आगरा। एक अप्रैल से चल रहा शिक्षामित्रों का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। प्रदर्शनकारी शिक्षामित्रों का कहना है कि सरकार अपना वायदा निभाए। उन्हें मानदेय में बढ़ोत्तरी नहीं स्थायीकरण चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी है जब तक मांगे पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा।
नियमितीकरण मांग को लेकर शिक्षामित्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विद्यालयों में मौजूद शिक्षामित्र हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं। उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह छौंकर का कहना है कि सरकार की वादा खिलाफी एवं उदासीनता से शिक्षामित्र बदहाल है। तमाम लोगों ने अवसाद में आकर अपनी जान दे दी है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार को रहम नहीं आया है, जबकि हाईपावर कमेटी के गठन करके शिक्षामित्रों के हक में निर्णय लेना था अभी तक हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। अपने आंदोलन के माध्यम से जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन एवं ट्वीट के माध्यम से समय-समय पर अपनी पीड़ा से अवगत करा चुके हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन बनी हुई है। उन्होंने कहा है कि शिक्षामित्रों को मानदेय वृद्धि नहीं समस्या का स्थाई समाधान चाहिए। सरकार से एक हो मांग है 2017 के चुनाव के समय अपने संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों से जो वादा किया था उसे पूरा करें और नियमावली में संशोधन करके उत्तराखंड व झारखंड की भाँति नीति बनाकर स्थाईकरण करते हुए शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित एवं संरक्षित कर अपना वादा निभाये स्थायीकरण से कम कुछ भी स्वीकार नहीं है।
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शिक्षामित्रों: सरकार से अपना वायदा निभाए, मानदेय में बढ़ोत्तरी नहीं स्थायीकरण की दी चेतावनी