गिरोह का सरगना धर्मेंद्र कुमार उर्फ डीके सोरांव थाना क्षेत्र के वादी का पूरा कमलानगर का निवासी है। वह 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाले का मुख्य आरोपित डा. केएल पटेल के साथ रहकर काम करता था। बाद में डीके ने अपना गैंग बना लिया। टीजीटी में पास कराने के लिए एक अभ्यर्थी से 12 से 15 लाख रुपये लेता था। इसके अलावा वह सिपाही भर्ती, टेट, सुपर टेट, सी-टेट और रेलवे की परीक्षा में भी फर्जीवाड़ा कर चुका है।
इस आधार पर एसटीएफ अधिकारी मान रहे हैं कि डीके ने करोड़ों रुपये की चल व अचल संपत्ति जुटाई है। आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि शंकरगढ़ का आशीष सिंह पटेल पेपर आउट कराने, सोरांव का सुभाष पटेल, फूलपुर का मनीष पटेल और बहरिया का दिनेश कुमार पटेल गैंग के लिए कंडीडेट लाने का काम करते थे। जबकि फूलपुर का राहुल कनौजिया व होलागढ़ का संजय पटेल परीक्षा केंद्र में कक्ष निरीक्षक से सेटिंग करके नकल करवाते थे।
साल्वर गैंग के सभी सदस्यों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उनकी संपत्ति का पता लगाकर कुर्क कराया जाएगा। गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश चल रही है।