीआरएफ की टीम पहुंची और बोट के जरिए दो दिनों से भूखे-प्यासे फंसे लोगों को सुरिक्षत स्थान पर पहुंचाया।

एनडीआरएफ के उप कमांडेंड नीरज कुमार के अनुसार यह लोग पानी से घिरे ऊंचे स्थान पर फंसे थे। अपना जीवन बचाने के लिए कई लोग पेड़ पर चढ़ गए थे और दो दिनों से भूखे प्यासे थे। उनकी टीम ने भोजन और पानी मुहैया कराया और फिर अपनी बोट पर बैठाकर यमुना और चंबल नदी के संगम की तेज़ धारा को पार कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। एसडीएम सत्य प्रकाश ने बताया कि हरौली बहादुरपुर के कुछ और लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।