तत्कालीन बीएसए-नगर शिक्षाधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि, लोक लेखा समिति की लखनऊ में हुई बैठक में दी गई जानकारी

गोरखपुर : प्राथमिक विद्यालय गोरखनाथ में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति, शिक्षकों के नदारद रहने और छात्रा से बर्तन धुलवाने के आरोपों से घिरे प्रधानाचार्य अमान उल्लाह खान को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है। साथ ही तत्कालीन बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।


लोक लेखा समिति की बैठक सोमवार को लखनऊ स्थित विधान मंडल के मीटिंग हाल में हुई। अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व विशेष सचिव की बैठक में भाजपा के नगर विधायक डॉ. आरएमडी अग्रवाल को भी बुलाया गया। नगर विधायक ने बताया कि करीब नौ महीने पहले गोरखनाथ प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया था। तब 85 में से 11 विद्यार्थी उपस्थित मिले थे। एक बच्ची से मिड डे मील के भोजन बनाने वाले बर्तन धुलवाए जा रहे थे। ज्यादातर शिक्षक भी नदारद थे। इस मामले की शिकायत तत्कालीन प्रमुख सचिव रेणुका कुमार से की गई थी। प्रमुख सचिव ने जांच कराई और कार्रवाई भी हो गई। अब लोक लेखा समिति के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। विधायक के मुताबिक गोरखनाथ प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अमान उल्लाह खान को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई हैं। तत्कालीन बीएसए बीएन सिंह और नगर शिक्षाधिकारी ब्रह्मचारी शर्मा को प्रतिकूल प्रविष्टि मिली है। हालांकि बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी के

खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं हुई है। .इसपर आपत्ति भी दर्ज करा दी है। वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच नए सिरे से कराने और तत्कालीन बीएसए, नगर शिक्षाधिकारी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। विधायक का कहना है कि जितनी गलती प्रधानाचार्य की थी, उतनी ही विभागीय अफसरों की भी। अगर नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता तो दिक्कत नहीं आने पाती शिक्षक नियमित विद्यालय आते और बढ़िया पढ़ाई हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रधानाचार्य की तरह की बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस सिलसिले में तत्कालीन प्रधानाचार्य, बीएसए व नगर शिक्षाधिकारी का पक्ष नहीं मिल सका है। पक्ष मिलते ही प्रकाशित किया जाएगा।