नई दिल्ली: कोरोना से कई बच्चों के सिर से उनके अभिभावकों का साया छिन गया है। ऐसे सभी अनाथ हो चुके छात्रों की आर्थिक परेशानी को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने तय किया है कि वह इनसे परीक्षा व पंजीकरण शुल्क नहीं लेगा। इस संबंध में सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने मंगलवार को सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को परिपत्र जारी कर कहा कि स्कूल बोर्ड परीक्षा देने वाले ऐसे सभी 10वीं और 12वीं के छात्रों की जांच करे जो कोरोना के दौरान अनाथ हो गए हैं। बोर्ड को लिस्ट आफ कैंडिडेट (एलओसी) उपलब्ध कराते समय उनकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। बोर्ड ने ये भी स्पष्ट किया कि ये छूट केवल सत्र 2021-22 के छात्रों के लिए ही रहेगी।
Showing posts with label CBSE Board. Show all posts
Showing posts with label CBSE Board. Show all posts
गोरखपुर : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं के संस्थागत व व्यक्तिगत विद्यार्थियों के अंक सुधार परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिया है। प्रवेश पत्र आधिकारिक वेबसाइट https://www.cbse.gov.in/ पर उपलब्ध हैं। संस्थागत छात्रों को प्रवेश पत्र के लिए संबंधित स्कूलों से संपर्क करना होगा, जबकि व्यक्तिगत विद्यार्थी प्रवेश पत्र आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
अंक सुधार की परीक्षा 25 अगस्त से शुरू हो रही हैं जो 15 सितंबर को समाप्त होगी। सीबीएसई द्वारा यह परीक्षा संस्थागत व व्यक्तिगत दोनों विद्यार्थियों के लिए कोविड गाइड लाइन के साथ आफलाइन आयोजित की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि हाई स्कूल या इंटरमीडिएट के जिन छात्रों का किसी कारण रिजस्ट रुका हुआ है उन्हें सितंबर या अक्तूबर में फिर से परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। यह आश्वासन उन्होंने बुधवार को शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्रीचंद शर्मा के नेतृत्व में सदन में मिले प्रतिनिधिमंडल को दिया।
प्रतिनिधिमंडल में शिक्षक एमएलसी उमेश द्विवेदी, डॉ. मानवेंद्रि सिंह, अरुण पाठक. डॉ. हरि सिंह ढिल्लो और अवनीश कुमार सिंह ने उप मुख्यमंत्री को एक प्रतिवेदन के साथ ही कई मुद्दों पर वार्ता की। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय शिक्षकों की सेवा नियमावली को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। विद्यालय दो पालियों में चलेंगे। हालांकि पूर्व में जिन शिक्षकों की बेला आवंटित है वो पढ़ाएं। बाकी विद्यालय और प्रधानाचार्य के विवेक पर है। यह व्यवस्था अस्थाई है जो कोरोना का प्रभाव कम होने पर फिर से पूर्व की तरह प्रभावी होगी।
प्रतिनिधिमंडल में शिक्षक एमएलसी उमेश द्विवेदी, डॉ. मानवेंद्रि सिंह, अरुण पाठक. डॉ. हरि सिंह ढिल्लो और अवनीश कुमार सिंह ने उप मुख्यमंत्री को एक प्रतिवेदन के साथ ही कई मुद्दों पर वार्ता की। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय शिक्षकों की सेवा नियमावली को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। विद्यालय दो पालियों में चलेंगे। हालांकि पूर्व में जिन शिक्षकों की बेला आवंटित है वो पढ़ाएं। बाकी विद्यालय और प्रधानाचार्य के विवेक पर है। यह व्यवस्था अस्थाई है जो कोरोना का प्रभाव कम होने पर फिर से पूर्व की तरह प्रभावी होगी।
गोरखपुर : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अपने प्रधानाचार्यों को नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए तैयार करेगा। इसके तहत होने वाले शैक्षिक परिवर्तनों की जानकारी देगा और उसी के अनुसार उन्हें अपडेट करेगा, ताकि उन्हें कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
लीडरशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सीबीएसई प्रधानाचार्यों को नेतृत्व करना भी सिखाएगा, ताकि वह स्कूल को सही तरीके से संचालित कर सकें।
प्रधानाचार्यों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के टिप्स भी देगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस तरह का प्रशिक्षण पहली बार आयोजित हो रहा है। ऐसे में सभी प्रधानाचार्यों का इसमें शामिल होना अनिवार्य होगा। स्कूलों को शेड्यूल निर्धारित कर सूचना भी बोर्ड द्वारा उपलब्ध करा दी गई है।
दो चरणों में आयोजित होगा प्रशिक्षण: पहला चरण एक सितंबर से 14 अक्टूबर तक तथा दूसरे चरण का प्रशिक्षण दो से 30 दिसंबर तक आयोजित होगा। प्रशिक्षण के लिए प्रधानाचार्यों का पंजीकरण सेंटर आफ एक्सीलेंस द्वारा किया जाएगा।
सीबीएसई ने प्रधानाचार्यों को नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार करने के लिए यह पहल की है। यह प्रशिक्षण प्रधानाचार्यों को एक प्रशासक के रूप में भी मजबूत करेगा। जिससे वह शैक्षिक नेतृत्व करने में सफल हो सकें।
प्रशिक्षण का उद्देश्य परीक्षा की नई पद्धति और पाठ्यक्रम में हुए बदलाव से भी रूबरू करना है। इसके लिए बोर्ड प्रधानाचार्यों को वचरुअल प्रशिक्षण देगा। पांच दिवसीय यह प्रशिक्षण दो चरणों में होगा।
लीडरशिप प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत सीबीएसई प्रधानाचार्यों को नेतृत्व करना भी सिखाएगा, ताकि वह स्कूल को सही तरीके से संचालित कर सकें।
प्रधानाचार्यों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के टिप्स भी देगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस तरह का प्रशिक्षण पहली बार आयोजित हो रहा है। ऐसे में सभी प्रधानाचार्यों का इसमें शामिल होना अनिवार्य होगा। स्कूलों को शेड्यूल निर्धारित कर सूचना भी बोर्ड द्वारा उपलब्ध करा दी गई है।
दो चरणों में आयोजित होगा प्रशिक्षण: पहला चरण एक सितंबर से 14 अक्टूबर तक तथा दूसरे चरण का प्रशिक्षण दो से 30 दिसंबर तक आयोजित होगा। प्रशिक्षण के लिए प्रधानाचार्यों का पंजीकरण सेंटर आफ एक्सीलेंस द्वारा किया जाएगा।
सीबीएसई ने प्रधानाचार्यों को नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार करने के लिए यह पहल की है। यह प्रशिक्षण प्रधानाचार्यों को एक प्रशासक के रूप में भी मजबूत करेगा। जिससे वह शैक्षिक नेतृत्व करने में सफल हो सकें।