इसमें एत्मादपुर निवासी और खेरागढ़ के रुधऊ प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक विमल किशोर का भी नाम था। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मार्च 2019 में विमल को नोटिस दिया। इसके बाद जुलाई में रिमाइंडर देते हुए नौकरी से बर्खास्तगी की चेतावनी दे दी गई। विमल ने अपनी बीएड की डिग्री को सही साबित करने के लिए अफसरों के यहां चक्कर काटे। बीएसए के स्तर से निस्तारण न होने पर विश्वविद्यालय में भी चक्कर लगाए। परेशान होकर वह बीमार हो गए। मार्च 2020 में विमल की मृत्यु हो गई।
विमल की पत्नी सीमा कुमारी ने सितंबर 2020 में स्थायी लोक अदालत में याचिका दायर की। इस पर कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी। जून 2021 में विवि ने कुलाधिपति को भेजे पत्र में स्पष्ट कर दिया कि विमल किशोर की बीएड की डिग्री न तो फर्जी है और न ही टैंपर्ड।
मृतक आश्रित कोटे से नहीं मिली नौकरी : सीमा ने मृतक आश्रित नौकरी के लिए आवेदन किया। विभाग ने ये कहकर इन्कार कर दिया कि उनके पति विमल का मामला फर्जी और टैंपर्ड डिग्री का है। इसके बाद ही सीमा ने मुकदमा किया।
विधवा की याचिका पर कुलाधिपति कार्यालय ने मांगा विवि से जवाब, तो डिग्री बताई असली
एसआइटी की जांच में फर्जी बताई गई बीएड की डिग्री, बीएसए ने थमाया बर्खास्तगी का नोटिस
विमल की पत्नी ने विश्वविद्यालय के खिलाफ मुकदमा किया है। जांच कराई गई तो पता चला कि डिग्री न तो फेक है और न ही टैंपर्ड है। अब नियमानुसार कार्रवाई होगी।