कबाड़ी की दुकान पर किताबों के मिलने के बाद बीएसए ने की कार्रवाई, पुस्तक प्रभारी को पद से बर्खास्त

चंदौली। जिले के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को वितरित होने वाली नए शिक्षा सत्र की करीब आठ कुंतल पुस्तक कबाड़ी की दुकान पर मिलने के मामले में पुस्तक प्रभारी दयाराम को पद से हटा दिया गया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। महेंद्र प्रताप को प्रभारी बनाया गया है। वहीं मामले में गठित की गई जांच समिति 24 घंटें में भी बीएसए को जांच रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत कर पाई।


जिले में 1185 परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत 2 लाख 13 हजार 195 बच्चों को नए शिक्षा सत्र की पुस्तकें वितरित करने के लिए बीएसए विभाग को 16 लाख से अधिक किताबें प्राप्त हुई थी। यहां से सभी बीआरसी पर पुस्तकों को भेजा जा रहा था। बुधवार को भंडारण कक्ष से 166 बंडल किताबें धानापुर बीआरसी के लिए पिकअप पर लादकर रवाना किया गया, लेकिन कलक्ट्रेट और सीडीओ कार्यालय में बीच में स्थित बिछियां के पास एक कबाड़ी की दुकान पर 11 बंडल किताबें पायी गई। इसपर एसडीएम न्यायिक प्रदीप कुमार की नजर पड़ी तो महकमें में खलबली मच गई। शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य अधिकारी कबाड़ी की दुकान पर पहुंचकर किताबों को जब्त कराया। वहीं प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित की गई। लेकिन बृहस्पतिवार को दूसरे दिन तक गठित कमेटी जांच की कार्रवाई में जुटी रही। देर शाम तक अधिकारी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पाए। वहीं कार्रवाई के नाम पर फिलहाल आठ साल से पुस्तक प्रभारी का दायित्व निभा रहे दयाराम को हटा दिया गया है । साथ ही नए पुस्तक प्रभारी महेंद्र प्रताप को तैनात कर दिया गया। इस संबंध में बीएसए सत्येंद्र सिंह ने कहा कि जांच की कार्रवाई चल रही है। पुस्तक प्रभारी को हटाते हुए स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया है।

चंदौली। सरकारी सामानों की खरीद फरोख्त करना कानून जुर्म है। लेकिन बिछियां ग्राम में स्थित कबाड़ी की दुकान पर परिषदीय विद्यालय में बच्चों को दी जाने वाली सरकारी किताब पाया गया। इसके बाद भी शिक्षा विभाग के साथ ही प्रशासनिक अमला नजरअंदाज किए हुए है। लोगों का कहना है कि कबाड़ी वाले के साथ ही वाहन चालक को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ की जाए तो निश्चित ही इसमें लिप्त शिक्षा विभाग के लोगों की पोल खुल सकती है।