पालीटेक्निक के छात्र अपने संस्‍थान को अब नहीं बदल सकेंगे

पालीटेक्निक में प्रवेश को लेकर अपने गृह जनपद में स्थानांतरण कराने का मन बनाने वाले छात्रों के लिए बुरी खबर है। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। इसे पीछे विभाग का तर्क है कि इससे कम रैंक वाले छात्रों की मनोदशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।


संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से नौ सितंबर से आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के आधार पर लखनऊ समेत प्रदेश के सभी 150 सरकारी व 18 सहायता प्राप्त के साथ ही निजी संस्थाओं में प्रवेश होता है। कम रैंक वाले मेधावियों को प्राथमिकता के आधार पर संस्था आवंटन का मौका मिलता है। काउंसिलिंग के आधार पर प्रदेश के 1220 निजी, 150 सरकारी, 18 सहायता प्राप्त और पांच अन्य विभागों द्वारा संचालित संस्थानों में प्रवेश होगा। पहले गृह जनपद में प्रवेश न होने पर छात्र आसपास के जिलों में प्रवेश ले लेते हैं। प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही ऐसे छात्र जो संस्था की अदला-बदली करना चाहते थे वे संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद सचिव को प्रार्थना पत्र देकर बदलाव करा लेते थे। अदला-बदली के नाम पर छात्रों से धन उगाही भी होने लगी थी। इस पर रोक लगाने के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग ने शासन से इस बदलाव को बंद करने का प्रस्ताव बीते महीने भेजा था। शासन के निर्णय के बाद इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया। एक बार फिर इस प्रक्रिया को शुरू करने के प्रस्ताव पर प्राविधिक शिक्षा विभाग ने असहमति व्यक्त की है। ऐसे में अब छात्र जहां प्रवेश लेंगे वहीं उन्हें पूरी पढ़ाई करनी होगी। किसी भी सूरत में बदलाव नहीं होगा।

प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि मेधावियों का हौसला बना रहे इसकी वजह से संस्था स्थानांतरण पर रोक लगाई गई है। अब इसे दोबारा शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। आनलाइन पालीटेक्निक लाक करने की सुविधा मेधावियों को मिलती है। ऐसे में छात्रों को प्रवेश लेने वाली संस्था में ही पढ़ाई करनी होगी।