पांच महीने में बच्चों को नहीं मिल पाई यूनिफार्म, बैग, और न ही जूते मोजे

शैक्षिक सत्र शुरू हुए पांच महीने बीत चुके हैं, स्कूल भी खुल चुके हैं लेकिन स्कूल में बच्चों को न तो यूनिफार्म मिली न ही स्कूल बैग और न ही जूते मोजे। इससे नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को बिना यूनिफार्म और स्कूल बैग के स्कूल जाना पड़ रहा है इसके लिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर पर सरकार को निर्णय लेना है।


सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों के 1.80 करोड़ बच्चों को ये सुविधा दी जानी है। अभी तक स्कूल बैग, जूते मोजे व स्वेटर आदि की खरीद जिलों में होती है। यूनीफार्म के लिए 600 के रुपये विद्यालय प्रबंध समितियों को दिया जाता है, जिससे सभी विद्यार्थियों के नाप की दो जोड़ी यूनीफार्म सिलवाई जाती है। वहीं जूते-मोजे, स्कूल बैग व स्वेटर जेम पोर्टल से खरीद होती है। राज्य सरकार की मंशा है कि यदि अभिभावकों को सीधे पैसा दिया जाए तो वे ज्यादा गुणवत्ता वाले सामान खरीदेंगे