प्रशिक्षण का उद्देश्य परीक्षा की नई पद्धति और पाठ्यक्रम में हुए बदलाव से भी रूबरू करना है। इसके लिए बोर्ड प्रधानाचार्यों को वचरुअल प्रशिक्षण देगा। पांच दिवसीय यह प्रशिक्षण दो चरणों में होगा।
लीडरशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सीबीएसई प्रधानाचार्यों को नेतृत्व करना भी सिखाएगा, ताकि वह स्कूल को सही तरीके से संचालित कर सकें।
प्रधानाचार्यों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के टिप्स भी देगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस तरह का प्रशिक्षण पहली बार आयोजित हो रहा है। ऐसे में सभी प्रधानाचार्यों का इसमें शामिल होना अनिवार्य होगा। स्कूलों को शेड्यूल निर्धारित कर सूचना भी बोर्ड द्वारा उपलब्ध करा दी गई है।
दो चरणों में आयोजित होगा प्रशिक्षण: पहला चरण एक सितंबर से 14 अक्टूबर तक तथा दूसरे चरण का प्रशिक्षण दो से 30 दिसंबर तक आयोजित होगा। प्रशिक्षण के लिए प्रधानाचार्यों का पंजीकरण सेंटर आफ एक्सीलेंस द्वारा किया जाएगा।
सीबीएसई ने प्रधानाचार्यों को नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार करने के लिए यह पहल की है। यह प्रशिक्षण प्रधानाचार्यों को एक प्रशासक के रूप में भी मजबूत करेगा। जिससे वह शैक्षिक नेतृत्व करने में सफल हो सकें।