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CM: चुनाव से पहले कर्मचारियों की लंबित पदोन्नति पूरा करने का अभियान चलाने का फैसला

प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों की लंबित पदोन्नति पूरा करने का अभियान चलाने का फैसला किया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को पदोन्नति के माध्यम से भरी जाने वाली सभी रिक्तियों की गणना कर 31 अक्तूबर तक पदोन्नति की कार्यवाही पूरा करने का आदेश दिया है।

प्रदेश में पदोन्नति के एक लाख से अधिक पद रिक्त बताए जा रहे हैं। सरकार के बार-बार निर्देश के बावजूद कई विभागों में कई वर्षों से इस पर कार्यवाही नहीं हुई है। इसके चलते कई विभागों में विभागाध्यक्ष तक के पद खाली हैं। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने प्रशासकीय अधिष्ठानीय व नियंत्रणाधीन कार्मिकों के संबंध में प्राथमिकता के आधार पर चयन वर्ष 2021-22 तक पदोन्नति की कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए। इसके लिए पदोन्नति से भरी जाने वाली समस्त रिक्तियों का नियमानुसार गणना कर पदोन्नति की कार्यवाही 31 अक्तूबर तक पूरी कर ली जाए। तिवारी ने पदोन्नति संबंधी कार्यवाही पूरी करने के बाद आठ नवंबर तक इसकी सूचना उपलब्ध कराने को निर्देशित किया है। इसमें बताना होगा कि 2021-22 तक  इसमें पदोन्नति संबंधी कुल कितनी रिक्तियां थीं और कितनी पदोन्नति की गई?

योगी मंत्रिमंडल विस्तार, जितिन प्रसाद ने ली कैबिनेट मंत्री की शपथ, छह राज्यमंत्री भी बने

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार हो गया। उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद का विस्तार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम राजभवन के गांधी सभागार में हुआ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सात नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में जितिन प्रसाद को शपथ दिलाई।


योगी आदित्यनाथ सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल विस्ता रविवार को हो गया। जितिन प्रसाद (ब्राह्मण) को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वहीं, राज्यमंत्री के रूप में छत्रपाल गंगवार (कुर्मी), पलटूराम (जाटव), संगीता बलवंत बिंद (निषाद), संजीव कुमार गोंड (अनुसूचित जनजाति), दिनेश खटीक (सोनकर), धर्मवीर प्रजापति (प्रजापति समाज), छत्रपाल सिंह गंगवार (कुर्मी) को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।

उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से चल रही योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा पर आज विराम लग गया। जून तथा जुलाई में चर्चा ने जोर पकड़ा तो अगस्त के अंतिम हफ्ते में तो मंत्रियो के नाम के साथ ही शपथ लेने की तारीख भी तय होने लगी थी। मंत्रिमंडल विस्तार में एक ब्राह्मण जितिन प्रसाद के अलावा छह अन्य नेताओं को शपथ दिलाई गई है। इन छह में से एससी-ओबीसी जाति वर्ग से आते हैं।

सात नए मंत्रियों की शपथ के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह टीम दृढता के साथ काम करेगी और जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति करेगी। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल हुए सभी नए सदस्यों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। पूर्ण विश्वास है कि आपकी ऊर्जा, प्रतिबद्धता, अनुभव एवं जन पक्षधरता ‘अंत्योदय’ के संकल्प को साकार करने में सहयोगी सिद्ध होगी। आप सभी के उज्ज्वल कार्यकाल हेतु अनंत मंगलकामनाएं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के दर्शन को प्रतिबिंबित करता है। आज का विस्तार हर तबके को प्रतिनिधित्व, सामाजिक संतुलन की भावना, समरसता का संदेश तथा अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अवसर प्रदान करने की मंशा से ओतप्रोत है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सबका साथ, सबका विश्वास, सबको सम्मान, सबको स्थान। यही है भाजपा की पहचान। भाजपा ने सबको दिया सम्मान। विपक्षी दल-नेता हो गए हैं परेशान। पहली बार अलग-अलग समाजों को मंत्री बनने का सम्मान सहित स्थान। मंत्रिमंडल विस्तार में शपथ ग्रहण करने वाले सभी मंत्रीगणों को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल की शुभकामनाएं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल हुए सभी नए सदस्यों को उनके उज्जवल कार्यकाल के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी है। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की 24 करोड़ जनता के लिए जो जनहित व जनकल्याण के काम किए जा रहे हैं उसमे मंत्रिमंडल में शामिल सभी नए सदस्य और गति देने का काम करेंगे। 

