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खण्ड शिक्षा अधिकारी के आदेश के अनुपालन में लापरवाही पड़ी भारी, रुका वेतन

 संभल। बीईओ के आदेश के अनुपालन में लापरवाही बरतना दो सहायक अध्यापकों को भारी पड़ गया। बीएसए ने दोनों अध्यापकों का अगले आदेश तक वेतन रोक दिया है। साथ ही, स्पष्टीकरण मांगा गया है। तीन दिन में यदि जवाब नहीं मिला, तो निलंबन की कार्रवाई होगी।



जिले में कुछ विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या कम है। कुछ ऐसे विद्यालय हैं, जहां बच्चे कम हैं और शिक्षक ज्यादा हैं। ऐसे शिक्षकों को हटाकर दूसरे स्कूलों मेें संबद्धिकरण किया जा रहा है ताकि पठन-पाठन की व्यवस्था बनी रही। इसी क्रम में जुुनावई के खंड शिक्षा अधिकारी ने सहायक अध्यापक दुर्रेज अहमद और तौसीफ अहमद को आवश्यकता वाले विद्यालयों में संबद्ध किया था। लेकिन इन्होंने बीईओ के आदेश के बावजूद संबद्धता वाले विद्यालयों में ज्वाइन नहीं किया। जिसके बाद बीईओ ने बीएसए को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा।

बीएसए सीपी सिंह ने इसे गंभीर माना और दोनों शिक्षकों का अगले आदेश तक वेतन रोक दिया है। तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

BSA के औचक निरीक्षण में आठ शिक्षक गैरहाजिर, एक दिन का वेतन रोका

वाराणसी :  हरहुआ ब्लॉक के परिषदीय विद्यालयों का मंगलवार को बीएसए राकेश सिंह ने बाइक से दौरा किया। बाइक की पिछली सीट पर बैठकर वह जिस भी विद्यालय पहुंचे वहां शिक्षक उन्हें पहचान नहीं पाए। इस दौरान बीएसए ने अनुपस्थित शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है। वहीं, विद्यालयों में गंदगी मिलने पर संबंधित प्रधानाध्यापकों को चेतावनी दी गई।



बीएसए सुबह 9.10 बजे हरहुआ ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। बीएसए को विद्यालय में प्रवेश करते देख उपस्थित शिक्षकों ने साथियों को फोन पर जल्दी पहुंचने का संदेश दिया। तीन महिला शिक्षक अनुपस्थित थी। इसके बाद बीएसए प्राथमिक विद्यालय वार पहुंचे। वहां भी तीन अध्यापक विजेंद्र नारायण सिंह, प्रेम सागर पटेल व अर्चना मिश्र गैरहाजिर मिले। औचक निरीक्षण में पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवनाथपुर में शिक्षिका सीमा सिंह व आभा रानी व प्राथमिक विद्यालय सरैया मोहनपुर में भी एक शिक्षक लक्ष्मी पति पटेल अनुपस्थित रहे। सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया गया है।

खंड शिक्षा अधिकारी पर आधार कार्ड बनाने के लिए 400-400 रुपये की रिश्वत का आरोप

खंड शिक्षा अधिकारी पर आधार कार्ड बनाने के लिए 400-400 रुपये की रिश्वत का आरोप , शिक्षकों ने जताया विरोध



🔸औरैया:बिधूना ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने आधार कार्ड बनवाने की एवज में मचाई लूट

🔸अपने नजदीकी रिश्तेदारों के माध्यम से BRC पर करवा रहे थे बसूली

🔸सैंकड़ों ग्रामीणों से ली 400 रुपये प्रति आधारकार्ड की रिश्वत

🔸अभिवावकों सहित शिक्षकों ने जताया विरोध

🔸बीईओ व उसके रिश्तेदारों ने "विरोध दर्ज कराने वाले अनुसूचित जाति के शिक्षक" के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की

🔸यूटा सहित अन्य संगठनों ने घटना पर रोष जताया, भ्रष्ट अधिकारी व उसके रिश्तेदारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही हेतु होगा आंदोलन

मोदी सरकार का बड़ा तोहफा : आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बड़ी खुशखबरी

मोदी सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बड़ा लाभ देने जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 13 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और 11 लाख से अधिक सहायिकाओं को 50 लाख रुपये के बीमा का लाभ मिलेगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना जागरूकता और निगरानी अभियान तथा घर-घर राशन वितरण जैसी गतिविधियों में शामिल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को योजना के तहत कवर किया जाएगा।


बता दें कि कोरोना काल में आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स ने कोरोना ड्यूटी पर रहते हुए जोखिम भत्ता और बीमा कवर की अपनी मांग रख रहीं थीं। इसके साथ ही वो नियुक्तियों को नियमित करने की मांग को लेकर देशव्यापी हड़ताल भी कर रहीं थीं। उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में आशा कार्यकर्ता कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से अपनी काम करने की स्थिति और कम वेतन का विरोध कर रहीं थीं।

अपने सामान्य काम और कोरोना ड्यूटी के अलावा, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शहरी क्षेत्रों से कटे हुए हाशिए के लोगों के दरवाजे तक कोरोना टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ा रही हैं।

गौरतलब है कि आशा कार्यकर्ता किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों के लिए संपर्क का पहला बिंदु हैं। वे भारत के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन से जुड़े हुए हैं और उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को सबसे वंचित और सबसे हाशिए पर लाकर भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को विकेंद्रीकृत करने में मदद की है। आशा कार्यकर्ताओं ने संस्थागत प्रसव में सहायता करके मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद की है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर बच्चों के लिए सरकार के पोषण कार्यक्रम को चलाने की भी जिम्मेदारी है।

संस्कृत विद्यालय में शिक्षक भर्ती पर लगेगी याचिका

प्रयागराज: सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में स्थायी पदों के सापेक्ष शासन द्वारा की जा रही अस्थायी संविदा शिक्षकों की नियुक्ति के विषय पर वायस आफ टीचर्स (वोट) ने बैठक की। सच्चा आध्यात्म संस्कृत महाविद्यालय नैनी के पूर्व प्राचार्य डॉ. चंद्रदेव मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में परंपरागत संस्कृत शिक्षक शामिल हुए। वोट के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य राजेश मिश्र ने की जा रही इस नियुक्ति को त्रुटिपूर्ण और अनुचित बताया। पूर्व प्राचार्य त्रिवेणी संस्कृत महाविद्यालय डॉ. शम्भू नाथ त्रिपाठी अंशुल ने इसे संस्कृत संस्थानों से शिक्षकीय पद समाप्त करने की प्रक्रिया में बढ़ाया गया कदम बताया। अध्यक्षता करते हुए डा. चंद्रदेव मिश्र ने कहा कि इसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका योजित की जानी चाहिए, जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया।