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शिक्षामित्रों और अनुदेशको को किया जाए नियमित, संविदा कार्मिको का न्यूनतम मानदेय 21 हजार प्रतिमाह किया जाए

बलिया: कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एंव पेंशनर्स अधिकार मंच के आवाह्न पर मंगलवार को कर्मचारियों और शिक्षकों ने मोटरसाइकिल रैली निकाली। इसमें प्रतिभाग करने वाले हजारो शिक्षकों और कर्मचारियों ने शहर में भ्रमण करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे।


वहाँ अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार को पुरानी पेंशन, कैशलेस चिकित्सा, 7 वें वेतन आयोग की वेतन विसंगति समेत सरकार कै सम्बंधित 17 सूत्रीय मांग लैटर सौंपा इसमें शिक्षामित्रों व अनुदेशक को नियमित करने व आशा बहु, रसोइया, आंगनबाड़ी सहित संविदा कार्मिको को न्यूनतम 21 हजार मानदेय करने एवं राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांग भी शामिल है।

फर्रुखाबाद: परिषदीय विद्यालयों का दिनाँक 06.10.2021 का पितृ अमावस्या का अवकाश घोषित

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प्रत्येक ब्लाक में दो दो एआरपी चयनित होंगे जो प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षित करेंगे

ज्ञानपुर। पढ़ाई छोड़ चुके या स्कूल जाने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक ब्लाक में दो दो एआरपी चयनित होंगे जो प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षित करेंगे। इसके बाद ने नोडल अध्यापक कहलाएंगे और चिह्नित बच्चों को पढ़ाकर अन्य बच्चों के समकक्ष बनाएंगे।


बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि जो बच्चे आउट ऑफ स्कूल हैं या थे उन्हें विशेष रूप से पढ़ाया जाएगा। समग्र शिक्षा राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से सोमवार को जारी पत्र में इसके लिए स्पष्ट निर्देश भी दिया गया है। प्रशिक्षण के लिए जो खाका खींचा गया है उसके तहत प्रत्येक ब्लाक से दो-दो एआरपी का चयन किया जाएगा। छह ब्लाकों के लिए 12 और दो नगरीय क्षेत्र के लिए एआरपी चयनित किए जाएंगे। बीते वर्ष चार हजार 859 बच्चों का लक्ष्य था। इस बार पांच हजार बच्चों का लक्ष्य मिला है। प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर इसके लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। संवाद




छात्र आत्महत्या कर लेता है तो इसके लिए शिक्षक जिम्मेदार नहीं होगा : उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली। स्कूल में छात्र को डांटने और उसकी शिकायत प्रिंसिपल से करने तथा उसके बाद उसके माता-पिता को स्कूल में बुलाने भर से यदि छात्र आत्महत्या कर लेता है तो इसके लिए शिक्षक जिम्मेदार नहीं होगा। यह कहते हुए उच्चतम न्यायालय ने एक फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा- 306 के तहत दर्ज केस समाप्त कर दिया। स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए छात्र को डांटना कोई गुनाह नहीं है।


अदालत ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला सिद्ध करने के लिए कुछ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आरोप होने चाहिए। महज परेशान करने के आरोप पर्याप्त नहीं हैं, इस परेशान करने के आरोपों के साथ कुछ ऐसी कार्रवाई के सबूत भी होने चाहिए, जिससे पता चले कि उसे आरोपी द्वारा उकसाया गया था। यह मामला राजस्थान का है, जहां एक शिक्षक द्वारा डांटे जाने पर एक 14 वर्षीय छात्र ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।




अभद्र एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के मामले में ARP को किया गया निलंबित, देखें यह आदेश

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