जितिन प्रसाद: योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में जिनको शामिल होना है, उनमें कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने को तैयार जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश में अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। केन्द्र की मनमोहन सरकार में राज्य मंत्री रहे जितिन प्रसाद का रुहेलखंड में काफी प्रभाव है। 

जितिन प्रसाद कांग्रेस में बड़े कद के नेता थे। वह दो बार सांसद रहे। 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने। इसके बाद 2008 में केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री बनाए गए। 2009 में परिसीमन के बाद धौरहरा से लड़े और दूसरी बार सांसद बने।

वह सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रहें. 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से चुनाव हारे। इसके साथ 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से चुनाव हारे। इनके पिता जितेन्द्र प्रसाद भी चार बार शाहजहांपुर के सांसद रहे। वह तो राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनितिक सलाहकार रहे हैं।

धर्मवीर प्रजापति: आगरा के एमएलसी धर्मवीर प्रजापति का नाम भी मंत्रियों की सूची में है। वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के साथ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। वह भाजपा के महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं। धर्मवीर प्रजापति मूलरूप से हाथरस जिले के बहरदोई के रहने वाले हैं।

उन्होंने आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में समाज के लिए सेवा के कार्य आरंभ किए। इसके बाद उन्होंने भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वर्ष 2002 मे पहली बार उन्हेंं प्रदेश का दायित्व मिला। तत्कालीन पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में वह प्रदेश के महामंत्री बने। इसके बाद दो बार प्रदेश संगठन में मंत्री का दायित्व को भी संभाला।

संजय गोंड: संजीव सिंह गोंड उर्फ संजय गोंड सोनभद्र के ओबरा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। संजय गोंड अनुसूचित जनजाति से आते हैं। वह अपनी सादगी के लिए चर्चित हैं।

गोंड जाति की सोनभद्र, मिर्जापुर व चंदौली समेत पूर्वांचल के कई जिलों में अच्छी संख्या है। गोंड़ जाति को साधने के लिए भाजपा उन्हेंं मंत्री बना रही है।

छत्रपाल गंगवार: बरेली के बहेड़ी से लगातार दूसरी बार विधायक बने छत्रपाल गंगवार को बरेली जिले का प्रतिनिधित्व देने के साथ पिछड़ा वर्ग के वोट को सहेजने के लिए मंत्री बनाया जा रहा है। सरकार बनने के बाद कैंट विधायक को वित्त मंत्री और आंवला विधायक धर्मपाल सिंह को सिंचाई मंत्री बनाकर जिले का कद मजबूत किया गया था। इसके बाद दोनों से इस्तीफा ले लिया गया था।

छत्रपाल गंगवार पिछड़ा वर्ग से हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में उन्होंने लंबे समय तक काम किया था। इसके बाद भाजपा में आए। चुनाव में उन्होंने सपा प्रत्याशी अता उर रहमान को हराया था। छत्रपाल गंगवार को मंत्री बनाकर क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग को साधने का प्रयास होगा। बहेड़ी, नवाबगंज, भोजीपुरा और आंवला क्षेत्रों में पिछड़ा वर्ग से मंत्री बनाए जाने का सीधा प्रभाव माना जा रहा है। बहेड़ी का एक हिस्सा पीलीभीत संसदीय क्षेत्र में भी आता है।

संगीता बिंद: संगीता बलवंत बिंद निषाद समुदाय से हैं। वह गाजीपुर सदर सीट से भाजपा की विधायक हैं। वह पिछड़ी जाति बिंद समाज से आती हैं। वह पहली बार विधायक चुनी गई हैं।

संगीता छात्र राजनीति और पंचायत की राजनीति से सक्रिय राजनीति में आईं. संगीता युवा नेता हैं और करीब 42 वर्ष की हैं। पूर्वांचल में बिंद (ओबीसी) का अच्छा खासा वोट बैंक है। संगीता इसी जाति से आती हैं। भारतीय जनता पार्टी से इनका जुड़ाव 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुआ। मनोज सिन्हा की करीबी मानी जाने वाली डॉ संगीता बलवंत को 2017 में सिन्हा के प्रयासों से ही टिकट मिला।

पलटू राम: योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रहे भाजपा विधायक पलटू राम बलरामपुर की सदर सुरक्षित सीट से जीते हैं। वह राजनीति के अलावा खेती भी करते हैं और सादगी से अपना जीवन गुजारते हैं। गोंडा जिले के परेड सरकार गांव में जन्मेंं विधायक पलटू राम ने अवध विश्वविद्यालय से एमए तक की शिक्षा प्राप्त की। राजनीति में रुझान होने के कारण छात्र जीवन से ही सामाज कार्यों में भागीदारी करते रहे।

वह सन 2000 में सबसे पहले भदुआ तरहर क्षेत्र से सदस्य और जिला पंचायत के उपाध्यक्ष चुने गए। इसके 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर वह मनकापुर सुरक्षित सीट से लड़े। उन्होंने 2015 में गिर्द गोंडा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा व समर्पण को देखते हुए उन्हेंं 2017 के विधानसभा चुनाव में बलरामपुर सदर सीट से लडऩे का टिकट दिया गया। जहां उन्होंने जीत दर्ज की।

दिनेश खटीक: मेरठ के हस्तिनापुर से भाजपा विधायक दिनेश खटीक को मंत्री बनाया जा रहा है। 44 वर्षीय विधायक दिनेश खटीक मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। इन्होंने 2017 में पहली बार भाजपा की ओर से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था।

पहली ही बार में दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की। दिनेश खटीक शुरू से ही भाजपा में रहे हैं और संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। इनके पिता भी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। विधायक दिनेश खटीक का फलावदा में ईंट भट्टे का व्यवसाय है। वह मेरठ के गंगानगर में रहते हैं।

विभाग के कर्मचारियों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग

लखनऊ: यूपी वाणिज्यकर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन ने विभाग के कर्मचारियों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष जेपी मौर्य ने इस संबंध में आयुक्त वाणिज्यकर को पत्र लिखा है। एसोसिएशन ने जिलों में डीएम द्वारा शासन के आदेशों के विपरीत राजस्व संग्रह वाले विभागों के कर्मचारियों को बीएलओ के काम में लगा दिया जा रहा है, जिससे विभागों में कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो जा रही है। 


इन विभागों में पहले से ही काफी पद रिक्त हैं व बीएलओ की ड्यूटी लगने से कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो जा रही है। इससे राजस्व संग्रह पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। विभागों के कर्मचारियों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त रखा जाए।

अपनी संपत्ति नहीं बताई तो लटकेगा वेतन, जानिए किस विभाग के लिए है यह आर्डर

ऊर्जा निगमों के इंजीनियरों से लेकर बाबू तक को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा न देना अब महंगा पड़ेगा। उनकी प्रोन्नति तो रुकेगी ही, मासिक वेतन भी लटकेगा। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को पत्र लिखकर 30 सितंबर तक सभी कार्मिकों को संपत्ति का ब्योरा देने की मोहलत दी है। 30 सितंबर से पहले पोर्टल पर संपत्ति की जानकारी अपलोड न करने वाले कार्मिकों को अक्टूबर में वेतन नहीं मिल सकेगा।

तमाम अनियमितताओं को लेकर आए दिन चर्चा में रहने वाले ऊर्जा निगमों के ज्यादातर अभियंताओं से लेकर बाबू तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। वैसे तो नियमानुसार पिछले वर्ष 2020 का चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा सभी कार्मिकों को इस वर्ष 31 जनवरी तक दे देना चाहिए था लेकिन पिछले माह तक ज्यादातर ने ब्योरा नहीं दिया। ऐसे में पावर कारपोरेशन के निदेशक (कार्मिक प्रबंधन) एके पुरवार ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों से 31 अगस्त तक 35 हजार से अधिक सभी बिजली कार्मिकों की संपत्ति का ब्योरा पावर कारपोरेशन के संबंधित पोर्टल (ईआरपी के ईएसएस पोर्टल) पर अपलोड कराने के लिए कहा है।

गौर करने की बात यह है कि 31 अगस्त गुजरने के बाद भी ज्यादातर ने संपत्ति का ब्योरा अपलोड नहीं किया। ज्यादातर कार्मिकों की हीला-हवाली को पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने गंभीरता से लेते हुए अब ऐसे सभी कार्मिकों का मासिक वेतन रोकने का फैसला किया है। निदेशक कार्मिक पुरवार ने सभी कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को एक और पत्र लिखकर स्पष्ट तौर पर कहा है कि 30 सितंबर तक जिन कार्मिकों द्वारा अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा, उन्हें ही अगले महीने से वेतन देने पर विचार किया जाएगा। यह भी स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने पर ही संबंधित कार्मिक को प्रोन्नति करने पर विचार किया जाएगा। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज का कहना है कि सभी बिजली कार्मिकों को समय से अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा दे ही देना चाहिए।

>>पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिजली कंपनियों के एमडी को पत्र लिख 30 तक की दी मोहलत
’>>वर्ष 2020 का चल-अचल संपत्ति का ब्योरा सभी कार्मिकों को इस वर्ष 31 जनवरी तक ही देना था

अस्थायी कनेक्शन में अनियमितताओं पर 23 अभियंताओं को आरोप पत्र
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अस्थायी बिजली कनेक्शन देने में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के विद्युत राजस्व के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। गड़बड़ियों के लिए प्रथम दृष्टया जिम्मेदार पाए गए तीन अधिशासी अभियंता, आठ सहायक अभियंता और 11 अवर अभियंताओं को पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने आरोप पत्र सौंप जवाब तलब किया है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी जा सकती है। दोषियों के खिलाफ सतर्कता जांच के साथ ही उनकी बर्खास्तगी तक हो सकती है। सभी अभियंताओं को पहले ही पश्चिमांचल डिस्काम से हटाकर पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम स्थानांतरित किया जा चुका है।

बैंक कर्मियों के लिए खुशखबरी: अक्टूबर में 21 दिन बंद रहेंगे बैंक, RBI ने घोषित किया 14 दिन का अवकाश

सितंबर में 30 तारीख को बैंकों की अर्धवार्षिक क्लोजिंग के बाद अक्टबूर में भी बैंक कर्मियों की बल्ले-बल्ले होगी। 31 दिन के महीने अकटूबर में 21 दिन बैंक बंद रहेंगे यानी सिर्फ दस दिन काम होगा। इन 21 दिन में अलग-अलग राज्यों में अवकाश होगा। अक्टूबर महीने में काफी त्योहार होने की वजह से कई दिन बैंक बंद रहेंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने कैलेंडर में अक्टबूर में बैंकों में 14 दिन का अवकाश घोषित किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के घोषित अवकाश के अनुसार अक्टबूर के 31 दिन में 14 दिन बैंक बंद रहेंगे। बैंकों में 17 दिन ही काम होगा। वैसे तो कुछ राज्यों ने अपने स्थानीय पर्व को जोड़कर बैंकों में अलग ही अवकाश घोषित किया है। अगर इनको मिलाया जाए तो बैंकों में अक्टूबर में कुल मिलाकर 21 दिन का अवकाश है। अलग-अलग राज्यों में बैंक की छुट्टियां अलग-अलग हैं। इनमें 14 छुट्टियां आरबीआई ने घोषित की हैं।

त्यौहारों के साथ ही अक्टूबर महीने में चार रविवार और दूसरा और चौथा शनिवार भी शामिल है। आरबीआई छुट्टियों की सूची राज्यवार समारोहों, धाॢमक छुट्टियों और त्यौहार के आधार पर जारी करता है। अक्टूबर में एक से लेकर तीन और फिर छह से लेकर दस अक्टूबर तक बैंकों में छुट्टियां हैं। इसके बाद 12 से 24 तक बैंकों में अवकाश है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में 26 व 31 तारीख को को भी छुट्टी रहेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर अक्टूबर के महीने में एक अक्टूबर को बैंक खातों का अर्धवाॢषक समापन पर गंगटोक में अवकाश रहेगा। दो अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती तथा तीन अक्टूबर को रविवार की छुट्टी रहेगी। छह को अगरतला, बेंगलुरु व कोलकाता में महालय अमावस्ये का अवकाश होगा। इम्फाल में सात को 7 लैनिंग्थौ सनमही का अवकाश होगा। इसके बाद नौ को महीने का दूसरा शनिवार तथा दस को रविवार का अवकाश होगा। 12 को अगरतला व कोलकाता में दुर्गा पूजा महा सप्तमी, 13 को अगरतला, भुवनेश्वर, गंगटोक, गुवाहाटी, इंफाल, कोलकाता, पटना व रांची में दुर्गा पूजा महा अष्टमी, 14 को दुर्गा पूजा-दशहरा की छुट्टी होगी।

इंफाल व शिमला को छोड़ 15 अक्टूबर को दुर्गा पूजा व दशहरा पर अवकाश भी रहेगा। 16 अक्टूबर को गंगटोक में दुर्गा पूजा की छुट्टी रहेगी जबकि 17 को रविवार है। 18 अक्टूबर को गुवाहाटी में कटि बिहू की छुट्टी होगी जबकि 19 ईद-ए-मिलाद का अवकाश होगा। 20 को अगरतला, बेंगलुरु, चंडीगढ़, कोलकाता व शिमला में महॢष वाल्मीकि का जन्मदिन, लक्ष्मी पूजा व ईद-ए-मिलाद की छुट्टी है। 22 को जम्मू व श्रीनगर में ईद-ए-मिलाद-उल-नबी के बाद शुक्रवार का अवकाश है। 23 को चौथा तथा 24 अक्टूबर को रविवार है। 26 को जम्मू व श्रीनगर में परिग्रहण दिवस तथा 31 अक्टूबर को रविवार पर छुट्टी होगी।